Collector’s Strictness : अवैध उत्खनन करने वाले 9 बकायादारों से 68 करोड़ की वसूली का पत्र!
Alirajpur : कलेक्टर डॉ अभय बेडेकर ने जिला खनिज कार्यालय में लंबे समय से दर्ज अवैध उत्खनन के प्रकरणों में राजस्व वसूली (आरआरसी) की जानकारी के लिए निर्देश पत्र जारी किए। ये पत्र सब डिविजनल ऑफिसर को जारी किए हैं। पत्र में बताया गया कि 11 प्रकरण व्यक्तियों तथा संस्थाओं के खिलाफ बनाए गए थे। इनमें कुल 68,11,95,780 रुपए के अवैध उत्खनन की वसूली शासन को करना है।
बताया गया कि शासन इस मामले में इस बकाया राशि की वसूली नहीं कर पा रहा था। कलेक्टर ने इन मामलों को समझा और इसके लिए आरआरसी जारी की। यहां तक कि इन मामलों में हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में 1 सितंबर को जनहित याचिका भी दायर की गई है। कलेक्टर डॉ अभय बेडेकर ने कहा कि यह मामला काफी पुराना है। लेकिन, शासन के धन की वसूली की जाएगी। अन्यथा इनकी संपत्ति की कुर्की करके शासकीय धन वसूला जाएगा।
जारी पत्र में एक ही व्यक्ति सुरपाल अजनार के तीन अवैध उत्खनन के प्रकरणों की जानकारी दी गई, जिसमें पहला प्रकरण 9,44,01,000 रुपए का, द्वितीय प्रकरण 16,72,29,000 का और तीसरा प्रकरण 1,94,14,350 रुपए का है। सुरपाल अजनार पर 28,10,44,350 रुपए की राशि बकाया हैं। बताया गया कि सुरपाल अजनार कांग्रेस के नेता हैं, जिनसे सरकार अवैध उत्खनन की 28 करोड़ रुपए से अधिक की राशि वसूल नहीं कर पाया। पहली बार कलेक्टर ने इस मामले में सख्ती दिखाई है। जानकारी के अनुसार जिले की जोबट तहसील के ग्रामीण क्षेत्र में यह अवैध खनन हुआ था।
हाईकोर्ट में याचिका भी दायर
अवैध भू-खनन कर्ता सुरपाल सिंह अजनार से 28 करोड़ रुपए से अधिक राशि की शास्ति वसूली के लिए जोबट ब्लाक के दो समाजसेवी नाहर सिंह और ठाकुर सिंह ने मप्र हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में 1 सितंबर को जनहित याचिका (डब्ल्यूपी 22698/2023) भी प्रस्तुत की थी। जनहित याचिका के मुताबिक, लंबे समय से अवैध उत्खननकर्ताओं से शासकीय धन की वसूली नहीं हो पा रही थी यही कारण था कि इन समाजसेवियों को मजबूर होकर हाईकोर्ट की शरण लेना पड़ी।
शासकीय भूमि पर गहरे गड्ढे कर दिए गए
इस याचिका में शासकीय स्तर पर विशेष जांच दल गठित कर जिलेभर में बढ़ रहे अवैध खनन को रोकने का भी निवेदन किया गया। समाजसेवियों ने जनहित याचिका में चिंता जाहिर की है, कि यह अवैध उत्खनन हरी-भरी शासकीय भूमि पर किया गया। खाली पड़ी जमीन पर गहरे गड्ढे कर दिए गए। यदि यह अवैध उत्खनन इन उपजाऊ भूमि पर नहीं होता, तो ग्रामीण यहां खेती करते और उनके जीवन में खुशहाली आती। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ और व्यक्ति विशेष ही समृद्ध हुआ। लोकतंत्र में संवैधानिक रूप से यह अक्षम्य हैं। साथ ही शासकीय राजस्व के रूप में होने वाली करोड़ों की वसूली न होने से शासन एवं जनहित को बड़ी हानि हो रही है। वहीं अवैध उत्खनन कार्य करने वालों के हौंसले भी बुलंद हैं।
ये हैं बाकी अवैध उत्खनन के बकाएदार
वीरेंद्र सिंह जादौन अरेरा कॉलोनी (भोपाल) को जिला रेत खदान समूह अलीराजपुर की बकाया राशि 14 करोड़ 92 लाख 25 हजार 108 रुपए राजस्व बकाया वसूली का नोटिस जारी किया। इसके अलावा अवैध उत्खनन के प्रकरणों में राजस्व वसूली में कमलसिंह पिता सेकड़िया अजनार (जोबट) के दो अलग अलग प्रकरणों में क्रमशः 8 करोड़ 21 लाख 30 हजार 625 रुपए एवं 28 करोड़ 6 लाख 24 हजार 5 सौ रुपए की वसूली का नोटिस दिया गया है।
इसी प्रकार से ठेकेदार प्रबंधक सीएल चौधरी (निवासी बरझर) को 80 लाख रुपए, सुरेश कुमार गुप्ता (जोबट) एवं अंशुल पिता गोरेलाल (ललितपुर यूपी) को एक लाख 20 हजार रुपए, कान्हा भाई पिता हीराभाई छंगा (कोटड़ा अंगड़ कच्छ गुजरात) एवं नानाभाई पिता रणछोड़जी बागदिया (गोलानपुर कड़ाना जिला पंचमहाल गुजरात) को 10 लाख 12 हजार 5 सौ रुपए आर्यव्रत इंफ्रास्ट्रक्चर प्रालि (अहमदाबाद गुजरात), छोटा उदयपुर-धार ब्राडगेज रेलवे लाईन के प्रोजेक्ट मैनेजर दयाशंकर पांडे को 2 करोड़ 70 लाख 90 हजार रुपए, सिराजुद्दीन पिता मोहम्मद इसहाक खान (अलीराजपुर) को 11 लाख 73 हजार 755 रुपए बकाया का नोटिस जारी किया गया है।