Corporation Bears Expenses of Servants : अभय राठौर ने नौकरों का भी फर्जीवाड़ा खोला, 12 करोड़ का भुगतान निगम से!
Indore : शनिवार को कोर्ट ने इंदौर नगर निगम में सामने आए डेढ़ सौ करोड़ के फर्जी बिल घोटाले के आरोपित इंजीनियर अभय राठौर की जमानत अर्जी खारिज कर दी। फर्जी बिल घोटाले में इंजीनियर अभय राठौर ने अपने खराब स्वास्थ्य का हवाला देते हुए जमानत मांगी थी। सुनवाई के बीच राठौर ने कोर्ट के सामने निगम में चल रहे नौकरों के फर्जीवाड़े की भी पोल खोल दी। निगम के पूर्व बड़े अधिकारियों के साथ महापौरों पर भी सवाल खड़े कर दिए।
अपनी जमानत याचिका पर सुनवाई के दौरान उनके वकील ने नगर निगम के पूरे सिस्टम पर ही सवालिया निशान लगाया। उन्होंने कई लोगों को इस फर्जीवाड़े में साझेदार बताया। अभय राठौर ने मामले के शिकायतकर्ता इंजीनियर सुनील गुप्ता पर भी फर्जीवाड़े में शामिल होने का आरोप लगाया।
आरोपी अभय राठौर के वकील ने कोर्ट को बताया कि नगर निगम में 300 कर्मचारियों को आउटसोर्स पर रखा गया है, जो गलत है। ये नगर निगम में काम नहीं करते, बल्कि इन्हें घरेलू नौकर के तौर पर प्रभावशाली नेताओं, रिटायर अफसरों, पूर्व पार्षदों और अधिकारियों के यहां काम पर लगाया जाता है। इन नौकरों का वेतन नगर निगम देता है और इनकी फर्जी उपस्थिति निगम में दिखाई जाती है। इन नौकरों के वेतन का सालाना खर्च 12 करोड़ होता है, जो नगर निगम उठाता है। अभय राठौर ने बताया कि यह परंपरा कई सालों से चल रही है।