Nai Delhi : कोरोना के बढ़ते मामले बड़े खतरे का संकेत दे रहे हैं। दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा है कि देश में तीसरी और दिल्ली में पांचवीं लहर आ गई। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि आज 10,000 पॉजिटिव मामले आएंगे और पॉजिटिविटी रेट लगभग 10% होगी। एक दिन पहले मंगलवार को दिल्ली में कोविड-19 के 5500 नए मामले सामने आए थे और संक्रमण दर 8.5 प्रतिशत दर्ज की गई थी। कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर वीकेंड कर्फ्यू लगाने का भी फैसला किया गया है।
इतनी पाबंदियों के बाद भी कोरोना केस बढ़े तो हालात बिगड़ सकते हैं और जल्दी ही 1 लाख तक डेली केस पहुंच सकते हैं। सोमवार को दिल्ली में कोविड-19 के 4,099 नए मामले सामने आए थे और संक्रमण दर 6.46 प्रतिशत थी। उस दिन एक मरीज की मौत भी हुई थी। राष्ट्रीय राजधानी की ज्यादातर आबादी शहरी है। यहां बाहर से आने वाले लोगों की संख्या भी अधिक है इसलिए यहां संक्रमण का खतरा भी ज्यादा है।
16 मई को राजधानी में 10.4% संक्रमण दर के साथ 6,456 नए मामले आए थे और 262 मरीजों की जान गई थी। 5 दिसंबर सुबह तक दिल्ली में ओमीक्रोन के 464 केस सामने आए और देश में कोरोना वायरस के नए स्वरूप ‘ओमीक्रोन’ के मामले 2,135 हो गए हैं। स्वास्थ्य मंत्री जैन पहले ही कह चुके हैं कि दिल्ली में जिस तेजी से केस बढ़ रहे हैं, उससे लगता है कम्युनिटी ट्रांसमिशन भी शुरू हो चुका है।
डॉक्टर भी पॉजिटिव
एम्स के कम से कम 50 डॉक्टर, जबकि सफदरजंग अस्पताल के 26 डॉक्टरों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। राममनोहर लोहिया अस्पताल के 38 डॉक्टर्स सहित 45 स्वास्थ्य कर्मी पिछले कुछ दिनों में संक्रमित हुए हैं। बाला हिंदूराव अस्पताल के कम से कम 20 डॉक्टर्स संक्रमित हो गए। दिल्ली सरकार द्वारा संचालित लोकनायक जयप्रकाश (LNJP) अस्पताल की उप चिकित्सा अधीक्षक डॉ ऋतु सक्सेना ने कहा कि संस्थान के सात चिकित्सक संक्रमित हुए, उनमें से तीन को विशेष वार्ड में रखा गया है। जबकि, शेष घर पर हैं। ऐसे में आशंका यह पैदा हो रही है कि केस बढ़े और डॉक्टर ही आइसोलेशन में रहे तो इलाज कैसे होगा। यह समझना भी जरूरी है कि ओमीक्रोन को ‘माइल्ड’ समझकर लापरवाही न बरतें क्योंकि बुजुर्गों, पहले से बीमार लोगों और जिन लोगों को अब तक वैक्सीन नहीं लगी है, उन्हें ज्यादा खतरा बना हुआ है।