DAVV Convocation Ceremony : बेटियों को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी!

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू शामिल! 

327

DAVV Convocation Ceremony : बेटियों को शिक्षित और आत्मनिर्भर बनाने के लिए सामूहिक प्रयास जरूरी!

Indore : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने संबोधित करते हुए आह्वान किया कि बेटियों को शिक्षित तथा आत्मनिर्भर बनने के लिये प्रोत्साहित किया जाये। देश को विकसित बनाने में बेटियों का अहम योगदान होगा। उन्होंने कहा कि बेटियों को शिक्षित तथा आत्मनिर्भर बनाने तथा देश के सर्वागीण विकास के लिये सामूहिक प्रयासों की जरूरत है। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई होलकर महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता का उत्तम उदाहरण है। देवी अहिल्याबाई होलकर ने कुशल प्रशासन, न्याय परायणता और कल्याणकारी कार्यों में कई मानक स्थापित किये है।

IMG 20240919 WA0065

राष्ट्रपति आज यहां इंदौर में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह को सम्बोधित कर रही थीं। इस अवसर पर राज्यपाल मंगू भाई पटेल, मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव, केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री सावित्री ठाकुर नगरीय विकास एवं आवास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, उच्च शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार, जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावट, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय की कुलगुरू रेणु जैन विशेष रूप से मौजूद थीं। समारोह में राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों तथा शोधार्थियों को स्वर्ण तथा रजत पदक वितरित किये।

IMG 20240919 WA0066

समारोह में राष्ट्रपति ने कहा कि स्वच्छता के क्षेत्र में इंदौर ने देश में असाधारण उपलब्धि हासिल की है। इसके लिए उन्होंने इंदौर वासियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि यह शहर देवी अहिल्याबाई होलकर के नाम से पहचाना जाता है। इंदौर में विश्वविद्यालय भी देवी अहिल्याबाई के नाम पर स्थापित है। यह हमारे लिए गौरव का समय है, जब हम देवी अहिल्याबाई की 300वीं जयंती मना रहे हैं। लोक माता अहिल्याबाई शिक्षा के महत्व को समझती थी। उनके पिता ने भी उस दौर में उन्हें शिक्षा दिलाई जब बालिकाओं को शिक्षा दिलाना बहुत कठिन होता था। समाज के लोग उस वक्त शिक्षा का विरोध करते थे। उनका जीवन महिला सशक्तिकरण का उत्तम उदाहरण है।

IMG 20240919 WA0062

उन्होंने अपने जीवन और शासन काल में महिलाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने के लिये नवीन और सफल प्रयास किए। उन्होंने जनजातीय समाज की आजीविका को सुनिश्चित करने के लिये निर्णय लिये उसे मूर्त रूप दिया और उनके विकास के लिये अनेक महत्वपूर्ण कार्य किये। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्याबाई ने कुशल प्रशासन, न्याय परायणता और कल्याणकारी कार्यों में कई मानक स्थापित किये है। उनका जीवन महिलाओं के सामाजिक, राजनैतिक, आर्थिक, शैक्षणिक सहित अनेक क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव का बेहतर उदाहरण रहा है। उन्होंने अपने आत्मविश्वास और दृढ़ संकल्प से कठिनाईयों एवं संघर्ष के दौर में रास्ते बनाये। इस रास्ते पर आज सुगमता से चला जा रहा है।

IMG 20240919 WA0064

दीक्षांत समारोह गर्व का विषय  

समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल मंगू भाई पटेल ने कहा कि दीक्षांत समारोह का आयोजन हम सबके लिए गर्व और गौरव का विषय है। दीक्षांत समारोह माता-पिता के त्याग तप, गुरुजनों के आशीर्वाद और विद्यार्थी जीवन के अनुशासन और परिश्रम से प्राप्त सफलता का अविस्मरणीय पल है। उन्होंने इस अवसर पर सभी मेधावी विद्यार्थियों, गुरुजनों और पालकों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने शुभकामनाएं देते हुए विद्यार्थियों के उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्या बाई में राजनीतिक, महिला सशक्तिकरण, जनसेवा और देश के धार्मिक एवं आध्यात्मिक उत्थान का जीवंत उत्साह था। विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थियों के लिए यह गौरव की बात है कि वे लोक माता के रूप में विख्यात देवी अहिल्या बाई के नाम पर स्थापित विश्वविद्यालय में अध्ययन कर रहे है।

 

देवी अहिल्या बाई जीवन प्रेरणा स्रोत

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव ने संबोधित करते हुए कहा कि लोकमाता देवी अहिल्याबाई समाज सुधारक, न्याय प्रिय, स्वराज एवं सुशासन की पुरोधा थीं। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्या बाई ने अपने राज्य के बाहर जाकर लोगों के समग्र कल्याण के लिये भी अनेक काम किये हैं। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्या बाई का जीवन हमारे लिए आदर्श और एवं प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने कठिन दौर में शिक्षा हासिल की। संघर्षों और कठिनाईयों का सामना करते हुए साहस के साथ आगे बड़ी है। उन्होंने कहा कि देवी अहिल्या बाई ने हिमालय की चोटी एवरेस्ट से ऊंचा मनोबल लेकर अपना जीवन जिया है। यह हम सब के लिए प्रेरणा का पुंज है। समारोह में देवी अहिल्या विश्वविद्यालय द्वारा प्रकाशित पुस्तिका अतिथियों को भेंट की गई। कार्यक्रम के प्रारंभ में कुलगुरू रेणु जैन ने स्वागत भाषण दिया।