Bhopal : सरकार प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) की गिनती करवा रही है। हर जिले के कलेक्टर को इसके लिए औपचारिक पत्र भेजा गया है और प्रक्रिया भी बताई गई।
शासन द्वारा 23 दिसम्बर को जारी इस पत्र के मुताबिक 10 दिन में गिनती का काम पूरा करके डाटा सरकार को भिजवाना है। 22 हजार पंचायत सचिव, 12 हजार पटवारी और 20 हजार रोजगार सहायक ये काम करेंगे।
पंचायत चुनाव में सुप्रीम कोर्ट में OBC Reservation पर उलझन होने के बाद कांग्रेस और भाजपा में छिड़े घमासान के बीच सरकार ने OBC वोटर्स की गिनती कराना शुरू कराई है।
यह आदेश पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव अशोक वर्णवाल ने 23 दिसंबर को कलेक्टरों को भेजा है। 7 जनवरी तक उनसे पूरी जानकारी मंगवाई गई है। OBC वोटरों की गिनती ग्राम पंचायतों की वार्ड इकाईवार और पंचायत वार की जाना है। जितने भी OBC वोटर हैं, उनकी एक्सेल शीट तैयार करके सरकार को भेजी जाएगी। वोटरों की गिनती समय पर हो जाती है, तो एक बड़ा OBC Data तैयार हो जाएगा। जरूरत पड़ने पर इसे कोर्ट में भी रखा जा सकता है। इससे पंचायतों के चुनाव में OBC Voters और उनके Reservation की तस्वीर साफ हो सकेगी।
प्रदेश सरकार ने OBC वोटरों की गिनती के पीछे मप्र पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग के पत्र का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया कि OBC Commission पिछड़ा वर्ग की जातियों का अध्ययन कराना चाहता है। 10 दिन में OBC वोटरों की गिनती करके एक्सेल शीट पिछड़ा वर्ग आयुक्त जीसी डाड को भेजना है।
*कैसे की जाना है OBC की गिनती*
कलेक्टरों को निर्देश दिए गए कि वे ग्राम पंचायत के पंचायत सचिव को पिछड़ा वर्ग में उल्लेखित जातियों की सूची उपलब्ध कराएं। यह सूची शासन की और से ही भेजी गई है। मतदाता सूची में पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को अंकित किया जाए, इसमें पंचायत सचिव के साथ रोजगार सहायक और पटवारी भी सहयोग देंगे। वार्डवार और पंचायतवार कुल मतदाताओं में पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं का कितना प्रतिशत है, इसे निकालकर शासन से भेजी गई एक्सेल सीट में उसे अंकित करें। पंचायतवार व वार्डवार पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं को अंकित करने के बाद उस मतदाता सूची सुरक्षित रखा जाए। बाद में जरूरत पड़ती है, तो यह सूची मांगी जा सकती है। यदि जरूरत पड़ी तो इस सूची को कोर्ट में रखा जा सकेगा।