IAS का धर्मांतरण गैंग से कनेक्शन? जांच के लिए SIT गठित, 7 दिन में रिपोर्ट देगी

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LUCKNOW: 1985 बैच के UP कैडर के IAS अधिकारी एवं वर्तमान में उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) के चेयरमैन मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन का इस्लामिक कट्टरवाद से जुड़े विवादित वीडियो को उत्तर प्रदेश शासन ने गंभीरता से लेते हुए Special Investigation Team (SIT) से जांच के आदेश दे दिए हैं। चर्चा के अनुसार प्रारंभिक जांच में 20 फरवरी 1962 को बिहार में जन्मे IAS अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन का धर्मांतरण गैंग से कनेक्शन भी सामने आ रहा है। इस गंभीर तथ्य के सामने आने पर उत्तर प्रदेश शासन ने Special Investigation Team (SIT) से जांच के आदेश दे दिए हैं। SIT के अध्यक्ष DG, CBCID जीएल मीणा होंगे एवं सदस्य ADG Zone भानु भास्कर होंगे। SIT अपनी रिपोर्ट 7 दिन में शासन को प्रेषित करेगी। आपको बता दें कि मामले के तूल पकड़ने के बाद सोमवार को ही कानपुर के Police Commissioner असीम अरुण ने वायरल वीडियो की जांच ADCP East सोमेंद्र मीणा को सौंप दी थी। उन्होंने बताया कि जांच में देखा जाएगा कि क्या वीडियो में कोई अपराध प्रदर्शित हो रहा है या वरिष्ठ IAS की ओर से किसी नियम का उल्लंघन किया गया है?
वायरल वीडियो में मतांतरण की बातें की जा रही थी। वीडियो में आईएएस अधिकारी व उनके साथियों की उपस्थिति बताई जाती है। वीडियो सामने आने के बाद एक स्थानीय भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर आरोप लगाया कि वरिष्ठ IAS ने कानपुर में तैनाती के दौरान अपने पद का दुरुपयोग कर गरीब और भोले-भाले लोगों का मतांतरण कराया, इसकी जांच होनी चाहिए।
मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन 17 फरवरी 2014 से 22 अप्रैल 2017 तक कानपुर में मंडलायुक्त के पद पर रहे हैं। वे श्रम आयुक्त का पदभार भी संभाल चुके हैं। जब इस बारे में पत्रकारों ने उपरोक्त IAS अधिकारी से पूछा तो पहले उन्होंने इस वीडियो में खुद होने से इनकार कर दिया लेकिन बाद में वीडियो दिखाने पर उन्होंने अपनी उपस्थिति को स्वीकार किया और कहा कि उनके शब्दों को गलत संदर्भों में प्रयोग किया जा रहा है।
गोवा राज्य सरकार के सुप्रीम कोर्ट में स्टैंडिंग काउंसिल प्रशांत उमराव @ippatel का कहना है कि इफ्तिखारुद्दीन जैसे मजहबी मुसलमान जो सरकार में बैठकर सरकारी तंत्र का दुरुपयोग कर दीन की दावत देने और भारत को दारुल इस्लाम बनाने का षड्यंत्र रचते हैं। इफ्तिखारुद्दीन जैसे लोग भारत के सच्चे मुसलमान और भारतीयता के लिए खतरा हैं। इन्हें तत्काल सरकारी नौकरी से बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए।
ट्विटर यूजर विवेक @VivekPa25729209 लिखते हैं इस्लामिक स्टडीज को तत्काल बंद कर देना चाहिए। उर्दू में पता नहीं यह लोग क्या लिख कर आते हैं और इनको आईएएस बना दिया जाता है। सरकार और नेता ही देश को बर्बाद कर रहे हैं। तुष्टिकरण की नीति देश की जड़ों को खोद डालेगी। वोट बैंक का लालच देश को बर्बाद कर रहा है।