भोपाल। वरिष्ठ पत्रकार रवीन्द्र जैन के घर में घुसकर धमकाने डराने का मामला अब भोपाल जिला न्यायालय पहुंच गया है। आवेदक अविचल जैन ने पूर्व वरिष्ठ IAS अधिकारी श्री राधेश्याम जुलानिया और जिला खाद्य अधिकारी श्री अनिल पाठक के खिलाफ धारा 452, 384, 388 120बी भादंवि के तहत एफआईआर दर्ज करने की मांग की है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार रवीन्द्र जैन ने एक खबर छापी थी कि जुलानिया की बेटी लावण्या ने सोशल साईड लिंक्ड इन पर दिये अपने बायोडेटा में लिखा है कि उन्होंने वर्ष मई 2015 से अक्टूबर 2017 तक लगभग ढाई साल हैदराबाद की मेंटाना कंपनी की सहायक स्टार्टअप कंपनी में नौकरी की है। जबकि इसी कार्यकाल में मेंटाना कंपनी मप्र के जल संसाधन विभाग में अरबों के ठेके ले रही थी। स्वयं श्री जुलानिया जल संसाधन विभाग के प्रमुख सचिव थे। क्या श्री जुलानिया ने राज्य सरकार को सूचना दी थी कि उनकी बेटी उनके ही विभाग के ठेकेदार की कंपनी में काम कर रही है?
बताया गया है कि इस खबर से नाराज जुलानिया ने अशोकनगर के जिला खाद्य अधिकारी अनिल पाठक को रवीन्द्र जैन के प्रोफेसर काॅलोनी, भोपाल स्थित निवास पर भेज उनके परिवार को डराने और धमकाने का प्रयास किया था। रवीन्द्र जैन के बेटे अविचल जैन ने इसकी लिखित शिकायत उसी दिन श्यामला हिल्स थाने को की, लेकिन माना जा सकता है कि, चूंकि उस समय जुलानिया मप्र के वरिष्ठतम आईएएस अधिकारी थे, इसलिये उनके दबाव व प्रभाव में पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की।
बता दें कि पुलिस की साइबर टीम ने रवीन्द्र जैन के घर से अनिल पाठक के CCTV फुटेज और फोटो आदि जब्त किये थे।
पुलिस द्वारा एफआईआर दर्ज न करने से दुखी रवीन्द्र जैन के बेटे अविचल जैन ने अधिवक्ता श्री यावर खान के माध्यम से जनवरी 2020 में भोपाल जिला न्यायालय में परिवाद प्रस्तुत कर राधेश्याम जुलानिया एवं अनिल पाठक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का अनुरोध किया था। लेकिन दो साल लगातार कोरोना के कारण न्यायालय में सुनवाई नहीं हो पाई। अब जिला न्यायालय ने इस मामले में अगले महीने 19 अप्रैल को सुनवाई तय की है।