
Deva Pardi Case : पुलिस हिरासत में देवा पारदी की मौत के मामले में CBI ने TI को हिरासत में लिया, इंदौर में पूछताछ!
Guna : चर्चित देवा पारदी की पुलिस हिरासत में मौत के मामले में सीबीआई ने राघौगढ़ के टीआई जुबेर खान को हिरासत में लिया है। सीबीआई ने अधिकारिक रूप से इसकी पुष्टि नहीं की। सीबीआई टीम मंगलवार देर रात टीआई को इंदौर ले गई।
यह मामला 15 जुलाई 2024 का है। बीलाखेड़ी के रहने वाले देवा पारदी (25) की बारात उसी शाम गुना शहर के गोकुल सिंह चक्क के लिए निकलने वाली थी। शाम 4.30 बजे म्याना पुलिस गांव पहुंची। देवा और उसके चाचा गंगाराम को बारात में जाने वाले ट्रैक्टर से ही थाने ले जाया गया। पुलिस का कहना था कि एक चोरी के मामले में उससे पूछताछ और बरामदगी करनी है।
अगली शाम परिवार को जिला अस्पताल से सूचना मिली कि एक पारदी युवक की लाश पोस्टमार्टम रूम में है। वहां पहुंचने पर परिजनों को देवा की मौत की जानकारी मिली। देवा की चाची और होने वाली दुल्हन ने पेट्रोल डालकर आत्मदाह की कोशिश भी की थी।
जानकारी के मुताबिक, मंगलवार को सीबीआई टीम गुना पहुंची और टीआई जुबेर खान से पूछताछ की। इसके बाद उन्हें हिरासत में ले लिया। रात लगभग 9 बजे टीआई का जिला अस्पताल में मेडिकल कराया गया। इसके बाद टीम उन्हें लेकर इंदौर रवाना हो गई। जबकि, जुबेर खान का नाम अभी तक हिरासत में देवा पारदी की मौत के मामले में नहीं आया था। पीड़ित परिवार ने भी उनका नाम नहीं लिया था। सीबीआई ने किस आधार पर और किन आरोपों में उन्हें आरोपी बनाया है और हिरासत में लिया है, यह फिलहाल स्पष्ट नहीं हो सका।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर CBI को दी जांच
सुप्रीम कोर्ट में देवा की मां ने याचिका दायर की थी। मई 2025 में कोर्ट ने इस मामले को सीबीआई को ट्रांसफर करते हुए एक महीने में आरोपियों की गिरफ्तारी का आदेश दिया था। 90 दिन में चार्जशीट पेश करने के आदेश मिले थे। इसी पर कार्रवाई करते हुए सीबीआई ने एक महीने पहले एसआई देवराज सिंह परिहार को हिरासत में लिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई को हुई सुनवाई के दौरान कहा था कि जिन दो पुलिस अफसरों की भूमिका संदिग्ध है, उन्हें सिर्फ लाइन अटैच क्यों किया गया, गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया है कि तुरंत एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू करें। कोर्ट ने कहा कि आरोपी पुलिसकर्मियों को एक माह में गिरफ्तार किया जाए और गिरफ्तारी के 90 दिन में चार्जशीट पेश की जाए।
मामले को सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को सौंपा
सुप्रीम कोर्ट ने 15 मई 2025 को सुनवाई के बाद इस मामले को सीबीआई को सौंप दिया था। जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस संदीप मेहता की बेंच ने मामले की सुनवाई की। कोर्ट ने कहा था कि 8 महीने बाद भी एक भी आरोपी पुलिसकर्मी की गिरफ्तारी न होना दिखाता है कि जांच निष्पक्ष नहीं हो रही। राज्य पुलिस अपने ही लोगों को बचा रही है। यह मामला उस कानूनी सिद्धांत को पूरी तरह लागू करता है, जिसमें कहा गया कि कोई व्यक्ति अपने ही मामले में जज नहीं हो सकता। देवा की मौत के आरोप म्याना थाने की पुलिस पर है और वहीं अब तक जांच भी कर रही थी। यह नैसर्गिक न्याय के सिद्धांतों का उल्लंघन है।
देवा के चाचा हिरासत में सुरक्षित
कोर्ट ने कहा था कि देवा के चाचा गंगाराम, जो इस केस के इकलौते चश्मदीद हैं, फिलहाल न्यायिक हिरासत में हैं। इनकी जमानत की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस वक्त हिरासत में रहना ही उनकी सुरक्षा के लिए बेहतर है। बाहर आएंगे तो किसी दिन ट्रक से कुचल दिए जाएंगे और कहा जाएगा कि यह हादसा था।
देवा की दुल्हन ने खुद पर पेट्रोल डाल लिया था
देवा की मौत की सूचना पर पारदी समुदाय की महिलाओं ने जिला अस्पताल पहुंचकर भारी विरोध किया था। देवा की चाची और होने वाली दुल्हन ने अपने ऊपर पेट्रोल तक डालकर आग लगाने की कोशिश की थी। पुलिसकर्मियों ने किसी तरह उन्हें बचाया। महिलाओं का आरोप था कि म्याना थाने में देवा और गंगाराम की बुरी तरह पिटाई की गई, जिससे देवा की मौत हुई।
देवा की मौत का आरोप इन पर
सीबीआई की रिपोर्ट के अनुसार, म्याना थाने के तत्कालीन टीआई संजीत मावई, उप निरीक्षक देवराज सिंह परिहार, एएसआई उत्तम सिंह समेत अन्य पुलिसकर्मियों पर हिरासत में मौत और अत्याचार के आरोप हैं। सीबीआई ने 3 जुलाई को इस मामले में पहली गिरफ्तारी की थी। टीम ने एसआई देवराज सिंह परिहार को गिरफ्तार किया था। इसके बाद मंगलवार को जुबेर खान को सीबीआई ने हिरासत में लिया है।





