Controversy: महिला IAS अफसर ने बेटे को गोद में लेकर दिया भाषण, अब खड़े हो रहे हैं सवाल

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महिला IAS अफसर ने बेटे को गोद में लेकर दिया भाषण, अब खड़े हो रहे हैं सवाल

देश में इस समय इस बात को लेकर बहस चल रही है कि क्या एक महिला IAS अफसर को किसी सार्वजनिक कार्यक्रम में अपने बच्चे को लाना और उसे गोद में लेकर भाषण देना क्या उचित है या अनुचित?
दरअसल केरल के pathanmathitta जिले की कलेक्टर डा दिव्या एस अय्यर (Dr Divya S Iyer) अडूर में चल रहे छठे अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में अपने साढ़े 3 साल के बच्चों को गोद में लेकर भाषण दे रही है। इस फिल्म समारोह में आयोजकों में राज्य विधानसभा के उपाध्यक्ष गोपकुमार ने एक वीडियो शेयर कर इस घटना के विवाद को जन्म दिया। हालांकि उन्होंने अपने फेसबुक हैंडल से उस वीडियो को बाद में डिलीट कर दिया। इस वीडियो में अय्यर को अपने बच्चे के साथ मंच पर बैठे, उसे गले लगाते और बाद में भाषण देने के दौरान खड़े होकर प्यार से उससे बात करते देखा जा सकता है।
इसी मामले में पूरे देश में यह चर्चा का विषय बन गया है कि क्या जिले में पदस्थ सर्वोच्च अधिकारी को अपने बच्चे के साथ एक सार्वजनिक कार्यक्रम में इस तरह से उपस्थिति दर्ज कराना चाहिए और क्या अपने बच्चे को सार्वजनिक कार्यक्रम में लाना चाहिए था? यहां तक तो ठीक है लेकिन भाषण देने में भी उनका बेटा उनकी गोद में था और उन्हें बार-बार बेटे को दुलार करते हुए भाषण देना पड़ रहा था।
कई लोग इस कृत्य की आलोचना कर रहे हैं और कह रहे हैं कि जिले की सर्वोच्च अधिकारी को इस तरह का कृत्य नहीं करना चाहिए था। यह अनुचित है।इससे सरकारी कार्यक्रम की गरिमा समाप्त होती है।
वही दूसरी तरफ जिनमें महिला के पति भी शामिल है, ने उनका बचाव करते हुए उनके समर्थन में आवाज उठाई है। न्यूजीलैंड का उदाहरण देते हुए बताया कि वहा की PM Jacinda Ardern ने 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपनी 3 माह की बेटी को लाकर इतिहास रच दिया था। उन्होंने जब दुनिया की महत्वपूर्ण संस्था में एक बहुत बड़े शिखर सम्मेलन में अपना भाषण दिया तो कलेक्टर को अपने बेटे के साथ भाषण देने की बात को अनावश्यक तूल दिया जाना उचित नहीं है।

इसी बीच कलेक्टर के बारे में बताया गया है कि वह कामकाज के दौरान बेटे को हमेशा गोद में रखती है।कलेक्टर का कहना था कि वह एक कामकाजी महिला है। इसका मतलब यह नहीं कि वह अपनी नौकरी की जिम्मेदारियों को गंभीरता से नहीं लेती है। उन्होंने कहा कि वे मां भी है और जिला कलेक्टर भी है।

महिला कलेक्टर ने कहा कि वह काम और जीवन में सही संतुलन बनाए रखती है और अपने बेटे को गुणवत्तापूर्ण समय बिताने की कोशिश करती है और उसे विविध अनुभव देने की कोशिश का वह एक हिस्सा है।