कलेक्टर की संवेदनशीलता: आदिवासी बालिका की पीड़ा सुन ₹25 हजार की तत्काल सहायता
Ratlam : CM शिवराजसिंह चौहान की मंशा के अनुरूप रतलाम कलेक्टर और DM नरेंद्र कुमार सूर्यवंशी द्वारा आदिवासियों के प्रति संवेदनशीलता व सुशासन की मिसाल कायम की गई है।
सोमवार को कलेक्ट्रेट कक्ष में बाजना क्षेत्र के ग्राम इमलीपाड़ा कला की आदिवासी बालिका मनीषा चरपोटा अपनी पीड़ा लेकर कलेक्टर के पास पहुंची थी। बालिका ने कलेक्टर को बताया था कि उसके पिता दुर्घटना के कारण शहर के निजी नर्सिंग होम में भर्ती हैं, जिनके उपचार में अभी तक काफी राशि खर्च हो चुकी है। अस्पताल को अभी 2 लाख रुपए और चाहिए। अब परिवार के पास पैसे नहीं हैं। अस्पताल वालों ने आईसीयू से भी उसके पिता को बाहर करके जनरल वार्ड में भर्ती कर दिया है और 4 दिन से इलाज भी नहीं कर रहे हैं।
बालिका की पीड़ा को सुनकर कलेक्टर ने उसे ढांढस बंधाया। उसके सर पर हाथ रखा और फिर सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिड़े एवं सीएमएचओ डॉ नानावरे को साथ लेकर अस्पताल में पहुंचे। बालिका के पिता मरीज भुर जी चरपोटा को देखा। अस्पताल प्रबंधन को सख्ती से निर्देशित किया कि भुर जी का पूर्ण उपचार किया जाए। उसकी प्रत्येक जरूरत का पूरा ख्याल रखा जाए। उसको किसी भी प्रकार की दिक्कत नहीं आने पाए। कलेक्टर ने मरीज को वापस आईसीयू में भर्ती करवाया। अस्पताल प्रबंधन से कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अन्य वर्गों के साथ-साथ आदिवासी समाज के लिए अत्यंत संवेदनशील हैं।
मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार मरीज के उपचार का पूरा खर्च शासन प्रशासन वहन करेगा। कलेक्टर से चर्चा एवं उनकी समझाइश पश्चात अस्पताल प्रबंधन ने भी आदिवासी परिवार से मरीज के उपचार की पेंडिंग राशि 2 लाख रुपए नहीं लेने का निर्णय लिया। इसके साथ ही कलेक्टर ने अन्य खर्चों के लिए बालिका को रेडक्रॉस से 25 हजार रुपए का चेक भी दिया। कलेक्टर ने बालिका मनीषा और साथ में मौजूद उसकी भाभी अमरी बाई से कहा कि भुर जी चरपोटा को हर आवश्यक उपचार दिलवाया जाएगा। यहां से भी आगे यदि किसी और अच्छे अस्पताल में भर्ती कराने की आवश्यकता होगी तो वह भी किया जाएगा। शासन-प्रशासन परिवार के दुख में आपके साथ खड़ा है।
कलेक्टर की संवेदनशीलता और सहृदयता को देखकर आदिवासी परिवार की आंखें खुशी से नम हो गई। परिवार ने कलेक्टर के साथ-मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का उनके सुशासन और आदिवासियों के लिए संवेदनशील के लिए दिल से आभार जताया। अस्पताल से जाते हुए कलेक्टर सूर्यवंशी ने बालिका मनीषा से कहा कि अब आगे जब भी कोई जरूरत हो, परेशानी हो बता देना। तत्काल परेशानी का हल कर दिया जाएगा।