Deadly Way to School : फोरलेन क्रॉस करके स्कूल जाने को मजबूर बच्चे!
रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट
Ratlam : यहां 18 किलोमीटर दूर जावरा-लेबड़ फोरलेन के मेवासा गांव के बच्चे जान हथेली पर रखकर स्कूल जाने को मजबूर हैं। फोरलेन बनने के बाद मेवासा का स्कूल सड़क के दूसरी तरफ वाले छोर पर आ जाने से बच्चों को फोरलेन क्रॉस करते हुए स्कूल जाना पड़ता है। गांव वालों ने इस बारे में जनप्रतिनिधियों से भी व्यवस्था करने मांग की, पर कोई हल नहीं निकला।
जावरा-लेबड़ फोरलेन पर बीते एक माह में 2 गंभीर सड़क हादसों में 11 लोग अपनी जान गंवा बैठे हैं। उसके बाद भी जनप्रतिनिधियों और जिला प्रशासन की चुप्पी और अनदेखी है। मेवासा गांव के रहवासियों में बच्चों को स्कूल पहुंचने को लेकर इतनी दहशत है कि उन्हें बच्चों को स्वयं स्कूल लाना ले जाना पड़ रहा हैं। इस बारे में ग्रामीण प्रशासन और जिला प्रतिनिधि को कई बार लिखकर भी दे चुके हैं। इसके बावजूद प्रशासन और जनप्रतिनिधि इस समस्या का निराकरण नहीं कर सके। पहले भी यहां कई बार सड़क दुर्घटनाएं हो चुकी हैं।
इस बारे में मेवासा के ग्रामीणों से बात की, तो उन्होंने बताया कि अगर फोरलेन पर स्पीड ब्रेकर और जेबरा क्रासिंग नहीं बनते, तो फोरलेन पर चक्का जाम किया जाएगा।
क्या कहते हैं जवाबदार
विधायक दिलीप मकवाना का कहना है कि इस मामले का शीघ्र ही मैं निराकरण करवा दुंगा। एचआरडी से मेरी बात हों चुकी हैं। जबकि, शासकीय प्राथमिक विद्यालय मेवासा की प्राचार्य श्रीमती कृष्णा चौहान ने बताया कि बच्चों के आने-जाने को लेकर मैं हमेशा बहुत चिंतित रहती हूं। हमेशा मैं और सभी शिक्षक मिलकर बच्चों को सड़क पार करवाते हैं। विद्यालय के सामने स्पीड ब्रेकर बनना आवश्यक है, जिसमें आसानी से बच्चे रोड क्रॉस कर सके और कोई दुर्घटना न हो। बच्चों के पेरेंट्स भी संतुष्ट हो सकें।
मेवासा ग्राम पंचायत के सरपंच राजेंद्र सिंह सिसोदिया का कहना है कि हम जिला प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मांग करते हैं कि यहां पर अंधा मोड़ होने के कारण आने जाने वाले राहगीरों को वाहन दिखाई नहीं देते। इससे दुर्घटनाएं होती है, इसलिए स्पीड ब्रेकर बनवाना समय की दरकार है।