Damoh School Case : CM ने कहा कि मामले की जांच के आदेश दिए गए!

कोई स्कूल बाध्य नहीं कर सकता कि कोई ऐसी चीज पहने जो परंपरा में नहीं!

1072

Damoh School Case : CM ने कहा कि मामले की जांच के आदेश दिए गए!

Bhopal : दमोह स्कूल हिजाब मामले पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि दमोह के एक स्कूल का मामला मेरे संज्ञान में आया है। किसी भी बेटी को कोई स्कूल बाध्य नहीं कर सकता कि वो कोई ऐसी चीज पहने जो उनकी परंपरा में नहीं है। मैंने जांच के आदेश दिए हैं। जांच के बाद तथ्यों के आधार पर हम कार्रवाई करेंगे।

दमोह के गंगा जमुना स्कूल ने बोर्ड परीक्षा के नतीजे आने के बाद अपने स्कूल के टॉपर्स बच्चों की फोटो बोर्ड फ्लेक्स होर्डिंग बनवाकर डिस्प्ले किया था। स्कूल ने होर्डिंग पर कुछ हिंदू छात्राओं के फोटो हिजाब पहने हुए लगाए। जिस पर हिंदूवादी संगठनों ने आपत्ति ली थी। लेकिन, इस मामले में कलेक्टर ने कहा कि मामले की जांच में कोई जबरदस्ती करना नहीं पाया गया। गृहमंत्री ने भी कहा कि शिक्षा अधिकारी ने स्कूल जाकर पता किया और परिजनों से भी बात की, किसी ने स्कूल पर कोई आरोप नहीं लगाया।

Damoh School Case : CM ने कहा कि मामले की जांच के आदेश दिए गए!

गंगा जमुना स्कूल के होर्डिंग पर टॉपर स्टूडेंट के फोटो हिजाब में दिखाई दिए, जिनमें चार छात्राएं हिंदू हैं। परंपरा के अनुसार हिंदू छात्राएं हिजाब नहीं पहनती। इसके बावजूद स्कूल प्रबंधन ने छात्राओं की होर्डिंग में जो फोटो लगी, वह हिजाब में नजर आ रही है। सोशल मीडिया पर यह होर्डिंग जमकर वायरल हुआ। हिंदू सकल समाज के लोगों ने एक ज्ञापन भी सौंपा है।

देखिए वीडियो: क्या कह रहे हैं, CM शिवराज सिंह चौहान

इस मामले में बाल आयोग के अध्यक्ष प्रियंक कानूनगो ने भी संज्ञान लेते हुए एक ट्वीट के जरिए इस मामले में लिखा है कि दमोह में एक स्कूल द्वारा हिंदू और गैर मुस्लिम बच्चियों को स्कूल के ड्रेस कोड के नाम पर जबरन हिजाब पहनाया जा रहा है। आवश्यक कार्यवाही हेतु एसपी को भी एक पत्र लिखा है।

Read More… नाबालिग भांजी निराश्रित पेंशन को भटक रही, मानव अधिकार आयोग ने लिया संज्ञान 

इस मामले स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने भी कहा था कि प्रदेश में कोई ड्रेस कोड के लिए कोई नियम नहीं है। कोई भी स्कूल अपने हिसाब से ड्रेस कोड तय कर सकता है। मैं सभी स्कूल में एक ड्रेस लागू के पक्ष में हूं। इस मामले के जांच के निर्देश दिए गए हैं।

कलेक्टर ने भी कहा कोई आरोप साबित नहीं

कलेक्टर मयंक अग्रवाल मुताबिक, शुरुआती जांच में ऐसा आरोप सिद्ध नहीं हुआ। जबरदस्ती वाली बात भी सामने नहीं आई। उनके परिजन और बच्चों से यह नहीं कराया गया। यह स्कूल 2012 से चल रहा है। स्कूल का ड्रेस ही ऐसा है। कलेक्टर ने यह भी कहा कि ये हिजाब नहीं है, हालांकि इसके विस्तृत जांच के निर्देश दिए हैं। गंगा जमुना स्कूल के पोस्टर को लेकर कुछ लोगों द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है। थाना प्रभारी कोतवाली और जिला शिक्षा अधिकारी से जांच कराए जाने पर आरोप गलत पाए गए। जांच समिति ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत कर दी। एसपी ने भी रिट्वीट कर लिखा है कि जांच पर आरोप सिद्ध नहीं हुए।

छात्राओं ने हिजाब नहीं, स्कार्फ पहना

स्कूल प्रबंधन का कहना है कि इस पोस्टर में छात्राओं ने स्कार्फ पहना है। वह ड्रेस कोड में है और इसकी केंद्र और राज्य शासन से अनुमति भी ली गई। जो यह आरोप लगा रहे हैं कि यह हिजाब है, तो उनके आरोप गलत और बेबुनियाद हैं। गंगा जमुना स्कूल के मालिक मोहम्मद इदरीश है।