Cough Syrup Tragedy : कफ सिरप पर IMA के तीखे सवाल ,डॉ. प्रवीण सोनी की गिरफ्तारी का विरोध, डॉक्टरों ने बांधी काली पट्टी!

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Cough Syrup Tragedy : कफ सिरप पर IMA के तीखे सवाल ,डॉ. प्रवीण सोनी की गिरफ्तारी का विरोध, डॉक्टरों ने बांधी काली पट्टी!

 मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रशासन और नियामक निकायों की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया और डॉक्टर की गिरफ्तारी का विरोध किया.

नई दिल्ली. मध्य प्रदेश में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के बाद हुए विवाद पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने तीखी प्रतिक्रिया दी. आईएमए ने घटना को प्रशासनिक और नियामक निकायों की गंभीर लापरवाही का नतीजा बताया है और कहा कि डॉक्टर की गिरफ्तारी कानूनी अज्ञानता का उदाहरण है इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने इस घटना पर गहरी नाराजगी जताते हुए दवा निर्माता कंपनियों और नियामक संस्थाओं के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। IMA ने इसे डॉक्टरों की गलती ठहराने को गलत बताया और कहा कि असली जिम्मेदारी दवा बनाने वाली कंपनियों और ड्रग इंस्पेक्टर पर है। IMA डॉक्टर्स ने अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने की भी धमकी दी है।

IMA ने दवा निर्माता कंपनियों और नियामक संस्थाओं पर उठाए सवाल

IMA मध्यप्रदेश शाखा ने कहा कि छिंदवाड़ा में हुई बच्चों की मौत एक गंभीर चेतावनी है, जो दवा गुणवत्ता की निगरानी व्यवस्था की विफलता को उजागर करती है। संस्था ने स्पष्ट किया कि डॉक्टर का कार्य केवल बीमारी के अनुसार दवा लिखना होता है, जबकि दवा की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी निर्माता और औषधि नियंत्रण संस्थाओं (Regulatory Bodies) की है। IMA ने इस त्रासदी को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण बताया और मृत बच्चों के परिवारों के प्रति संवेदना प्रकट की।

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डॉक्टरों का काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन

IMA ने घोषणा की कि मंगलवार 07 अक्तूबर को पूरे प्रदेश के डॉक्टर अपने हाथों में काली पट्टी बांधकर काम करेंगे। यह विरोध केवल दवा कंपनियों और ड्रग इंस्पेक्टरों की लापरवाही के खिलाफ नहीं, बल्कि डॉक्टरों पर हो रहे अन्याय के विरोध में भी है। डॉक्टर इस प्रदर्शन के माध्यम से यह संदेश देना चाहते हैं कि वे मृत बच्चों के परिवारों के साथ हैं और सरकार से त्वरित कार्रवाई की अपेक्षा रखते हैं।

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असली दोषी दवा बनाने वाली कंपनी और निगरानी करने वाली एजेंसियां हैं न कि डॉक्टर. शनिवार को परासिया थाने में दर्ज एफआईआर में बाल रोग विशेषज्ञ (पेडियाट्रिशियन) और तमिलनाडु की श्रीसान फ़ार्मास्यूटिकल्स के डायरेक्टर्स के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है. इन्हें भारतीय न्याय संहिता BNS की धारा 105 (गैर-इरादतन हत्या), 276 (दवा में मिलावट) और ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट की धारा 27(A) के तहत मामला दर्ज किया गया है. IMA ने कहा कि डॉक्टर की गिरफ्तारी जल्दबाज़ी में की गई है जो इस बात का संकेत है कि जांच एजेंसियां अपनी नाकामियों से ध्यान हटाना चाहती हैं. यह ज़िम्मेदारी ड्रग्स रेगुलेटरी सिस्टम की है जो दवाओं की गुणवत्ता पर नज़र रखने में नाकाम रहा है.

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