Ropeway Accident;देवघर हादसे में बचे संदीप ने सुनाई आपबीती; करीब 29 लोग अब भी जिंदगी और मौत से लड़ रहे हैं
देश का सबसे ऊंचा, झारखंड का एक मात्र रोप वे
देवघर रोपवे हादसे( Ropeway Accident )मेंट्रॉली से रेसक्यू किए गए संदीप नाम के यात्री ने अपना अनुभव शेयर किया. उसने जो बताया वो दिल दहलाने वाला है.संदीप ने बताया कि वह ट्रॉली में बैठे थे. उनके साथ 3 और लोग बैठे थे. दोपहर करीब साढ़े तीन बजे अचानक ट्रॉली रुक गई.
उन सबको लगा कि लाइट चली गई है. आधे घंटे बाद भी जब चीजें ठीक नहीं हुईं तो उन्होंने ट्रॉली में दिए हेल्पलाइन नंबर पर कॉल किया. वहां से बताया गया कि कुछ समस्या आ गई है. जल्द ही चीजें ठीक होंगी और सेवा बहाल हो जाएगी.
जब 2 घंटे बाद भी समस्या बनी रही तो फिर उन्होंने कॉल किया, तब जाकर हादसे के बारे में बताया गया.जब रात 8 बजे तक भी हम फंसे रह गए तो लगा कि अब बचना मुश्किल है. अंधेरा हो चुका था. हमारे पास न खाने को खाना था और न पीने को पानी. किसी तरह की कोई मदद भी नहीं थी.
कुछ भी समझ नहीं आ रहा था कि क्या करें. हमने पूरी रात भगवान का नाम लेकर काटी. सुबह मौके पर पुलिस और सीआईएसएफ के जवान भी पहुंचे. सभी ने रेस्क्यू शुरू किया. हम जिस ट्रॉली में थे उसमें फंसे लोगों को सीआईएसएफ के जवानों ने रस्सी के जरिए चढ़कर बचाया.अब भी 11 ट्रॉली में वहां 29 से ज्यादा लोग फंसे हुए हैं. 19 लोगों को अब तक बचा लिया गया है. रेस्क्यू के लिए सेना भी बुला ली गई है, सभी यात्री भूखे-प्यासे फंसे हुए हैं.
Ropeway Accident: 20 घंटे से हवा में लटके 48 लोग, रेस्क्यू में सेना को आ रहीं मुश्किलें