Death in Accidents : इंदौर में बेतरतीब ट्रैफिक की वजह से हादसे बढ़े, 240 दिन में 193 की मौत!
आबादी से अधिक वाहन शहर में रजिस्टर्ड, ट्रैफिक पुलिस, आरटीओ की समझाइश बेअसर!
Indore : ट्रैफिक पुलिस और आरटीओ वाहन चालकों को सुरक्षित वाहन चलाने की समझाइश देता है। जागरूकता के लिए शिविर लगाता है, चौराहों पर अनाउंस भी करता है। इसके बावजूद, अनदेखी के चलते कई वाहन चालक असमय दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं। इसी साल जनवरी से अगस्त तक (240 दिन) में 2368 दुर्घटनाएं हुई जिनमें 193 लोगों की मौत हुई। इसमें 1777 लोग घायल हुए, जिनमें 25 गंभीर रूप से घायल हुए। शहर के क्षेत्रफल के मान से वाहनों की संख्या में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। आबादी से अधिक वाहन आरटीओ में रजिस्टर्ड हैं।
वाहनों का दबाव कम करने के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण, जिला प्रशासन, निगम और ट्रैफिक पुलिस लगातार प्रयास कर रहे है। हरसंभव दबाव से निपटने की योजना पर तेजी से काम हो रहा है। फ्लाईओवर ब्रिज, ओवरब्रिज, सड़क चौड़ीकरण, लोकसेवा वाहनों का बेहतर संचालन जैसे कई कदम उठाए जा रहे हैं, ताकि ट्रैफिक सुधार में कोई बड़ा बदलाव नहीं हो रहा।
हादसे के कई कारण
शराब पीकर वाहन चलाना, तेज गति से दौड़ाना, हेलमेट, सीट बेल्ट न लगाना, जल्दी निकलने की जिद, प्रतिस्पर्धा करना, ओवरटेक, रांग साइड से आवाजाही आदि हादसे के कारण है। दुर्घटनाएं रोकने और जाम से निजात दिलाने में फ्लाईओवर ब्रिज मददगार साबित होंगे। सर्विस रोड पर ब्रिजों के कारण यातायात का दबाव कम होगा। आगामी दिनों में आईटीएमएस (इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम) से वाहन चालकों के चालान जनरेट होने तथा तीन बार से अधिक वाहन चालक का चालान बनने पर आरटीओ द्वारा लाइसेंस निरस्त करने से हादसे थम सकते हैं।
पिछले दो साल में कितने हादसे
ट्रैफिक पुलिस के अनुसार, वर्ष 2022 में कुल 3317 दुर्घटनाओं में 264 की मौत, 55 गंभीर घायल(कुल घायल 2694), वर्ष 2023 में कुल 3566 दुर्घटनाओं में 257 की मौत, 61 गंभीर घायल (कुल 2745 घायल) हुए।
पुलिस उपायुक्त (ट्रैफिक विभाग) अरविंद तिवारी ने बताया कि नियमों की अनदेखी करने वालों पर लगातार कार्रवाई की जा रही है। लापरवाही के चलते चालक की मौत होती है। खुद चालक ही सुरक्षित वाहन चलाए तो जान बच सकती है।