

Creative Initiative : श्री श्वेतांबर जैन वरिष्ठ सेवा समिति की अभिनव पहल!
समाजसेवा में नई सोच : विधवा नहीं अब वीरांगना!
Jaora : श्री श्वेतांबर जैन वरिष्ठ सेवा समिति ने एक सराहनीय सामाजिक पहल करते हुए निर्णय लिया हैं कि समाज की विधवा महिलाओं को अब वीरांगना की उपाधि से सम्मानित किया जाएगा। संस्था की प्रथम कार्यकारिणी बैठक में यह निर्णय लिया गया।
संस्था अध्यक्ष अभय सुराणा ने बताया कि समाज में विधवा महिलाओं को वह सम्मान नहीं मिल पाता, जिसकी वे हकदार हैं। राष्ट्रसंत कमल मुनि कमलेश की प्रेरणा से समिति ने यह अभिनव प्रयोग करते हुए तय किया है कि अब इन महिलाओं को वीरांगना कहकर संबोधित किया जाएगा।
बैठक में निर्णय लिया गया कि वीरांगनाओं को संस्था की बैठकों में विशेष सम्मान दिया जाएगा और उनका वार्षिक शुल्क भी सामान्य सदस्य की तुलना में बहुत ही कम रखा गया है, जिससे उन्हें यह भी न लगे कि संस्था में उनका योगदान नहीं है। संस्था उपाध्यक्ष पुखराज पटवा, अनिल चोपड़ा, सचिव राजकुमार हरण एवं कोषाध्यक्ष शेखर नाहर ने समाज की सभी महिलाओं से संस्था से जुड़ने का आग्रह करते हुए कहा कि वे अपनी प्रतिभा का भरपूर उपयोग करें।
अध्यक्ष सुराणा ने यह भी स्पष्ट किया कि वीरांगनाओं को संस्था की सदस्यता बहुत ही कम शुल्क पर दी जा रही है। सभी सदस्य वीरांगनाओं को गतिविधियों में सक्रिय रूप से सम्मिलित किया जाएगा, जिससे वे स्वयं को कहीं भी कमजोर न समझें।
इस संदर्भ में वीरांगना सपना संघवी ने कहा कि विधवा से वीरांगना का सफर तय करना हर किसी से सम्भव नहीं हो पाता कभी कभी..बहुत सी विधवाएं अधर में ही रह जाती हैं.. डिप्रेशन या मजबूरी जो भी कह लें उन्हें जकड़कर रख देती हैं। मुझे ऐसा लगता है कि ऐसी व्यथिता A हेतु हमें सम्बल प्रदान करना चाहिए जिससे ये भी विधवा से वीरांगना के पथ पर अग्रसर हो सकें। मैं बस इतना चाहती हूं कि व्यथित महिला खुल कर जी सके, अपने मन की बात बोल सके और संघ समाज में उसकी इच्छा का मान सम्मान और स्वीकृति दोनों ही हों!