श्मशान का कठिन सफर: दमोह जिले के सिंग्रामपुर में अंतिम यात्रा के लिए भी संघर्ष, घुटनों तक नाले के पानी पार कर ले जा रहे शव

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श्मशान का कठिन सफर:
दमोह जिले के सिंग्रामपुर में अंतिम यात्रा के लिए भी संघर्ष, घुटनों तक नाले के पानी पार कर ले जा रहे शव

दमोह से महेंद्र सिंह परिहार की विशेष रिपोर्ट

दमोह: दमोह जिले की जनपद जबेरा के ग्राम सिंग्रामपुर में अंतिम संस्कार के लिए गांव के लोग घुटनों तक भरे नाले को पार कर श्मशान घाट तक जाने के लिए मजबूर है। ऐसी स्थिति के बाद सरकार के ग्रामीण विकास के दावों पर सवाल उठ रहे हैं।

बताया गया है कि बरसात में ग्राम में किसी की मौत हो जाती है तो अंतिम संस्कार के लिए श्मशान तक शव ले जाने के सफर में मुश्किलें बढ़ जाती हैं और लोगों को नाले को पार करके अंत्येष्टि करने को जाना पड़ता है। सिंग्रामपुर ग्राम में कुछ ऐसी ही स्थिति आज बनी जब गांव के सचिन साहू की मौत के बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए श्मशान का सफर मुश्किल बन गया। अक्सर बारिश के दिनों में लोग नाले में घुटनो पानी को पार कर श्मशान घाट तक जाते हैं और अंतिम संस्कार करते हैं। सिंग्रामपुर ग्राम में लोगों ने मांग की है कि नाले पर रपटा पुल या स्टॉप डैम बनाया जाए ताकि लोगों को कुछ ऐसी स्थिति का सामना करना न करना पड़े।

गौरतलब है कि ये वही संग्रामपुर
गांव है जहां पिछले साल मोहन सरकार द्वारा केबिनेट लगाई गई थी,सरकार ने विकास के बड़े बड़े दावे किए थे।
बाइट_दीपक यादव (स्थानीय ग्रामीण)