Bhopal : आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) भोपाल ने जनपद पंचायत सिरोंज (विदिशा) में विवाह सहायता योजना (Marriage Assistance Scheme) के तहत महामारी के दौरान अपात्र और बोगस हितग्राहियों को करोड़ों रुपए वितरित कर दिए गए। इस घोटाले के संबंध में धोखाधड़ी, गबन और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (Fraud, Embezzlement and Prevention of Corruption Act) के तहत प्रकरण पंजीबद्ध किया गया है। जनपद पंचायत सिरोंज के अधिकारियों द्वारा कोरोना काल में भ्रष्टाचार कर गरीब बच्चियों की विवाह की शासन की जनकल्याणकारी योजना (Public Welfare Scheme of the government) को आघात पहुंचाया गया। यह प्रकरण मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिरोंज शोभित त्रिपाठी (CEO Janpad Panchayat Sironj Shobhit Tripathi) और अन्य व्यक्तियों के विरुद्ध किया गया है।
EOW ने सत्यापन करने पर पाया कि कोरोना काल की अवधि में जब लॉकडाउन (Lockdown) के कारण सार्वजनिक शादियों पर प्रतिबंध था, तब मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिरोंज ने कथित रूप से 1 अप्रैल 2020 से 30 जून 2021 के बीच लगभग 3500 हितग्राहियों (3500 Beneficiaries) को विवाह सहायता के नाम पर 18 करोड़ 52 लाख 32 हज़ार रुपए बांट दिए।
EOW भोपाल को यह सूचना भी मिली थी कि भवन व अन्य निर्माण कर्मकार कल्याण मंडल में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों को शासन द्वारा विवाह सहायता योजना के अंतर्गत 51-51 हज़ार रुपए वितरित करने की योजना में व्यापक स्तर पर भ्रष्टाचार (Widespread Corruption in Planning) किया गया। इस सूचना के संबंध में EOW ने गोपनीय रूप से जांच कराई और पाया कि वर्ष 2019 से नवंबर 2021 के मध्य मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिरोंज द्वारा विवाह सहायता योजना के तहत कुल 5923 प्रकरण स्वीकृत कर 30 करोड़ 18 लाख 39 हजार रुपए वितरित किए गए, जिनमें अधिकांश बोगस प्रवृत्ति (Most Bogus Trend) के हैं।
आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) भोपाल ने जांच में पाया कि विवाह सहायता राशि (Marriage Support Amount) हितग्राहियों के बैंक खातों में ट्रांसफर न कर मुख्य कार्यपालन अधिकारी ने अन्य व्यक्तियों के खातों में स्थानांतरित की। उल्लेखनीय है कि जनपद पंचायत सिरोंज के मुख्य कार्यपालन अधिकारी द्वारा स्वीकृत किए गए विवाह सहायता प्रकरण विदिशा जिले के अन्य जनपद पंचायतों की तुलना में 13 गुना अधिक हैं।
कोरोनाकाल में भी असामान्य रूप से बहुत अधिक विवाह सहायता प्रकरण स्वीकृत किए जाकर अनियमित रूप से सहायता राशि वितरित किए जाने से जनपद पंचायत सिरोंज कार्यालय की गतिविधियां संदेह के दायरे में आ गई। जांच में पाया गया कि ऐसे व्यक्तियों के प्रकरण विवाह सहायता योजना के तहत स्वीकृत किए गए, जिनकी कोई पुत्री ही नहीं है।
जांच में एक मामला ऐसा भी पाया गया, जिसमें 27 साल के एक युवक की पुत्रियों के विवाह सहायता के नाम पर तीन-तीन प्रकरण स्वीकृत कर प्रत्येक प्रकरण में 51-51 हजार रुपए की राशि स्वीकृत की गई। यह भी पाया गया कि ऐसे व्यक्तियों के नाम सहायता राशि वितरण करना दिखाया गया, जिन्होंने योजना सहायता प्राप्त करने के लिए कोई आवेदन ही नहीं दिया था। विवाह सहायता योजना के प्रकरणों की जांच का महत्वपूर्ण कार्य अशासकीय व्यक्तियों से कराया जा रहा था।
जांच के दौरान अन्य कई अधिकारियों पर भी आंच आने की संभावना है। इस योजना में जहां करोड़ों रुपए का गबन कर भ्रष्टाचार किया गया, वहीं योजना का लाभ लेने वाले व्यक्तियों से संबंधित महत्वपूर्ण दस्तावेजों के गायब कर दिए जाने की भी सूचना है। इसकी पुष्टि होने पर शासकीय अधिकारियों पर सबूतों को नष्ट करने संबंधित धाराएं भी लगाई जा सकती है। मुख्य कार्यपालन अधिकारी सिरोंज के अन्य कार्यकलापों की समीक्षा भी EOW द्वारा की जा सकती है। यह भी सूचना है कि कलेक्टर विदिशा द्वारा कराई गई जांच में भी ये सभी आरोप सही पाए गए।