New Delhi : महात्मा गांधी की हत्या पर बनी फिल्म व्हाई आई किल्ड गांधी (Why I Killed Gandhi) के प्रदर्शन पर रोक लगाने वाली याचिका पर सुनवाई से सुप्रीम कोर्ट (SC) ने इनकार कर दिया। इसके बाद फिल्म OTT प्लेटफॉर्म पर रिलीज हो गई। सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल करके महात्मा गांधी (Mahatma Gandhi) पर बनी इस फिल्म के प्रदर्शन पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
फिल्म के प्रस्तुतकर्ता मान सिंह और निर्माता कल्याणी सिंह ने ‘मीडियावाला’ को बताया कि ये फिल्म नाथूराम गोडसे के पंजाब हाई कोर्ट में दिए गए लिखित बयान पर आधारित है! फिल्म में कुछ भी काल्पनिक नहीं है। निर्देशक अशोक त्यागी ने उसी बयान का फिल्मीकरण किया है। जबकि, फिल्म के निर्माता की और से ‘सफायर एंड सेज लॉ ऑफिसेज’ के एडवोकेट आर्यन अरोड़ा ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म के खिलाफ याचिका पर विचार करने से इंकार इसलिए कर दिया, क्योंकि इसमें याचिकाकर्ता के मौलिक अधिकारों का कहीं उल्लंघन नहीं होता।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अर्जी में कहा गया था कि ओटीटी प्लेटफॉर्म (OTT Plateform) पर 30 जनवरी को ये फिल्म रिलीज हुई है। फिल्म के कंटेंट आपत्तिजनक (Content Objectionable) हैं और इस फिल्म से महात्मा गांधी की छवि को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। ऐसे में उस पर रोक लगाई जानी चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि इस फिल्म के जरिए महात्मा गांधी की इमेज को खराब किया जा सकता है। जनता में इससे द्वेष और नफरत हो सकती है और भाईचारा को खतरा हो सकता है ऐसे में फिल्म पर रोक लगाई जाए।
सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म को बैन करने वाली याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस इंदिरा बनर्जी की अगुवाई वाली बेंच ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में अनुच्छेद-32 के तहत रिट तब दाखिल की जाती है, जब मौलिक अधिकार के हनन का मामला हो। इस मामले में दाखिल याचिका में मौलिक अधिकार के हनन का मामला नहीं दिख रहा।
उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता ने जो चिंता जाहिर की, वह दिखाता है कि इस मामले में आप सीधे सुप्रीम कोर्ट में क्यों आए! आप हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं। याचिकाकर्ता के वकील अनुज भंडारी ने कहा कि OTT Platform पर रिलीज हुई इस फिल्म के कंटेंट में आपत्तिजनक बातें हैं। गांधी के बारे में जोक्स हैं और उनकी इमेज को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। इस कारण याचिकार्ता को दुख हुआ है। साथ ही देश के लोग भी हर्ट हैं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये दुर्भाग्यपूर्ण है। पर, आप सुप्रीम कोर्ट सीधे क्यों आए, आप हाई कोर्ट जा सकते हैं। सुप्रीम कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया।