Cabinet Decisions : प्रदेश में देसी शराब की बिक्री व्यवस्था मार्च के बाद बदलेगी

कोरोना प्रभावित ग्रामीण पथ विक्रेताओं को सरकार अनुदान देगी

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Bhopal : प्रदेश में देसी शराब की मौजूदा बिक्री व्यवस्था मार्च 2022 के बाद बदलने का फैसला किया गया। कैबिनेट की बैठक में आज कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में आज प्रदेश में देसी शराब की मौजूदा बिक्री व्यवस्था को 5 नवंबर 2021 तक चार माह तक आगे बढ़ाए जाने के निर्णय का समर्थन करते हुए इस व्यवस्था को अगले साल 31 मार्च तक जारी रखने पर चर्चा की गई। पुरानी व्यवस्था के अनुसार देसी मसाला मदिरा कांच में 569.71 रुपए प्रति पेटी और प्लास्टिक बोतलों में 555.79 रुपए प्रति पेटी थी। प्लेन में कांच 510.75 और प्लास्टिक में 471.75 रुपए प्रति पेटी दर थी। 180 एमएल की प्लेन 75 रुपए और मसाला 110 रुपए की आती थी। इसमें से देसी शराब की मात्रा घटाते हुए पैकिंग व्यवस्था 90 एमएल प्लेन 38 रुपए और मसाला 55 रुपए कर दी गई थी। आज इसे मंजूरी प्रदान कर दी गई। इसी मात्रा में शराब 31 मार्च 2022 तक बिकती रहेगी। यह व्यवस्था प्रदेश की तीन हजार से अधिक देसी शराब दुकानों पर लागू होगी।
प्रदेश में ग्रामीण पथ विक्रेताओं को कोरोना के दौरान आजीविका प्रभावित होंने पर अनुदान देने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी गई।
आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत गठित कार्यकारिणी समिति द्वारा कोविड 19 के लिए संक्रमण की रोकथाम के लिए मुख्यमंत्री सहायता कोष से दी गई राशि को भी कैबिनेट में मंजूरी दी गई। वित्तीय वर्ष 21-22 में विभाग द्वारा कोरोना उपचार एवं प्रबंधन के लिए वित्त का नया मद गठित किए जाने पर भी विचार किया गया।
CII को अगले दो वर्षो के लिए नेशनल पार्टनर बनाए जाने पर भी चर्चा की गई। खनिज विभाग को विभागीय ढांचे को मजबूत करने के लिए नए पदों के सृजन को मंजूरी दी गई।
जैविक कृषि कार्यक्रम की नवीन योजना के तहत 38 करोड़ रुपए की राशि की स्वीकृति दी गई। नीमच में वन स्टॉप सेंटर भवन निर्माण के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग को जमीन आबंटित करने का निर्णय लिया गया। राज्यपाल की निजी स्थापना में सांख्येत्तर पद निर्मित करते हुए डॉ दक्षेस आर ठाकर की संविदा नियुक्ति दी गई।
सेवानिवृत्त जिला सत्र न्यायाधीश राजेन्द्र कुमार सिंह को लोकायुक्त में विधि सलाहकार के रुप में संविदा नियुक्ति दिए जाने का निर्णय लिया गया। मध्यप्रदेश काष्ट चिरान विनियमन अधिनियम में संशोधन करने का निर्णय लिया गया। दीनदयाल राय एवं अन्य विरुद्ध प्रमुख सचिव महिला बाल विकास के न्यायालयीन अवमानना प्रकरण के अनुपालन में समाज कल्याण बोर्ड मुख्यालय एवं परियोजना के कर्मचारियों को पेंशन एवं ग्रेच्युइटी की सुविधा प्रदान करने की भी अनुमति दी गई।