Controversy: धर्मांतरण मामले में विवादित IAS इफ्तिखारुद्दीन और अन्य वरिष्ठ IAS अधिकारी आमने सामने, जानिए क्या है पूरा मामला

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सुदेश गौड़ की खास खबर

Bhopal Madhya Pradesh: उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम (UPSRTC) के अध्यक्ष IAS अधिकारी मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन का धर्म परिवर्तन के लिए उकसाने का वीडियो वायरल होने के बाद SIT व कानपुर पुलिस की जांच शुरू हो चुकी है। अब इस मामले में 1986 बैच के राजस्थान कैडर के IAS अधिकारी संजय दीक्षित ने टिप्पणी कर के मामले को रोचक मोड़ दे दिया है।
संजय दीक्षित वर्तमान में राजस्थान सरकार के प्रधान सचिव के पद पर हैं । जांच आयुक्त के पद पर फिलहाल तैनात हैं। उनका जन्म 15 जुलाई 1960 को वाराणसी में हुआ था और उन्होंने DMET, Kolkatta से मरीन इंजीनियर की डिग्री प्राप्त की है। 1986 में IAS सिलेक्शन होने के पहले वे Shipping Corporation Of India के लिए काम करते थे।
Rajasthan cadre के IAS अधिकारी @Sanjay_Dixit ने इस विवाद के बारे में ट्वीट किया है कि 1985 बैच, यूपी कैडर के IAS मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन ने धर्मांतरण के लिए एक किताब लिखी है। इसका नाम “शुद्ध भक्ति” है और वह हिंदुओं से इस्लाम अपनाने का आह्वान करता है । उसके आह्वान का आधार भी अनोखा है-क्योंकि मोहम्मद ही विष्णु भगवान के 10 वें अवतार कल्कि हैं।
IAS मोहम्मद इफ्तिखारुद्दीन द्वारा लिखी पुस्तक ‘शुद्ध भक्ति’ के पेज नंबर 58 को संजय दीक्षित ने ट्वीट में कोट किया है व उसकी फोटो भी शेयर की है जिसमें लिखा है- शुद्ध अंतःकरण से गवाही देकर अर्थात शुद्ध अंतःकरण से स्वयं इसको पढ़कर सभी मनगढ़ंत उपास्यों को त्याग कर कुरआन में अवतरित रब के आदेशों अर्थात हिदायतों का ‘कल्कि अवतार’ मुहम्मद (स.अ) की रीति अनुसार अनुसरण ही कलियुग में जन्मे प्रत्येक स्त्री व पुरुष का एकमात्र शुद्ध धर्म तथा एकमात्र शुद्ध भक्ति मार्ग है। अतः आइए हम सब इस पवित्र कलमा अर्थात सत्य वचन “मैं गवाही देता हूं कि निसंदेह इबादत योग्य नहीं है कोई सिवाय अल्लाह के । वह एक है उसका कोई साझी नहीं तथा मैं गवाही देता हूं कि निसंदेह मुहम्मद(स.अ) उसके भक्त तथा ईशदूत है” को तुरंत पढ़ आज ही नहीं अभी से अपने रब अर्थात पालनहार अल्लाह की बंदगी शुरू कर दे ।

कई बार विवादों में रह चुके हैं IAS दीक्षित

IAS दीक्षित पहले भी कई बार विवादों में रह चुके हैं। उन्हें राष्ट्रवादी विचारधारा और सोशल साइट ट्विटर पर इस्लाम विरोधी ट्वीट्स के लिए जाना जाता है। साल 2016 में दीक्षित और ख्यातनाम विज्ञान इतिहासकार सैयद इरफान हबीब के बीच सोशल साइट ट्विटर पर जुबानी जंग चर्चा में रही थी। तकरार की शुरुआत सैयद इरफान हबीब के उस ट्वीट से हुई, जिसमें उन्होंने लिखा था, इसका कोई अर्थ नहीं बनता, मुसलमान ज्यादातर मुसलमानों को ही मार रहे हैं, सिर्फ काफिरों को नहीं। इसके जवाब में संजय दीक्षित ने लिखा, हबीब साहब! इससे ऐसा लग रहा है कि आपको पछतावा है कि वे सिर्फ काफिरों को नहीं मार रहे हैं। साफ झलक रहा है कि आपकी जुबान फिसल गई है। इसके जवाब में हबीब ने लिखा था, आपने बिल्कुल सही पकड़ा है। मैं चाहता हूं कि वे काफिरों को मार दें। मेरे ऊपर ऐसा शर्मनाक आरोप लगाते शर्म नहीं आई? और आप एक IAS हैं। इसके बाद इरफान ने ट्वीट डिलीट कर दिया। उस वाकये पर संजय दीक्षित ने प्रतिक्रिया देते हुए लिखा था कि मैंने तो सिर्फ आपकी जुबान फिसलने का इशारा किया था।
क्रिकेट से लगाव
अपनी स्कूली पढ़ाई के दौरान ही उन्हें क्रिकेट से लगाव हो गया था। उनका क्रिकेट प्रेम 1994 और 1995 में तब चर्चा में आया जब राजस्थान स्टेट क्रिकेट चैंपियनशिप में उनके नेतृत्व में बाड़मेर की जिला टीम विजयी हुई थी । सबसे खास बात यह है कि उस समय संजय दीक्षित बाड़मेर के जिला कलेक्टर भी हुआ करते थे। वे राजस्थान सिविल सर्विस टीम का भी नेतृत्व कर चुके हैं। उस समय क्रिकेट की राजनीति में राजस्थान के रूंगटा परिवार का वर्चस्व हुआ करता था । उन्होंने ललित मोदी के साथ मिलकर इस वर्चस्व को तोड़ा और देश में पहली बार खेल संबंधी कानून बनाने की दिशा में काम किया और संबद्ध कानून की ड्राफ्टिंग में अहम भूमिका अदा की थी। Rajasthan Sports Act लागू होने के बाद ललित मोदी के साथ भी उनके मतभेद बढ़ गए थे। 2009 के RCA चुनाव में उन्होंने ललित मोदी को हराकर राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी का पद हासिल कर लिया था।

देखिए IAS अधिकारी @Sanjay_Dixit का ट्वीट व शेयर किए गए मोहम्मद इफ़्तिख़ारुद्दीन की किताब ‘शुद्ध भक्ति’ के दो पेज