New Delhi : शुक्रवार से अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में भारी बारिश होने के आसार हैं। लेकिन, पूर्वी तटीय इलाकों में बारिश नहीं होगी। साल के पहले चक्रवात तूफान के आसार दक्षिण-पूर्वी बंगाल की खाड़ी के ऊपर बने हुए हैं। राहत की बात है कि बांग्लादेश और उत्तरी म्यांमार की ओर बढ़ने के कारण इसका भारत की मुख्य भूमि पर ज्यादा असर नहीं पड़ने की संभावना है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने कहा कि गत मंगलवार को बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पूर्व में बना निम्न दबाव का क्षेत्र 19 मार्च की सुबह तक पूर्व और उत्तर-पूर्व की ओर बढ़ेगा। इसके बाद उत्तर की ओर बढ़ेगा और 20 मार्च तक अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह तक पहुंचेगा।
शनिवार तक कम दबाव का क्षेत्र अच्छी तरह से चिह्नित निम्न दबाव वाले क्षेत्र में बढ़ेगा। फिर बढ़कर रविवार तक अंडमान और निकोबार द्वीप समूह पर 65 से 75 किमी प्रति घंटे की तेज हवाओं के साथ दबाव में बदल जाएगा। IMD के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्रा ने कहा कि सोमवार को चक्रवाती तूफान दस्तक दे सकता है। इस बार चक्रवात का नाम ‘असानी’ रखा जाएगा। यह नाम श्रीलंका ने सुझाया है।
केंद्रीय गृह सचिव (Union Home Secretary) ने इस तूफान को लेकर केंद्रीय मंत्रालयों, एजेंसियों और अंडमान निकोबार के प्रशासन की तैयारियों की समीक्षा की। केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने आधिकारिक बयान में बताया कि इस तूफान के खतरे को देखते हुए पोर्ट ब्लेयर में NDRF की एक टीम तैनात की गई है। अतिरिक्त टीमों को भी तैयार रहने को कहा गया है। जरूरत पड़ने पर इन टीमों को एयरलिफ्ट किया जाएगा।
केंद्रीय गृह मंत्रालय की और से जारी बयान में कहा गया है कि अंडमान-निकोबार प्रशासन इस तूफान को लेकर तैयारियां कर ली हैं। तूफान के खतरे को देखते हुए मछली पकड़ने, पर्यटन और शिपिंग की गतिविधियों को रोक दिया गया है। मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक सेना, नौसेना, वायु सेना और भारतीय तटरक्षक बल को स्टैंड बाई पर रखा गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय गृह सचिव ने केंद्रीय मंत्रालयों और एजेंसियों को नियमित निगरानी रखने के निर्देश दिए हैं। यही नहीं इनसे अंडमान निकोबार प्रशासन के संपर्क में रहने को भी कहा गया है। मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए कहा है कि इस साल का पहला चक्रवात बंगाल की खाड़ी में विकसित होने वाला है।