रचनाकार प्रसन्न ओझा : खामोश रहते हुए वे हमारे बीच से विदा हो गए

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रचनाकार प्रसन्न ओझा : खामोश रहते हुए वे हमारे बीच से विदा हो गए

वनमाली सृजन केन्द्र ने श्रद्धा सुमन अर्पित किए

रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट

अपने समय के महत्वपूर्ण रचनाकार और ‘आवेग’ पत्रिका के संपादक रहे श्री प्रसन्न ओझा का आज अवसान हो गया।वे एक ऐसे रचनाकार रहें जिन्होंने ‘आवेग’ के माध्यम से कई रचनाकारों को राष्ट्रीय फलक पर स्थापित किया।वनमाली सृजन केन्द्र रतलाम ने ओझा के निधन पर श्रद्धासुमन अर्पित किए हैं।
वनमाली सृजन केन्द्र के अध्यक्ष आशीष दशोत्तर ने बताया कि प्रसन्न ओझा जी ने स्वयं को कभी भी एक्सपोज नहीं किया। राजकमल चौधरी पर बहुत महत्वपूर्ण कार्य करने वाले वे देश के संभवतः एकमात्र रचनाकार रहें।बार-बार आग्रह के बाद भी प्रसन्न जी ने अपने उस कार्य को पुस्तक आकार प्रदान करने से परहेज किया।खामोश रहते हुए वे हमारे बीच से विदा हो गए। रतलाम से प्रकाशित ‘आवेग’ के ज़रिए उन्होंने बहुत महत्वपूर्ण अंक भी निकाले।वनमाली सृजन केन्द्र की संयोजक डॉ शोभना तिवारी ने भी उनकी स्मृति को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की हैं।