दिल्ली हो गई ‘शालीमार-रेखा’…

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दिल्ली हो गई ‘शालीमार-रेखा’…

कौशल किशोर चतुर्वेदी

भारतीय जनता पार्टी को दिल्ली का मुख्यमंत्री चेहरा चुनने में पूरे ग्यारह दिन लग गए। पर जो फैसला आया, उसने दिल्ली को उम्मीदों से भर दिया है। शालीमार बाग से विधायक रेखा गुप्ता दिल्ली की नई मुख्यमंत्री होंगी। यानि कि दिल्ली ‘शालीमार-रेखा’ हो गई है। शालीमार शब्द का मतलब है सुंदर और बलवान। यह एक स्त्री का नाम भी है। शालीमार शब्द की उत्पत्ति अरबी मूल से हुई है। शालीमार शब्द का संबंध लाहौर के शालामार गार्डन से भी है। शालीमार शब्द का संबंध भारत और पाकिस्तान के कई मुगल उद्यानों से भी है। शालीमार नाम का मतलब है ‘सुंदर और मजबूत’, उसकी ताकत उसकी सुंदरता में निहित है। तो वहीं रेखा भारतीय मूल का एक स्त्रीलिंग नाम है। यह एक संस्कृत शब्द है जिसका अर्थ है “रेखा” या “चिह्न”। हिंदू धर्म में, यह सुंदरता और समृद्धि की देवी का नाम भी है। रेखा नाम वाले लोगों को अक्सर सुंदर और बुद्धिमान के रूप में वर्णित किया जाता है। तो रेखा और शालीमार के अर्थ में सुंदरता कॉमन है। बलवान और बुद्धिमत्ता जैसे अर्थ अलग-अलग तौर से समाहित हैं। तो अब दिल्ली में विकास की सुंदरता बिखरेगी। बुद्धिमत्तापूर्ण विकास का आकाश नजर आएगा। दिल्ली में समृद्धि का नया दौर आएगा।

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तो दिल्ली ने रेखा गुप्ता को दिल्ली का मुख्यमंत्री घोषित कर दिया है। दिल्ली में बीजेपी की 27 साल बाद वापसी हुई है। चुनाव में 70 सीटों वाली दिल्ली विधानसभा में बीजेपी को 48 और आम आदमी पार्टी को 22 सीटें मिली थीं। अब रेखा गुप्ता दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री बनेंगी। तो भाजपा की भी चौथी मुख्यमंत्री भी बनने जा रही हैं। बीजेपी की 27 साल के वनवास की रेखा खत्म हो गई है। रेखा गुप्ता पहली बार विधायक बनी हैं। उन्होंने शालीमार बाग सीट से आम आदमी पार्टी की वंदना कुमारी को 29,595 वोटों से हराया था। रेखा गुप्ता बचपन से ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ी रही हैं। उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के माध्यम से छात्र राजनीति में कदम रखा। 1994-95 में वह दौलत राम कॉलेज में सचिव चुनी गईं। 1995-96 में दिल्ली यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स यूनियन की सचिव और 1996-97 में अध्यक्ष बनीं। रेखा गुप्ता का बीजेपी में लंबा सफर रहा है। 2003-04 में वह बीजेपी युवा मोर्चा दिल्ली की सचिव रहीं। 2004-06 में युवा मोर्चा की राष्ट्रीय सचिव बनीं। अप्रैल 2007 में उत्तरी पीतमपुरा वार्ड से पार्षद चुनी गईं। पार्षद रहते हुए 2007-09 तक महिला कल्याण एवं बाल विकास समिति की अध्यक्ष रहीं। मार्च 2010 में बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य बनीं। वर्तमान में वह बीजेपी महिला मोर्चा की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। रेखा गुप्ता शालीमार बाग वार्ड से भी पार्षद रह चुकी हैं।

साहिब सिंह वर्मा का दिल्ली की मुख्यमंत्री से कनेक्ट होना था, सो प्रवेश की जगह रेखा के रूप में हो गया। प्रवेश वर्मा को अगर मुख्यमंत्री का पद मिलता तो परिवारवाद का आरोप लगता। पर साहिब सिंह वर्मा की विधानसभा सीट रही शालीमार बाग से चुनाव जीतकर मुख्यमंत्री बनने जा रही रेखा गुप्ता भी उनकी याद दिलाती रहेंगी। तो मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान के बाद दिल्ली के सीएम पद पर भाजपा ने नया चेहरा लाकर यह साफ कर दिया है कि यह सिलसिला आगे भी जारी रहेगा। अब दिल्ली शालिमार रेखा बन गई है और उम्मीद यही कि आगामी समय में डबल इंजन की सरकार विकास की नई रेखा खींचकर कीर्तिमान रचेगी…।