काले धन की काली सुरंग में फंस रहे कांग्रेसी नेता

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काले धन की काली सुरंग में फंस रहे कांग्रेसी नेता

काले धन की छापेमारी में यह भारत का ही नहीं विश्व का नया रिकॉर्ड है , क्योंकि दुनिया के किसी वरिष्ठ सांसद के ठिकानों पर इतनी  अकूत नगद धनराशि और अवैध संपत्ति कभी नहीं मिली | झारखण्ड , ओड़िसा और छत्तीसगढ़ में कोयले , यूरेनियम , हीरे सहित  खनिज भंडारों  की खदानें भारत की  सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति है | कोयले और यूरेनियम की तस्करी के गंभीर अपराध पर सी बी आई की कार्रवाई पर मैंने 1974 में एक बड़ी रिपोर्ट लिखी और छापी थी | इसी तरह लालू यादव के प्रारंभिक वर्ष 1990 में चारा काण्ड में करीब 900 करोड़ के भ्रष्टाचार पर भी सबसे पहले दस्तावेजों के साथ रिपोर्ट , सम्पादकीय आदि लिखे और छापे | बोफोर्स का घोटाला तो मात्र 64 करोड़ का था | लेकिन अब झारखण्ड में एक वरिष्ठ कांग्रेसी सांसद धीरज साहू पर इंकम टैक्स के छापों में 350 करोड़ की नगदी बरामद हो चुकी और अभी तो अवैध धन संपत्ति की तलाश जारी है | फिर भी कांग्रेस पार्टी इसे निजी मामला कहकर पल्ला झाड़ रही है | धीरज साहू या महुआ मोहता को राज्य सभा या लोक सभा की सदस्यता  का कवच मिलने पर उन्हें   क्या  अपने  निजी जीवन में कोई भी आर्थिक अपराध करने का विशेषाधिकार मिल गया ? कांग्रेस जैसी पार्टी के नेताओं पर एक नहीं दो तीन प्रदेशों में करोड़ों रुपयों की गड़बड़ी और भ्रष्टाचार की काली सुरंग गहरी होती जा रही है |

  छत्तीसगढ़ में  कुछ हफ़्तों पहले  सट्टेबाजी के  महादेव एप और शराब ठेकों के घोटालों में पांच सात करोड़ के घोटालों का मामला कांग्रेस के नेताओं से जुड़ा मिला ही था और अब दशकों से जुड़े कांग्रेस नेता परिवार के सदस्य के ठिकानों पर छापेमारी में मिले धन के राजनीतिक उपयोग और उसके तार शीर्ष नेताओं से जुड़े होने के आरोप गंभीर हैं | इस बात पर भी ध्यान नहीं दिलाया जा रहा है कि इसी साहू परिवार के सदस्य झारखण्ड में कांग्रेस पार्टी के कोषाध्यक्ष रहे हैं |  उनके धनवान और वफ़ादारी के लिए उन्हें पार्टी संगठन , सरकारों आदि से हर संभव उपकृत किया जाता रहा है  |अब राज्यसभा सांसद धीरज साहू की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कांग्रेस सांसद के घर 6 दिनों  तक  छापेमारी  हुई ।  विभाग ने साहू के झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के 10 ठिकानों पर दबिश दी है। इस छापेमारी में इतनी नकदी बरामद हुई है कि उसे गिनने में इनकम टैक्स विभाग के पसीने छूट गए । उनकी एनोट गिनने वाली मशीन तो खराब तक हो गई। अब तक इनकम टैक्स डिपार्टमेंट ने कांग्रेस सांसद के पास से करीब 350  करोड़ रूपये नगद  बरामद किए और गड़बड़ी 500  करोड़ तक पाए जाने का अनुमान है ।आयकर विभाग के मुताबिक- यह अकेले ऑपरेशन में बरामद हुई अब तक की सबसे बड़ी नकद रकम है।  आयकर विभाग ने नोटों की गिनती करने के लिए और मशीनों के साथ अतिरिक्त स्टाफ भी बुलाया है।  एक अधिकारी का कहना है कि इस छापेमारी के दौरान उन्हें ऐसा लगा कि वह किसी बैंक के स्ट्रॉन्ग रूम में हों, जहां अलमारियों में भरकर पैसा रखा गया है।

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 साहू  परिवार का  सियासी सफर साल 1977 में शुरू हुआ। उनके भाई शिव प्रसाद साहू कांग्रेस के टिकट पर रांची से दो बार लोकसभा सांसद रहे। झारखंड के लोहरदगा के रहने वाले धीरज साहू ने 2018 के राज्यसभा चुनाव हलफनामे में कुल 35 करोड़ रुपये की संपत्ति घोषित की थी। उन्होंने 2 करोड़ रुपये की चल संपत्ति बताई और रेंज रोवर, फॉर्च्यूनर, बीएमडब्ल्यू और पजेरो सहित कई लग्जरी कारों को लिस्टेड किया था। साहू तीन बार राज्यसभा के लिए चुने गए हैं। वह बिजली मंत्रालय और नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय की सलाहकार समिति के सदस्य भी रहे  हैं। यह छापेमारी दरअसल बौद्ध डिस्टलरी प्राइवेट लिमिटेड (Boudh Distillery Pvt Ltd) के टैक्स चोरी के शक में हो रही है। इस कंपनी के अहम पदों पर धीरज साहू के करीबी बैठे हैं। बौद्ध डिस्टलरी के एमडी रितेश साहू हैं, जो धीरज साहू के बेटे हैं। कंपनी के चेयरमैन धीरज साहू के बड़े भाई उदय शंकर प्रसाद हैं। यह कंपनी एक्सट्रा न्यूट्रल एल्कोहल बनाती है, जो कि शराब बनाने में इस्तेमाल होती है। धीरज साहू के रिश्तेदारों के नाम ओडिशा में शराब का बड़ा कारोबार है।

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 बीजेपी का कहना है कि धीरज साहू कांग्रेस नेता राहुल गांधी के करीबी दोस्ता हैं। उनके ठिकानों से अब तक 300 करोड़ रुपये जब्त हुए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि राहुल गांधी ने अब तक इस पर कुछ बोला क्यों नहीं? बीजेपी ने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस हमेशा भ्रष्टाचार का समर्थन करती है ।इस छापेमारी को लेकर पीएम नरेंद्र मोदी ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा।  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  कांग्रेस पर कटाक्ष किया | प्रधानमंत्री ने लोकप्रिय ‘मनी हीस्ट’ नाटक का जिक्र करते हुए कहा कि कांग्रेस 70 साल से देश को लूट रही है | उन्होंने  एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि भारत में ‘मनी हीस्ट’ कथा की जरूरत किसे है, जब आपके पास कांग्रेस पार्टी है, जिसकी डकैतियां 70 वर्षों से प्रसिद्ध हैं और गिनती जारी हैं! उन्होंने भाजपा की ओर से शेयर किए गए वीडियो को भी कैप्शन के साथ अटैच किया , जिसमें  लिखा है. कांग्रेस पेश करती है ‘मनी हीस्ट |  प्रधानमंत्री ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा, ‘देशवासी इन नोटों के ढेर को देखें और फिर कांग्रेस नेताओं के ईमानदारी के ‘भाषणों’ को सुनें। जनता से जो लूटा है, उसकी पाई-पाई लौटानी पड़ेगी, यह मोदी की गारंटी है।’ वहीं, केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि कांग्रेस को देश को बताना चाहिए कि यह कांग्रेस सांसद किसका एटीएम है और मोहब्बत की दुकान में यह भ्रष्टाचार कैसे चल रहा है?

धीरज साहू तीन बार राज्यसभा सांसद रहे हैं। सबसे पहले 2009 में राज्य सभा सांसद बने थे। फिर जुलाई 2010 में वो झारखंड से राज्य सभा के लिए चुने गए। इसके बाद तीसरी बार वो मई 2018 में राज्य सभा के लिए चुने गए।

2018 में राज्यसभा के लिए चुने जाने से पहले दाखिल चुनावी हलफनामे में धीरज ने अपनी संपत्ति 34.83 करोड़ रुपये की घोषित की थी। उन्होंने 2.04 करोड़ चल संपत्ति होने का दावा भी किया था। हलफनामे के अनुसार उनके खिलाफ कोई आपराधिक मामला नहीं था। इसके अलावा उनके पास एक रेंज रोवर, एक फॉर्च्यूनर, एक बीएमडब्ल्यू और एक पाजेरो कार है।

कांग्रेस और गठबंधन के नेताओं पर काले धन का जखीरा मिलता रहा है। चाहे  बेंगलूर  में कांग्रेस नेता के घर 42 करोड़ का कैश मिलने की बात हो,चाहे यूपी चुनाव के समय यूपी ने पियूष जैन के ठिकानों पर 200 करोड़ का कैश मिलना हो,चाहे ममता दीदी के मंत्री पार्थ चटर्जी के पास 50 करोड़ कैश और गोल्ड का पाया जाना हो,या चेन्नई में 142 करोड़ का काला धन मिलना हो।इसी तरह झारखंड की इंडी सरकार में 550 करोड़ का मनरेगा घोटाला, कोयला एवं खनन घोटाले में 1500 करोड़,ग्रामीण विकास निधि में 1500 करोड़,भूमि घोटाले में 3000 करोड़,शराब घोटाले में 1500 करोड़ सहित अनेकों  मामले  हैं | इंकम टैक्स , ई डी , सी बी आई और अन्य जांच एजेंसियां पिछले वर्षों के दौरान कई हजार करोड़ के मामले दर्ज कर कार्रवाई कर रही हैं | लेकिन भारत की क़ानूनी व्यवस्था और अदालतों में हजारों प्रकरण की सुनवाई में देरी से सजा भी तत्काल नहीं मिल पा रही हैं | बहरहाल अदालत के आदेश से कई नेता जेल में अवश्य हैं , जिनमें दिल्ली के मंत्री , सांसद प्रमुख कहे जा सकते हैं | केजरीवाल एन्ड कम्पनी तो भ्रष्टाचार के विरुद्ध अभियान के नाम पर सत्ता में आई थी |

 सबसे दिलचस्प धीरज प्रसाद साहू का एक सोशल मीडिया पोस्‍ट  चर्चा में  है, जिसमें वह कालेधन और भ्रष्‍टाचार को लेकर विपक्षी दल पर तंज कस रहे थे | साहू की 12 अगस्त, 2022 की पोस्ट में लिखा था – “नोटबंदी के बाद भी, देश में इतना काला धन और भ्रष्टाचार देखकर मेरा मन व्‍यथित हो जाता है |  मुझे समझ नहीं आ रहा है कि लोग इतना काला धन कहां से जमा कर लेते हैं? अगर इस देश से भ्रष्टाचार काई जड़ से खत्‍म कर सकता है, तो वह सिर्फ कांग्रेस पार्टी ही है | “

झूठ बोले कौआ काटे! जातिगत जनगणना का सवाल, मोदी का भौकाल

 इसमें कोई शक नहीं कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता में आने के बाद भ्रष्टाचार और काले धन पर कार्रवाई के लिए  सभी विभागों और एजेंसियों को पूरी तरह छूट दी और कई देशों से भी आर्थिक अपराधियों की रोकथाम के लिए समझौते किए हैं | यही कारण है कि काले धन के खिलाफ लड़ाई में भारत को बड़ी सफलता मिली है।   स्विस बैंक ने  दो महीने पहले भारत सरकार से भारतीय खाताधारकों का डेटा साझा किया है। स्विट्जरलैंड ने 104 देशों के साथ करीब 36 लाख वित्तीय खातों का विवरण साझा किया है। इसके तहत किन भारतीयों ने अपना पैसा स्विस बैंक में रखा है और कहां-कहां से ये रकम आई है, इसका ब्यौरा स्विस बैंक ने साझा किया। अधिकारियों ने कहा कि भारतीय अधिकारियों के साथ साझा किए गए नए विवरण सैकड़ों वित्तीय खातों से संबंधित हैं। इनमें कुछ व्यक्तियों, कॉर्पोरेट्स और ट्रस्टों से जुड़े कई खातों के कई मामले भी शामिल हैं।स्विस बैंक द्वारा विवरण साझा किए गए हैं उनमें पहचान, खाता और वित्तीय जानकारी शामिल है। इसमें नाम, पता, निवास का देश और कर पहचान संख्या, साथ ही रिपोर्टिंग वित्तीय संस्थान, खाता शेष और पूंजीगत आय से संबंधित जानकारी शामिल है।अधिकारियों ने सूचना के आदान-प्रदान की गोपनीयता शर्त और आगे की जांच पर इसके प्रतिकूल प्रभाव का हवाला देते हुए जानकारी और अन्य विवरण जारी किया है। इनमें राशि का खुलासा नहीं किया गया है। उन्होंने कहा कि इस ब्योरे का इस्तेमाल टैक्स चोरी, मनी लॉन्ड्रिंग और आंतकवाद के फंडिंग सहित अन्य अवैध और गलत कार्यों की जांच के लिए किया जाएगा। इसलिए अब यह संभावना दिखने लगी है कि अगले कुछ महीनों में लोक सभा चुनाव से पहले काले धन पशुओं पर क़ानूनी जंजीरें पड़ सकती हैं | फिर चाहे कोई जनता से  सहानुभूति  की गलतफमी रखे या सजा पाए |