Court Martial: स्पर्म डोनेट करने वाले कर्नल पर गिरी गाज, हुआ कोर्ट मार्शल
देश के सेना के इतिहास में एक अजब तरह का मामला सामने आया है जिसमें स्पर्म डोनेट करने पर एक लेफ्टिनेंट कर्नल पर गाज गिरी है और उनका कोर्ट मार्शल हो गया है।
इंडियन आर्मी में एक लेफ्टिनेंट कर्नल का कोर्ट मार्शल हुआ है. एक महिला के साथ अफेयर करने और उसे स्पर्म डोनेट करने के लिए. ये लेफ्टिनेंट कर्नल देहरादून की इंडियन मिलिट्री अकादमी (IMA) में तैनात थे और जिस महिला से इनके संबंध थे वो भी अकादमी में ही क्लर्क हैं.
देहरादूनः भारतीय सैन्य अकादमी में तैनात एक लेफ्टिनेंट कर्नल के खिलाफ महिला के साथ शारीरिक संबंध बनाने और आईवीएफ के लिए स्पर्म डोनेट करने पर कार्रवाई की गई है। कर्नल ने अपने ऊपर लगे आरोपों को कबूल भी कर लिया है। इसके बाद उसके खिलाफ कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू की गई है। साथ ही उसका डिमोशन किया गया है और बढ़ा हुआ वेतन भी वापस ले लिया गया है। इसके अलावा उसके रैंक की वरिष्ठता भी गिरा दी गई है।
इसके अलावा जो वेतन बढ़ा था उसकी भी रिकवरी होना तय हुआ है.
आरोपी सैन्य अधिकारी और पीड़ित महिला देहरादून स्थित इंडियन मिलिट्री अकादमी में थे. मामले का खुलासा तब हुआ था जब अधिकारी की तैनाती कहीं और दी गई. इसके बाद महिला ने अधिकारी पर जबरन संबंध बनाने का आरोप लगाया था. इसके बाद कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया शुरू हुई थी. आइए विस्तार से जानते हैं कि आखिर कोर्ट मार्शल होता क्या है और कैसे आरोप तय किए जाते हैं.इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल सेना के एजुकेशन कोर से जुड़े हैं. वो शादीशुदा हैं और उनके दो बच्चे हैं. उनके जिस महिला क्लर्क के साथ संबंध थे, वो भी शादीशुदा हैं और उनकी शादी आर्मी के ही एक हवलदार से हुई है.
दोनों के बीच कडवाहट कैसे आई ?
रिपोर्ट के मुताबिक IMA देहरादून में लेफ्टिनेंट कर्नल और महिला का अफेयर काफी समय तक चला. इस दौरान महिला ने अपना आईवीएफ ट्रीटमेंट भी कराया. ट्रीटमेंट कराने कई बार कर्नल महिला के साथ अस्पताल भी गए. उन्होंने महिला को अपना स्पर्म भी डोनेट किया.
लेकिन, इन दोनों के बीच बात तब बिगड़ गई जब अधिकारी की तैनाती IMA देहरादून के बाहर हो गई. और फिर उन्होंने महिला क्लर्क के साथ बातचीत बंद कर दी. साथ छूटने के बाद महिला ने उनके खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी. महिला ने पुलिस के साथ-साथ सेना के अधिकारियों से भी लेफ्टिनेंट कर्नल की शिकायत की.जब केस चला तो शुरुआत में लेफ्टिनेंट कर्नल ने सभी आरोपों को नकार दिया. उनका कहना था कि महिला झूठ बोल रही है. लेकिन, फिर जब महिला क्लर्क ने आरोपी के खिलाफ वाट्सएप चैट और कॉल रिकॉर्डिंग जैसे सबूत पेश किए तो कर्नल ने अपने सभी आरोप कबूल कर लिए.
क्या है कोर्ट मार्शल
कोर्ट मार्शल एक पूरी प्रक्रिया है, जिसमें आरोप के बाद मुकदमे की सुनवाई और सजा का ऐलान होने तक सब समाहित होता है, आसान भाषा में कहें तो यह एक तरह से कोर्ट है जिसमें सिर्फ सेना के जवानों और अधिकारियों के मामले सुने जाते हैं. चाहे वह सेना का अनुशासन तोड़ने मामला हो या फिर सेना में रहते हुए किए गए अन्य किसी अपराध का. यह व्यवस्था 1857 में हुए विद्रोह के बाद शुरू हुई थी.
कार्ट मार्शल चार तरह के होते हैं, ये अपराध की गंभीरता पर तय करता है कि कोर्ट मार्शल प्रक्रिया किस तरह की होगी, इसमें पहला होता है जनरल कोर्ट मार्शल. इसके तहत सीमा पर अपनी पोस्ट छोड़ने वालों या अन्य गंभीर अपराध करने वालों का केस सुना जाता है. इसके लिए 5 से 7 लोगों का पैनल बैठता है. यदि किसी पर दोष सिद्ध होता है तो तो फांसी की सजा तक दी जा सकती है या फिर आजीवन प्रतिबंध लगाया जा सकता है. इसके अलावा ड्रिस्ट्रिक्ट कोर्ट मार्शल, समरी जनरल कोर्ट मार्शल, और समरी कोर्ट मार्शल भी होते हैं. इस तरह के कोर्ट मार्शल में अधिकतम 2 साल तक की सजा का प्रावधान है.
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