कांग्रेस की दूसरी लिस्ट ने सारे पत्ते खोले, अब नाराज दावेदारों को मनाने की जद्दोजहद!  

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कांग्रेस की दूसरी लिस्ट ने सारे पत्ते खोले, अब नाराज दावेदारों को मनाने की जद्दोजहद!  

हेमंत पाल का विश्लेषण

     कांग्रेस की पहली लिस्ट ने कई सवाल छोड़ दिए थे, जिसका जवाब दूसरी लिस्ट में मिल गया। इस दूसरी लिस्ट में पार्टी ने 88 सीटों के नाम घोषित कर दिए। अब 230 में से 229 के नाम सामने आ गए, बस बैतूल जिले की आमला सीट से नाम की घोषणा बाकी है और ये नाम है निशा बांगरे का जिनका नाम डिप्टी कलेक्टर पद से इस्तीफे की मंजूरी की वजह से रुका है। दूसरी लिस्ट में पहली लिस्ट के तीन नाम बदल दिए गए जो दतिया, गोटेगांव और पिछोर है। कांग्रेस की दूसरी लिस्ट में कुछ नामों ने चौंका दिया जिनमें एक एनपी प्रजापति भी हैं। पहली लिस्ट में उनका नाम नदारद दिखा तो ख़बरें उड़ी कि उनको कांग्रेस ने किनारे कर दिया। इसके बाद प्रजापति ने कुछ भाजपा नेताओं से मुलाकात करना शुरू कर दी, तो दूसरी लिस्ट में उनका नाम शामिल हो गया। कांग्रेस ने 69 विधायकों को फिर से उम्मीदवार बनाया तो 5 विधायकों के टिकट काट दिए।

    इस लिस्ट की खासियत ये भी रही कि कांग्रेस ने भाजपा के बागियों को भी झंडा थमाया। बगावत करके पार्टी बदलने वाले पांच नेताओं को उम्मीदवार बनाया है। इसमें सेमरिया से अभय मिश्रा भी शामिल हैं, जो बुधवार को ही कांग्रेस में शामिल हुए थे। इसके अलावा भंवर सिंह शेखावत को धार जिले की बदनावर सीट सौंपी गई। होशंगाबाद से गिरिजा शंकर शर्मा, खातेगांव से दीपक जोशी और निवाड़ी से अमित राय को भी टिकट दिया गया। लेकिन, कांग्रेस से टिकट की उम्मीद लगाए रोशनी यादव को टिकट नहीं दिया। भाजपा से कांग्रेस में आए कोलारस के विधायक वीरेंद्र रघुवंशी को भी नाउम्मीदी मिली। मैहर से भाजपा के बागी नारायण त्रिपाठी को कांग्रेस ने किनारे कर दिया। यहां से धर्मेश घई को उम्मीदवार बनाया है। भिंड से 12 साल के वनवास के बाद चौधरी राकेश चतुर्वेदी पर कांग्रेस ने फिर विश्वास जताया है। जबकि, आईएएस छोड़कर कांग्रेस से टिकट की उम्मीद कर रहे राजीव शर्मा का नाम लिस्ट में नहीं है।

तीन चेहरों को बदला गया

    विरोध को तवज्जो देते हुए कांग्रेस ने तीन सीटों पर चेहरे बदल दिए। इनमें दतिया, गोटेगांव और पिछोर शामिल है। पहली लिस्ट में दतिया से अवधेश नायक का नाम था, पर उनके नाम पर हुए विरोध के बाद बदलकर राजेंद्र भारती को उम्मीदवार बनाया गया। पिछोर से भी शैलेंद्र सिंह का टिकट बदलकर अरविंद सिंह लोधी को दे दिया। पूर्व विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति को टिकट दिए जाने पर असमंजस था। इसके बाद सुना गया कि वे भाजपा के संपर्क में हैं तो उन्हें गोटेगांव से टिकट दे दिया गया।

96 विधायकों में 11 के टिकट कांटे

     कांग्रेस ने अपनी दूसरी लिस्ट में 6 विधायकों के टिकट काटे। इसमें मुरैना से विधायक राकेश मावई के अलावा सुमावली से अजब सिंह कुशवाह, सेंधवा से ग्यारसी लाल रावत, गोहद से मेवाराम जाटव, बड़नगर से मुरली मोरवाल और ब्यावरा से रामचंद्र दांगी शामिल है। इस लिस्ट में 15 विधायकों को फिर टिकट दिया है। पहली लिस्ट के 144 उम्मीदवारों में 69 विधायकों को टिकट दिया था। सचिन बिरला समेत 6 के टिकट काटे, जो भाजपा के पाले में चले गए हैं।

कुछ बेहद रोचक कांटाजोड़

   विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम के खिलाफ कांग्रेस ने उनके भतीजे पद्मेश गौतम को देवतालाब से उतारकर मुकाबले को रोचक बना दिया। 2018 में गिरीश गौतम बहुत कम वोटों से चुनाव जीते थे। दूसरा रोचक मुकाबला होशंगाबाद में देखने को मिलेगा, जहां कांग्रेस में शामिल हुए गिरिजा शंकर शर्मा को टिकट दिया। उनके सामने उनके भाई सीताशरण शर्मा होंगे। कांग्रेस ने सागर से निधि जैन को उम्मीदवार बनाया है। दिलचस्प बात यह कि यहां से भाजपा ने शैलेंद्र जैन को मैदान में उतारा है, जो कांग्रेस की उम्मीदवार के जेठ हैं।

इंदौर और भोपाल से सभी नाम घोषित

    इंदौर के भी बचे तीन उम्मीदवार इस लिस्ट में हैं। इंदौर-3 से पिंटू जोशी, इंदौर-5 से सत्यनारायण पटेल और महू से भाजपा छोड़कर आए रामकिशोर शुक्ला को टिकट दिया गया। पिंटू जोशी का नाम पहले से तय था, बस औपचारिकता बाकी थी। इंदौर-5 से स्वप्निल कोठारी और सत्यनारायण पटेल में पेंच था, जिसे सुलझा लिया गया। लेकिन, महू से रामकिशोर शुक्ला के नाम की घोषणा के साथ पूर्व विधायक अंतर सिंह पटेल ने मोर्चा संभाल लिया। जबकि, वे तीन बार चुनाव हार चुके हैं। इस आधार पर ही इंदौर-3 से अश्विन जोशी का टिकट काटा है। भोपाल की चारों विधानसभा सीटों के उम्मीदवारों के नाम इस लिस्ट में हैं। भोपाल (दक्षिण पश्चिम) से पीसी शर्मा, उत्तर सीट से आरिफ अकील के बेटे आतिफ अकील, हुजूर से नरेश ज्ञानचंदानी और गोविंदपुरा से रविंद्र साहू को उम्मीदवार बनाया गया। धार विधानसभा से बालमुकुंद गौतम की पत्नी प्रभा गौतम को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है। यहां से कमलनाथ समर्थक कुलदीप बुंदेला को टिकट नहीं मिला। गौतम परिवार को दिग्विजय सिंह समर्थक माना जाता है।

हाईप्रोफाइल मुकाबले

    निवास से कांग्रेस विधायक डॉ अशोक मर्सकोले ने अपनी सीट बदल ली। अब वे मंडला से चुनाव लड़ेंगे। हाईप्रोफाइल निवास सीट से चैनसिंह वरकड़े को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया, यहां से भाजपा ने केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते को मैदान में उतारा है। मुरैना विधायक राकेश मवई की जगह दिनेश गुर्जर को मौका दिया है। भोजपुर सीट से पूर्व विधायक राजकुमार पटेल को टिकट दिया है। एक और हाईप्रोफाइल सीट दिमनी है, जहां से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र तोमर के सामने कांग्रेस ने रविंद्र सिंह तोमर को टिकट दिया है।

       कांग्रेस की दूसरी लिस्ट के बाद आप सिर्फ एक नाम बचा है आमला सीट का। यहां से कांग्रेस की संभावित उम्मीदवार निशा बांगरे ही होंगी, बशर्ते कि समय रहते सरकार उनका इस्तीफा मंजूर कर ले। लेकिन, कुछ सीटों पर उम्मीदवारों के नाम देखकर उन दावेदारों की नाराजगी सामने आई, जो खुद उम्मीद लगाए थे। उनकी नाराजी स्वाभाविक है। अब ये पार्टी का काम है कि इन असंतुष्टों को समझाता जाए, ताकि कोई नई अड़चन खड़ी न हो।