Delhi Kejriwal’s : सुप्रीम कोर्ट ने केजरीवाल को कई अधिकार दिए, LD के पर कतरे!
New Delhi : दिल्ली के मुख्यमंत्री और LG (उप राज्यपाल) के बीच चल रही अधिकारों की जंग में सुप्रीम कोर्ट ने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के पक्ष को सही माना और LG को उनके अधिकार बता दिए।
इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल सरकार को बड़ी ताकत भी दी। सुप्रीम कोर्ट साफ कहा है कि दिल्ली में अब अफसरों की ट्रांसफर पोस्टिंग पर दिल्ली सरकार का अधिकार होगा। यानी उपराज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री ही दिल्ली का असली बॉस होगा। दिल्ली सरकार बनाम उपराज्यपाल के बीच टकराव का ये मामला अफसरों की पोस्टिंग और ट्रांसफर के अधिकार से ही जुड़ा था। दिल्ली सरकार ने कोर्ट में याचिका दाखिल कर ये अधिकार उसके हाथ में देने की मांग की थी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में 18 जनवरी, 2023 को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था।
केंद्र सरकार ने 2021 में गवर्नमेंट ऑफ एनसीटी ऑफ दिल्ली एक्ट (GNCTD Act) पास किया था। इसमें दिल्ली के उपराज्यपाल को कुछ और अधिकार दे दिए गए थे। आम आदमी पार्टी ने इसी कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी। सुनवाई के दौरान दिल्ली सरकार का तर्क था कि केंद्र उसके और संसद के बीच के अंतर को खत्म करना चाहता है।
लेकिन, केंद्र की तरफ से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि दुनिया के लिए दिल्ली को देखना यानी भारत को देखना है। उन्होंने कहा कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी है, इसलिए ये जरूरी है कि केंद्र के पास अपने प्रशासन पर विशेष अधिकार हों और अहम मुद्दों पर नियंत्रण हो।
BJP और कांग्रेस ने की भी यही मांग!
आम आदमी पार्टी अक्सर केंद्र सरकार पर चुनी हुई सरकार के कामकाज में बाधा डालने के लिए उपराज्यपाल का इस्तेमाल करने का आरोप लगाती रही है। सालों से ये लड़ाई चली आ रही है। इसकी वजह ये है कि दिल्ली पूर्ण राज्य नहीं है और यहां केंद्र का नियंत्रण भी है। कभी बीजेपी खुद दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग करती थी। दिल्ली पर नियंत्रण को लेकर शीला दीक्षित की भी शिकायत रहती थी। लेकिन, उन्होंने कभी पुरजोर तरीके से इसकी मांग नहीं की। 2014 के चुनाव में जीत के बाद बीजेपी सांसद और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कहा था कि वो प्रधानमंत्री से दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग करेंगे।
दिल्ली आखिर कैसा राज्य
दिल्ली को लेकर कई सारे सवाल मन में आते हैं कि आखिर ये है क्या? दिल्ली न सिर्फ एक शहर, राज्य, राजधानी और राज्य है, बल्कि एक केंद्र शासित प्रदेश भी है। साल 1992 में दिल्ली को गवर्नमेंट ऑफ नेशनल कैपिटल टेरिटरी का दर्जा दिया गया था।