Consent on Speaker : विपक्ष उपाध्यक्ष पद पर सहमत, ओम बिरला के स्पीकर बनने का रास्ता साफ!

जानिए, कैसे निकला इस मतभेद का रास्ता!

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Consent on Speaker : विपक्ष उपाध्यक्ष पद पर सहमत, ओम बिरला के स्पीकर बनने का रास्ता साफ!

New Delhi : लोकसभा स्पीकर को लेकर अंततः सरकार और विपक्ष में आम सहमति बन गई। भाजपा नेता राजनाथ सिंह ने इस मामले पर विपक्ष से बात की और वो उपाध्यक्ष का पद लेकर स्पीकर के चुनाव से हटने को राजी हो गया। अब ओम बिरला ही लोकसभा स्पीकर होंगे। इंडिया गठबंधन के सुरेश को ही उपाध्यक्ष बनाएगा या किसी और नेता को अभी ये स्पष्ट नहीं हुआ।

सत्ता पक्ष की तरफ से रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस मामले में मोर्चा संभाला और बात बन गई। माना जा रहा है कि विपक्ष के साथ बातचीत में उपाध्यक्ष पद पर चर्चा हुई और सत्ता पक्ष ने यह पद त्यागने का फैसला कर लिया। इस तरह सत्ता पक्ष और विपक्ष ने एक-एकद कदम बढ़ाया और दोनों अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के चुनाव को लेकर सहमत हो गए। कहा जा रहा था कि सत्ता पक्ष के पास लोकसभा अध्यक्ष का पद होगा तो उपाध्यक्ष का पद विपक्ष को मिलेगा।

यह विवाद तब सामने आया जब नामांकन की अंतिम तारीख आ गई। सत्ता पक्ष की तरफ से राजनाथ सिंह ने विपक्षी नेताओं से बात की और राजी-खुशी से यही तय हुआ कि लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पद पर एक-एक कैंडिडेट ही खड़े हों, ताकि चुनाव की नौबत नहीं आए। संसद के निचले सदन के लिए दोनों ही महत्वपूर्ण पदों पर अब आम सहमति से निर्वाचन हो जाएगा। वोटिंग नहीं होना है, इसलिए अब सीधे लोकसभा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष के नाम घोषित होंगे

2014 और 2019 में बीजेपी को अपने दम पर बहुमत मिलने और विपक्ष की दुर्दशा के कारण लोकसभा उपाध्यक्ष पद का पद 10 वर्षों तक खाली रहा। 16वीं और 17वीं लोकसभा में किसी को भी उपाध्यक्ष पद नहीं दिया गया। इसके लिए सरकार की आलोचना भी होती रही।

2014 से 2019 तक सुमित्रा महाजन जबकि 2019 से 2024 के कार्यकाल में ओम बिरला लोकसभा अध्यक्ष पद पर विराजमान रहे। सुमित्रा तब मध्य प्रदेश के इंदौर से चुनी गई थीं जबकि ओम बिरला राजस्थान के कोटा से सांसद थे। बिरला इस बार भी कोटा से चुनकर संसद में पहुंचे हैं। उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात हुई है। इसलिए अटकलें लगाई जा रही हैं ओम बिरला ही दोबारा लोकसभा अध्यक्ष होंगे। पर उपाध्यक्ष पद को लेकर विपक्ष ने अभी अपने पत्ते नहीं खोले हैं।