कांग्रेस पर परिवार के विकास का आरोप, उधर संघर्ष मोड़ में कांग्रेस!

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कांग्रेस पर परिवार के विकास का आरोप, उधर संघर्ष मोड़ में कांग्रेस

● अरुण पटेल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विपक्षी दलों यानी इंडिया ब्लाक पर हमला करते हुए कहा है कि विपक्ष का एकमेव लक्ष्य परिवार का साथ और परिवार का विकास है। मध्यप्रदेश के अशोकनगर में उन्होंने कहा कि सेवा ही ऐसी गंगा है जिसमें प्रत्येक व्यक्ति डुबकी लगाकर जीवन को सार्थक कर सकता है। मोदी ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद और युद्ध जैसी चुनौतियों का समाधान जैन धर्म के सिद्धान्तों से ही किया जा सकता है। इस अवसर पर उन्होंने लोगों को नौ संकल्प भी दिलाए। वहीं दूसरी ओर प्रधानमंत्री मोदी के गृह राज्य गुजरात में साबरमती के तट से कांग्रेस ने अपने दो दिवसीय अधिवेशन में इस बात का ऐलान किया कि हमम आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ रहे हैं, उसने यहां न्यायपथ प्रस्ताव पारित कर संघर्ष के पथ पर आगे बढ़ने का संकल्प भी लिया है।

 

देश में ‘राम पथ गमन’ का विकास करेंगे

प्रधानमंत्री मोदी ने संतों के कथन का हवाला देते हुए अशोकनगर में कहा कि यहां पर ‘शोक’ भी आने से डरता है। मध्यप्रदेश के तत्कालीन संस्कृति मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने तत्कालीन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के जिस ड्रीम प्रोजेक्ट के बारे में काफी काम किया था उसे आगे बढ़ाते हुए मोदी ने कहा कि देश में राम पथ गमन का विकास करेंगे जिसका अहम हिस्सा मध्यप्रदेश से गुजरेगा। उनका कहना था कि हम देश में राम पथ गमन का विकास कर रहे हैं। मध्यप्रदेश सरकार भी अभी से उज्जैन सिंहस्थ की तैयारी में जुट गयी है। मध्यप्रदेश तो पहले से ही अजब और गजब है और ऐसे कामों से उसकी पहचान और मजबूत होगी। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने इस बात पर जोर दिया कि गरीब की सेवा करना ही सच्चा परमार्थ है और गरीब की आत्मा में रच-बस जाना ही सच्ची मानव सेवा है। जिस प्रकार आनंदपुर धाम में सेवा का केंद्र बना है, हमारी सरकार भी ऐसा ही सेवा केन्द्र बनायेगी और हम गौ-माता की सेवा भी करेंगे। आनंदपुर धाम में यही सीखने को मिला कि गरीबों की सेवा कर ईश्वर के करीब कैसे जाया जा सकता है।

 

मंदिर धुलवाते हैं भाजपा के लोग

काग्रेस पार्टी अब निष्क्रिय लोगों की छुट्टी करने वाली है, इसका संकेत साबरमती नदी के तट पर 84वें महाधिवेशन में कांग्रेस ने दिया और वह अब अल्पसंख्यकों के साथ दलितों और पिछड़े वर्ग के लोगों को भी अपनी ओर आकर्षित करने का अभियान छेड़ने वाली है। भाजपा के ऊपर दलितों को लेकर उसकी यानी भाजपा की कथित मानसिकता पर जोरदार शाब्दिक हमला करते हुए कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि राजस्थान में विपक्ष के नेता दलित हैं और वे रामनवमी पर दर्शन करने मंदिर गए तो भाजपा नेताओं ने वहां गंगाजल छिड़का, यह शर्म की बात है। जो दलित और पिछड़े हैं वह भी तो आखिर इंसान ही हैं। जब प्रतिपक्ष के नेता के साथ ऐसा है तो सोचिए जो देहात में रहने वाले दलित हैं उनके क्या हालात होंगे। वहीं दूसरी ओर लोकसभा में प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी का कहना था कि भाजपा दलितों को मंदिर नहीं जाने देती और कोई चला गया तो मंदिर धुलवाती हैं, कांग्रेस और भाजपा में यही फर्क है।

 

अब ईसाई समाज की जमीन पर कब्जा

‘आर्गनाइजर’ में वक्फ बिल पास होने पर जो लेख छपा है उसका हवाला देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि अब ईसाई समाज की जमीन पर कब्जा करेंगे, यानी यह किसी को नहीं छोड़ेंगे। चूंकि, यह मामला दलितों से जुड़ा हुआ है और भाजपा दलितों को रिझाने का कोई मौका हाथ से नहीं जाने देती इसलिए राजस्थान में पूर्व भाजपा विधायक ज्ञानदेव आहूजा, जिन्होंने अलवर में राम मंदिर में गंगाजल छिड़क कर शुद्धीकरण किया था और एक दिन पहले यहां समारोह में कांग्रेस नेता जूली शामिल हुए थे। इस पर भाजपा ने नोटिस जारी कर पूर्व विधायक ज्ञानदेव आहूजा को पार्टी से ही निलंबित कर दिया। उसका यह कदम कितना असर दिखाता है यह तो आने वाले समय में ही पता चलेगा, लेकिन कांग्रेस इस मुद्दे को आसानी से छोड़ती नजर नहीं आ रही।

इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन यानी ईवीएम पर निशाना साधते हुए मल्लिकार्जुन खरगे ने आरोप लगाया कि भाजपा महाराष्ट्र में धांधली करके चुनाव जीती, पूरी दुनिया बैलेट पेपर पर शिफ्ट हो रही है। उन्होंने चुनाव में धांधली, अमेरिकी टेरिफ, वक्फ संशोधन कानून और लोकतंत्र के मुद्दे को लेकर भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी पर इशारों ही इशारों में निशाना साधा। उनका आरोप था कि आज सरकार हर तरफ दखल बढ़ा रही है, इसलिए कांग्रेस अब आजादी की दूसरी लड़ाई लड़ रही है। पूरी दुनिया ईवीएम से बैलैट पेपर की ओर बढ़ रही है लेकिन हम ईवीएम का उपयोग कर रहे हैं जो एक धोखाधड़ी है।

 

खरगे फी आक्रामक मुद्रा

कांग्रेस के महाधिवेशन में उसके अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे काफी आक्रामक मुद्रा में नजर आए। उन्होंने यह भी कहा कि चुनावी संस्थाएं भी सरकार के कब्जे में हैं, सरकार हर चीज में दखल दे रही है, चुनाव में स्कैम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रानिक तकनीक में विकास के साथ ही दुनिया के विकसित देशों ने ईवीएम को छोड़ दिया और बैलेट पेपर अपना लिया है। दुनिया में कहीं भी ईवीएम उपलब्ध नहीं है। उन्होंने मांग की है कि ईवीएम नहीं बैलेट पेपर से चुनाव होने चाहिये। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का हवाला देते हुए खरगे ने कहा कि विधानसभा व संसद के चुनाव के बीच में अगर वहां 50 लाख मतदाता बढ़ गये तो यह कैसा चुनाव आयोग है, किस तरह से मतदाता सूचियां बनाई गई हैं ? महाराष्ट्र व हरियाणा चुनाव में धोखाधड़ी की गयी है। अहमदाबाद का अधिवेशन इस मायने में भी महत्वपूर्ण रहा कि इसमें मध्यप्रदेश के 90 से ज्यादा नेताओं ने भागीदारी की। मध्यप्रदेश के कांग्रेस नेताओं को साबरमती के अधिवेशन के बाद यह उम्मीद जागी है कि उन्हें भी अब राष्ट्रीय स्तर पर कुछ अहम जिम्मेदारियां मिलेंगी।

 

और यह भी!

एक ओर जहां कांग्रेस सहित विपक्षी दल ईवीएम पर आरोप लगा रहे हैं तो वहीं एलन मस्क के बाद अमेरिका की नेशनल इंटेलीजेंस डायरेक्टर तुलसी गबार्ड ने भी कहा कि ईवीएम को आसानी से हैक करके चुनाव नतीजों में हेरफेर की जा सकती है। इसलिए पूरे अमेरिका में बैलेट पेपर लागू करने की जरुरत है, ताकि मतदाता चुनाव की वैधता पर भरोसा कर सके। वहीं दूसरी ओर भारत के चुनाव आयोग का दावा है कि अब तक के मतदान में पांच करोड़ से ज्यादा वीवीपेट की पुष्टि हो चुकी है जो ईवीएम के वोटों में मिलान में सही पाई गई हैं। आयोग का दावा है कि हमारी ईवीएम और दूसरे देशों की ईवीएम में अंतर है और उस अंतर को उन्होंने स्पष्ट भी किया।