DGP’s Instructions: पुलिस रिपोर्ट में हिंदी शब्दों का करे प्रयोग,अब कायमी नहीं पंजीयन, बयान नहीं कथन, इरादतन की जगह साशय का होगा इस्तेमाल

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DGP’s Instructions: पुलिस रिपोर्ट में हिंदी शब्दों का करे प्रयोग,अब कायमी नहीं पंजीयन, बयान नहीं कथन, इरादतन की जगह साशय का होगा इस्तेमाल

 

भोपाल:गृह मंत्रालय और पुलिस महानिदेशक चाहते है कि मध्यप्रदेश पुलिस के मैदानी अफसर अपनी कार्यवाही के दौरान उर्दू, फारसी की जगह हिंदी शब्दों का प्रयोग करे इसके बाद भी अभी भी मैदानी अफसर अभी भी इनका मोह नहीं छोड़ पा रहे है। अब एक बार फिर पुलिस महानिदेशक सुधीर सक्सेना ने पुलिस अफसरों को हिंदी शब्दों का प्रयोग करते हुए कायमी की जगह पंजीयन और बयान की जगह कथन तथा इरादतन की जगह साशय का इस्तेमाल करने को कहा है।

गृह मंत्रालय ने हिंदी भाषा के शब्दों की शब्दकोष तैयार कर पुलिस की सभी इकाईयों को प्रदान करने के निर्देश दिए है ताकि गैर हिंदी के शब्दों के स्थान पर हिंदी शब्दों का प्रचलन हो सके यदि गृह मंत्रालय और पुलिस महानिदेशक के फरमान का पूरी तरह फील्ड में पालन होना शुरु हो गया तो पुलिस जो रिपोर्ट दर्ज करती र्है अपराध कायम करती है उसमें कायमी के स्थान पर पंजीयन का उपयोग होगा। इस्तगासा की जगह अब दावा और परिवाद पेश करने की जानकारी पुलिसकर्मी देंगे। रिपोर्ट में चश्मदीद गवाह की जगह प्रत्यक्षदर्शी साक्षी का उपयोग होगा। पुलिस बयान की जगह कथन दर्ज कराएगी। जमानत मुचलके की जगह अब प्रतिभूति और बंध पत्र के आधार पर आरोपियों को रिहा किया जाएगा।

चोरी और हत्या में प्रयुक्त होंने वाले सामान की जप्ती नहीं अभिग्रहण या अधिग्रहण किया जाएगा। जख्म और मजरुब की जगह चोट, घाव और आहत जैसे शब्दों का इस्तेमाल होगा गवाह या गवाहान की जगह साक्षी और साक्षीगण कहकर कोर्ट मेंं साक्षियों को बुलाया जाएगा।

इरादतन हत्या की जगह साशय हत्या शब्द का इस्तेमाल होगा। खून आलूदा की जगह रक्त रंजित और रक्त से सना हुआ शब्दों का उपयोग होगा। अपराधों में म्याद की जगह समयसीमा या अवधि का प्रयोग किया जाएगा। कैदखाना को बंदीग्रह, अजम चैक को असंक्षेय, अदालत को न्यायालय तथा जाप्ता फौजदारी की जगह दंड प्रक्रिया संहिता का उपयोग होगा। ताजिरात ए हिंद की जगह भारतीय दंड संहिता या विधान का उपयोग पुलिसकर्मी करेंगे। खैरियत की जगह कुशलता पूछी जाएगी और गुजारिश की जगह प्रार्थना की जाएगी। फैसले की जगह निर्णय, मुल्जिम की जगह आरोपी, अपराधी धब्दीों का प्रयोग पुलिस करेगी। बरी की जगहदोषमुक्त और नजीर की जगह दृष्टांत तथा मौका ए वारदात की जगह घटनास्थल, नकबजनी की जगह गृहभेदन या सेंधमारी और दीगर की जगह दूसरा, दस्याब की जगह खोजलेना शब्द और थाना आजा कीक जगह आरक्षी केन्द्र पर उपस्थित, माकूल की जगह उचित, परवाना की जगह परिपत्र, मौका ए वाददात की जगह घटना स्थल,तब्दील की जगह परिवर्तित, ताकीद की जगह चेतावनी, समझाईश जैसे शब्दों का उपयोग होगा।