लायसेंस प्रणाली पर रोक लगाने के निर्णय पर डागा ने सीएम शिवराज सिंह चौहान का आभार व्यक्त किया
Ratlam : भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा ने नई लाइसेंस प्रणाली पर रोक लगाने के निर्णय का स्वागत करते हुए सीएम का आभार व्यक्त किया,उन्होंने विभाजित प्लाट के मामले में भी इसी तरह पूर्व के आदेश पर रोक लगाने की मांग की।भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं पूर्व महापौर शैलेंद्र डागा ने नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा व्यवसायिक लाइसेंस शुल्क की नई प्रणाली लागू किए जाने के आदेश पर शासन द्वारा रोक लगाने के निर्णय का स्वागत किया है।साथ ही डागा ने इसी निर्णय की तरह विभाजित प्लाट के नामांतरण, लीज वृद्धि और अनुमति पर रोक के आदेश को भी स्थगित करने की मांग मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नगरीय विकास एवं आवास मंत्री भूपेंद्र सिंह से की है।जारी बयान में पूर्व महापौर श्री डागा ने कहा कि व्यवसायिक लाइसेंस शुल्क की नई प्रणाली से व्यापारीयों में असंतोष था।शासन ने इस आदेश पर रोक लगा दी है, जो स्वागत योग्य कदम है।उन्होंने इसके लिए मुख्यमंत्री चौहान और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह का आभार माना।
विभाजित प्लाट के मामले में भी सरकार ले जल्द निर्णय
डागा ने कहा कि इसी निर्णय की तरह विभाजित प्लाट के मामले में भी सरकार को जल्द निर्णय लेना चाहिए।आपने कहा कि वर्ष 2012 में प्रदेश शासन ने एक गजट नोटिफिकेशन जारी कर विभाजित प्लाट के नामांतरण, लीज वृद्धि और भवन निर्माण अनुमति पर रोक लगा दी थी। इस निर्णय से रतलाम सहित पूरे प्रदेश में हजारों परिवार परेशान है।विभाजित प्लाट धारक यह परिवार ना तो अपने प्लाट पर निर्माण कर पा रहे हैं,नाही पूर्व में इन प्लाटों पर बने मकानों का नामांतरण और लीज वृद्धि हो पा रही है।हजारों मध्यमवर्गीय परिवार शासन को राजस्व देकर नियमानुसार लीज वृद्धि, नामांतरण और भवन निर्माण अनुमति चाहते हैं,लेकिन वे निगम के चक्कर काटने को मजबूर हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने रतलाम में की थी घोषणा
पूर्व महापौर डागा ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगर निगम चुनाव के दौरान रतलाम में विभाजित प्लाट के मामले के निराकरण की घोषणा भी की थी,लेकिन इसके बाद भी नगरीय विकास एवं आवास विभाग द्वारा अभी तक इस मामले में कोई भी आदेश जारी नहीं किया गया है।डागा ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान एवं नगरीय आवास एवं विकास विभाग मंत्री भूपेंद्र सिंह से हजारों मध्यमवर्गीय परिवारों की परेशानी को देखते हुए वर्ष 2012 में विभाजित प्लाट के मामले को लेकर जारी किए गए आदेश को स्थगित करने की मांग की है,जिससे हजारों लोगों को राहत मिल सकेगी।