प्रदेश में टाइगर की संख्या में कितनी वृद्धि हुई, जानने के लिए गिनती शुरु

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भोपाल। मध्य प्रदेश के जंगलों में टाइगर की संख्या कितनी बढ़ गई है, यह जानने के लिए आज से प्रदेश के जंगलों में टाइगर की गिनती शुरू हो गई है।

गणना चार चरणों में की जा रही है। आज पहले दिन पैदल गणना में बीट गार्ड ट्रांजिट लाइन के दोनों तरफ पैदल चलकर गणना कर रहे है। यह क्रम अगले सात दिनों तक चलेगा। पहले तीन दिन तक मांसाहारी जानवर, उनकी विष्टा, पद चिन्ह, पेड़ों पर उनके नाखूनों के निशान देखेंगे। अगले तीन दिनों तक शाकाहारी जानवरों, उनके पदचिन्ह, जंगल में पाए जाने वाले घास का आंकलन करेंगे। वन विभाग का अमला बीते कई महीनों से इसकी तैयारी कर रहा था।

यह पहला मौका है जब गणना पूरी तरह से पेपरलेस हो रही है। कागज के स्थान पर एम स्ट्राइब मोबाइल एप का इस्तेमाल किया जा रहा है। गणना की कार्रवाई 2022 के पूर्व पूरी हो जाएगी। बाघ विचरण क्षेत्रों से संकलित जानकारी देहरादून पहुंचने के बाद डाटा का वैज्ञानिक तरीके से परीक्षण किया जाता है। जिसके बाद ही सही गणना के आंकड़े जारी किए जाएंगे।

मध्य प्रदेश के बांधवगढ़ में हैं सर्वाधिक बाघ-इसके पहले वर्ष 2018 में देशभर में बाघों की गिनती की गई थी जिसमें मध्यप्रदेश सबसे ज्यादों बाघों की संख्या के साथ अव्वल रहा था। वन विभाग के अधिकारी इस बार भी यह उम्मीद जता रहे हैं कि टाइगर स्टेट का दर्जा इस बार भी एमपी को ही मिलेगा। इस उपलब्धि में बांधवगढ़ का विशेष योगदान था वर्ष 2018 में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में कुल 124 वयस्क बाघ पाए गए थे जिन्हें मिलाकर प्रदेश का आंकड़ा 526 हो गया।