Bhopal : कोविड इंसेंटिव की मांग को लेकर एम्स (All India Institute of Medical Sciences) के इंटर्न डॉक्टर धरना, प्रदर्शन के 7वें दिन मंगलवार को भूख हड़ताल पर बैठ गए। इन डॉक्टर्स का आरोप है कि उन्होंने 17 अप्रैल से 9 जून तक कोरोना संक्रमित मरीजों का इलाज किया था। AIIMS के Managment ने वादा करने के बावजूद इंसेंटिव नहीं दिया। कोरोना की दूसरी लहर में सेवा करने वाले ये डॉक्टर अब प्रबंधन से कोविड इंसेटिव (Covid Incentive) देने की मांग कर रहे है।
इंटर्न डॉक्टर ने कहा कि निदेशक की तरफ से न तो उन्हें कोई लिखित आश्वासन मिला और न वे बात करने को तैयार है। इसलिए अब हमारे पास भूख हड़ताल पर बैठने के अलावा कोई दूसरा उपाए नहीं है। रविवार को सांसद प्रज्ञा ठाकुर ने AIIMS पहुंचकर इंटर्न डॉक्टराें से मुलाकात कर उनकी समस्याएं सुनी थी। डॉक्टरों ने सांसद को अपनी मांग के संबंध में जानकारी दी। इस पर सांसद ने डॉक्टरों को आश्वस्त किया कि उनकी मांगों को लेकर जरूरत पड़ने पर वे केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री (Union Health Minister) से बात करेंगी। इसके बाद इंटर्न डॉक्टरों ने अपनी सोमवार को प्रस्तावित भूख हड़ताल को एक दिन के लिए टाल दिया।
डॉक्टरों का कहना है कि सांसद के आश्वासन के बावजूद प्रबंधन की तरफ से हमें कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। सोमवार को इंटर्न डॉक्टरों ने स्वच्छता के लिए अस्पताल में सफाई अभियान चलाया। इससे पहले रविवार को डॉक्टरों ने AIIMS में बढ़ते डेंगू (Dengue) के मामलों को लेकर ब्लड डोनेशन कैंप में ब्लड भी डोनेट किया।डॉक्टरों की मांग
AIIMS के इंटर्न डॉक्टरों का कहना है कि प्रबंधन वादा करके उनको 54 दिन का Covid Incentive नहीं दे रहा है। उन्होंने 17 अप्रैल से 9 जून तक कोरोना संक्रमित मरीजों की सेवा की है। प्रबंधन ने प्रत्येक डॉक्टर को 8 घंटे के 1 हजार रुपए Covid Incentive देने का वादा किया, लेकिन अब अपनी ही बात से प्रबंधन मुकर गया है। 100 इंटर्न डॉक्टर का प्रबंधन पर कोविड इंसेंटिव नहीं देने का आरोप है।
स्टूडेंट्स का समर्थन
इंटर्न डॉक्टरों को दूसरे मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट्स और जूनियर डॉक्टरों का भी समर्थन मिल रहा है। उनकी तरफ से केन्द्र सरकार से AIIMS के इंटर्न डॉक्टरों को Covid Incentive देने की मांग की है