Congress leaders Suspended : इंदौर के शहर और जिला कांग्रेस अध्यक्ष निलंबित किए गए!

पार्टी कार्यालय में भाजपा मंत्री कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत भारी पड़ा!  

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Congress leaders Suspended : इंदौर के शहर और जिला कांग्रेस अध्यक्ष निलंबित किए गए!

Indore : वृक्षारोपण का रिकॉर्ड बनाने के लिए इंदौर शहर के सभी समाजसेवी और राजनीतिक संगठनों को आमंत्रित करने की मुहिम के तहत प्रदेश शासन के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने गांधी भवन जाकर कांग्रेस के पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया था। लेकिन, कांग्रेस के शहर अध्यक्ष सुरजीत सिंह चड्ढा और जिला अध्यक्ष सदाशिव यादव ने जिस तरह कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत किया, वो इन दोनों नेताओं के गले पड़ गया। प्रदेश कांग्रेस ने दोनों नेताओं को 7 दिन पहले कारण बताओ नोटिस जारी किया था। उसके बाद उन्हें निलंबित कर दिया गया। दोनों नेताओं को निलबिंत करने के बाद कांग्रेस के मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक का भी बयान सामना आया। उन्होंने कहा कि पार्टी में अनुशासनहीनता के लिए कोई जगह नहीं है।

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मंत्री कैलाश विजयवर्गीय को इंदौर कांग्रेस दफ्तर बुलाने के मामले में पार्टी ने कांग्रेस के शहर और जिला अध्यक्ष पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी थी। प्रदेश कांग्रेस की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक में मामला उठने के बाद दोनों नेताओं से 7 दिन में स्पष्टीकरण मांगा गया था। लेकिन, पार्टी उनके जवाब से संतुष्ट नहीं हुई इसलिए दोनों के खिलाफ निलंबन कार्यवाही की गई।

कैलाश विजयवर्गीय 12 जुलाई को इंदौर के कांग्रेस कार्यालय पहुंचे थे। यहां उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। उनके लिए गुलदस्ते से लगाकर मिठाई तक मंगवाई गई। कांग्रेस के शहर अध्यक्ष ने गुलदस्ते देकर कैलाश विजयवर्गीय का स्वागत किया उनके गले भी लगे थे। विजयवर्गीय का इस गर्मजोशी से स्वागत होने पर कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने नाराजगी जाहिर की थी। इसके बाद पार्टी की पॉलिटिकल अफेयर कमेटी की बैठक में नेताओं ने इस मामले को उठाया। इसके बाद दोनों को पार्टी ने नोटिस भेजकर जवाब मांगा गया। बताते हैं कि शहर और जिला अध्यक्ष संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। समय सीमा में जवाब न देने पर पार्टी ने दोनों नेताओं को निलबिंत कर दिया। इसका उल्लेख कारण बताओ के लिए जारी पत्र में भी किया गया है।

निलंबन की बात को पार्टी ने छुपाया 

इंदौर कांग्रेस ने चड्‌ढा और यादव को शिकायत के बाद 20 जुलाई को ही 7 दिन के लिए निलंबित कर दिया था। यह भी कहा कि सात दिन में अपना जवाब भी प्रस्तुत करें। हालांकि, पार्टी ने पूरा घटनाक्रम छुपाए रखा। जानकारी दी गई कि केवल 7 दिन का नोटिस जारी हुआ है। जबकि, दोनों को तभी निलंबित किया गया था। यह पत्र भी सोमवार को सामने आया।