Consumer Right: Trolley Bag के टूटे व्हील के लिए एयरलाइंस देगी 8000 रुपये

704

Bhopal: हवाई यात्रा के दौरान चेक इन सामान की सुरक्षा की ज़िम्मेदारी एयरलाइंस की होती है पर आम यात्री इस पर ज़्यादा गौर नहीं करते हैं। हवाई यात्रा के दौरान कई बार हम अपने सूटकेस या बैग में छोटी मोटी टूटफूट को अक्सर नज़रंदाज़ कर देते हैं।

पर Bengaluru निवासी Rabi Kumar Padhy ने चार साल तक अपनी ट्रॉली के टूटे पहिए के लिए उपभोक्ता अदालत (Consumer Forum) में संघर्ष किया और अंततः एयरलाइंस से 8 हज़ार रुपये मुआवज़े के तौर पर वसूली का हक पाया।

चेक इन लगेज क्षतिग्रस्त होने के बाद बेंगलुरु के केम्पेगौड़ा अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर ग्राउंड स्टाफ की बेरुख़ी प्रतिक्रियाओं से नाखुश होने के बाद यात्री रबी कुमार ने चार साल तक एयरलाइंस के खिलाफ एक उपभोक्ता अदालत में कानूनी लड़ाई लड़ी।

मामले की सुनवाई कर रहे न्यायाधीशों ने कथित तौर पर एयरलाइन को सेवा में कमी के लिए फटकार लगाई और आदेश दिया कि ग्राहक को 8,000 रुपये का भुगतान किया जाए।

45 दिनों के भीतर सामान के मुआवजे के रूप में 5,000 और अदालती खर्च के लिए 3,000 रुपये का भुगतान किया जाए।

घटना 2017 की है, जुलाई में, जब रबी कुमार विशाखापत्तनम से बेंगलुरु जा रहे थे और अपने ट्रॉली बैग को चेक-इन लगेज में बुक किया था।

लेकिन जब उन्होंने बेंगलुरु एयरपोर्ट पर कन्वेयर बेल्ट से इसे वापस प्राप्त किया, तो उन्होंने कथित तौर पर पाया कि उनके बैग के चार पहियों में से एक गायब था।

रिपोर्ट के अनुसार, रबी कुमार ने केआईए में एयरलाइन के ग्राउंड स्टाफ के साथ पीआईआर नामक एक संपत्ति अनियमितता रिपोर्ट दर्ज की।

एयरलाइन के प्रतिनिधियों ने दो दिन बाद उनसे संपर्क किया, जब उन्हें क्षतिग्रस्त सामान को मरम्मत के लिए एक निर्दिष्ट विक्रेता को सौंपने के लिए कहा गया।

हालांकि, प्रतिनिधियों ने कथित तौर पर उनसे संपर्क करने में तीन महीने का समय लिया और तब भी उन्हें बताया कि उनका ट्रॉली बैग मरम्मत से परे था क्योंकि विक्रेता के पास स्पेयर पार्ट्स नहीं थे।