
Cyber Scam Exposed : डिजिटल अरेस्ट मामले में रतलाम पुलिस की अंतरराज्यीय साइबर गिरोह पर कार्यवाही, 1.34 करोड़ की ठगी का पर्दाफाश!
Ratlam : रतलाम के एक व्यक्ति से मुंबई क्राइम ब्रांच का अधिकारी बताते गंभीर आरोपों में फंसाने का डर दिखाकर यह कहा गया कि तुम्हारे नाम से जारी सिम का उपयोग एक बड़े फ्रॉड में हुआ है। मुंबई स्थित केनरा बैंक में लगभग 247 करोड़ रुपए की मनी लॉन्ड्रिंग की गई है। उक्त बैंक खाते में तुम्हारा आधार कार्ड एवं अन्य दस्तावेज लगे हुए हैं। इस पर युवक ने किसी भी प्रकार की जानकारी होने से इनकार किया गया तो उसे गिरफ्तारी वारंट जारी होने और तत्काल गिरफ्तारी का नाम लेकर धमकाया गया। इसके बाद व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से युवक पर मानसिक दबाव बनाया गया और उससे आधार कार्ड एवं अन्य निजी दस्तावेज लें लिए।
इतना ही नहीं आरोपी द्वारा फरियादी के मोबाइल में Signal App इंस्टॉल करवाया गया। वीडियो कॉल के दौरान न्यायालय जैसा सेटअप, जज, वकील एवं गवाहों का नाटकीय दृश्य दिखाकर उसे “डिजिटल अरेस्ट” कर लिया गया गया। इस प्रकार आरोपियों द्वारा फरियादी की संपत्ति एवं बैंक खातों की जानकारी लेकर उसे ब्लैकमेल किया गया तथा 15 नवम्बर 2025 से 12 दिसम्बर 2025 के बीच कुल 1 करोड़ 34 लाख 50 हजार रुपए युवक को धमकाते हुए प्राप्त कर लिए। मामले में घटना की गंभीरता को देखते हुए सूचना मिलते ही रतलाम पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए फरियादी युवक की EFIR दर्ज की गई और दीनदयाल नगर थाना पर धारा 318(4), 319(2), 308, BNS धारा 66(सी) एवं 66(डी) सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम के अंतर्गत प्रकरण पंजीबद्ध कर विवेचना प्रारंभ की गई।
प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए एसपी अमित कुमार के निर्देश में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राकेश खाखा एवं अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) विवेक कुमार लाल के मार्गदर्शन में 18 सदस्यीय विशेष जांच दल (SIT) का गठन करते हुए जबलपुर से अशोक 61 पिता राधेश्याम जायसवाल, सनी (34) पिता सोनु जायसवाल, सारांश (18) उर्फ शानु पिता योगेन्द्र तिवारी एवं 1 विधि विरुद्ध बालक द्वारा फरियादी से ठगी गई राशि में से कुल 14 लाख रुपए आपसी सांठ-गांठ से अपने खातों में जमा कर लिए गए। इसके बाद आरोपी पवन (23) पिता कैलाश कुमावत, निवासी इन्द्रा कॉलोनी, नयागांव, थाना जावद, जिला नीमच को गिरफ्तार किया गया और आरोपी के खाते में पुलिस द्वारा पड़ताल की गई तो 14 लाख रुपए की संदिग्ध राशि प्राप्त होना पाया गया। इसके बाद उत्तर प्रदेश से आरोपी अमरेन्द्र कुमार (34) पिता बडेलाल प्रसाद मौर्य को भी गिरफ्तार किया गया। पकड़ाया आरोपी एक NGO संचालक है, जिसके बैंक खाते में 50 लाख रुपए का संदिग्ध लेन-देन पाया गया।
इसके साथ ही गुजरात से आरिफ घाटा, हमीद खान पठान, शाहिद कुरेशी, सादिक हसन समा को गिरफ्तार किया गया। इन आरोपियों द्वारा ठगी गई राशि का उपयोग क्रिप्टो करेंसी की खरीद में कर लगभग 5 लाख रुपए का अवैध लाभ अर्जित किया गया। इसके अलावा एक टीम बिहार रवाना की गई है, जहां अन्य आरोपियों की तलाश जारी है। पुलिस द्वारा गुजरात में भी फरार आरोपियों की गिरफ्तारी हेतु सतत प्रयास किए जा रहें हैं। सूचना प्रौद्योगिकी एवं दूरसंचार माध्यमों का उपयोग कर संगठित रूप से धोखाधड़ी किए जाने पर प्रकरण में धारा 111 BNS का अतिरिक्त इजाफा किया गया है। इस जटिल एवं अंतरराज्यीय साइबर अपराध के सफल अनावरण में निम्न अधिकारियों एवं कर्मचारियों की विशेष भूमिका रही जिनमें निरीक्षक अमित कोरी, निरीक्षक शंकर सिंह चौहान, उप-निरीक्षक अनुराग यादव, उप-निरीक्षक प्रवीण वास्कले, उप-निरीक्षक जीवन बरिया, हिम्मत सिंह, मनमोहन शर्मा, लक्ष्मीनारायण सूर्यवंशी, राहुल पाटीदार, तुषार सिसोदिया, मोर सिंह, विपुल भावसार, मयंक व्यास, पवन जाट, सुनील, संजय कुशवाह की भूमिका रहीं!





