दिग्विजय ने कैलाश को कहा कलाकार, अंबाराम की पदयात्रा, कमिश्नर की फटकार का असर, जानिए कीर्ति राणा से रोचक किस्से

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दिग्विजय ने कैलाश को कहा कलाकार, अंबाराम की पदयात्रा, कमिश्नर की फटकार का असर, जानिए कीर्ति राणा से रोचक किस्से

 कीर्ति राणा 

🔹सीएम के गृह जिले में स्कूल के लिये बुजुर्ग अंबाराम की पदयात्रा
उज्जैन जिले की नागदा तहसील के ग्राम भड़ला निवासी 79 वर्षीय अंबाराम परमार वर्षों से गांव में स्कूल भवन निर्माण की मांग कर रहे हैं । सुनवाई नहीं होने से आहत होकर उन्होंने अब तक दिए गए 81 आवेदनों की माला पहनकर 90 किलोमीटर पैदल सफर तय करते हुए कलेक्टर कार्यालय पहुंचकर प्रशासन का ध्यान खींचा।

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अंबाराम परमार ने कहा कि वे तीन दिन पैदल चलकर उज्जैन पहुंचे हैं, ताकि अधिकारियों को बच्चों की बदहाली दिखाई जा सके। उनका कहना है सबसे पहले मेरे गांव में स्कूल बनाइए, फिर बाकी मांगों पर बात होगी। इसके साथ ही उन्होंने 51 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन भी सौंपा । ग्राम भड़ला, जो जिला मुख्यालय से करीब 90 किलोमीटर दूर स्थित है, यहां 13 वर्षों से स्कूल भवन नहीं है। प्राथमिक स्कूल की कक्षाएं गांव के ही बुजुर्ग अंबाराम परमार के आंगन में संचालित हो रही हैं। कभी झोपड़ी, कभी पेड़ के नीचे बच्चों को बैठाकर पढ़ाया जाता है. बारिश और गर्मी में बच्चों की पढ़ाई सबसे ज्यादा प्रभावित होती है।

🔹कमिश्नर की फटकार का हुआ असर
संभागायुक्त डॉ सुदाम खाड़े ने देवी अहिल्या केंद्रीय ग्रंथालय की सचिव लिली डाबर को फटकार नहीं लगाई होती तो दुआ सभागृह डेढ़ महीने बाद भी शुरू नहीं होता। कमिश्नर को मीडिया से जब जानकारी मिली कि दुआ सभागृह तैयार हो चुका है लेकिन समिति सचिव शुरू ही नहीं कर रही हैं।

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उन्होंने लिली डाबर को बुलाया और जानकारी ली, फटकार लगाई कि चालू नहीं किया तो सस्पेंड कर दूंगा। तब कहीं जाकर दुआ सभागृह शुरु तो हो गया लेकिन चार गुना किराया वृद्धि के कारण आज तक बुकिंग नहीं हुई है।

🔹साहब की लिफ्ट !
इंदौर विकास प्राधिकरण कार्यालय में साहब से मिलने जाना हो और तीन नंबर वाली लिफ्ट यदि देर तक नीचे ना आएं तो यह ना सोचें कि खराब हो गई है।

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असल में जब प्राधिकरण सीईओ ऑफिस में होते हैं तो कई बार उनके अर्दली इस लिफ्ट को थर्ड फ्लोर पर रोक लेते हैं। साहब को लंच करने जाना हो या किसी अन्य मीटिंग में जाना हो, कर्मचारी यह नहीं सोचते कि लिफ्ट रोके रखने से अन्य लोगों को कितनी परेशानी होगी, उनका पहला काम तो साहब के आदेश का पालन करना है।

🔹साहब क्यों उठें कुर्सी से …!
मुख्यमंत्री हर आदमी के प्रति अपनी सौजन्यता दिखाते हैं तो जरूरी नहीं कि मातहत अधिकारी भी ऐसी सहजता दिखाएं। एक साहब कमिश्नर कार्यालय में हैं।साहब को लोग समस्या सुनाने, ज्ञापन देने भी आएंगे ही। साहब को ज्ञापन देने वाला हर प्रतिनिधिमंडल तब अचकचा जाता है जब वो सब तो ज्ञापन देते वक्त खड़े रहते हैं, सोचते हैं साहब भी खड़े होकर ज्ञापन लेने की उदारता दिखाएंगे लेकिन साहब उठने की सौजन्यता नहीं दिखाते। शायद यह भी कारण हो कि किस किस के लिए कुर्सी से उठें। शायद यही कारण है कि साहबों की ऐसी आदत के कारण ही सीएम ने अपने आप को आम आदमी जैसा ढाल लिया है, किसी को अहसास ही नहीं होने देते कि वो प्रदेश के मुखिया हैं।

🔹मौका ही नहीं मिला सांसद को
डेली कॉलेज में अटल जी की स्मृति में हुए कार्यक्रम में सांसद लालवानी के साथ चोट हे गई।
मुख्य अतिथियों सहित तिवारी परिवार और बाकी लोगों को भी बोलने का मौका मिला, बस लालवानी को ही कार्यक्रम में आभार व्यक्त करने का मौका नहीं मिला। समापन से पहले बीएसएफ के बैंड ने राष्ट्रगीत बजा दिया, इस के समाप्त होते ही उपराष्ट्रपति सहित अन्य अतिथि मंच से। निकल गए।

🔹दिग्विजय सिंह का कलाकारजी को धन्यवाद
विधानसभा के विशेष सत्र में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने तो सन 1956 से प्रदेश के मुख्यमंत्रियों के अच्छे कामों का जिक्र करते हुए दिग्विजय सिंह की भी खूब तारीफ की थी। उनका यह भाषण ऐतिहासिक और कई भाजपा नेताओं को चौकाने वाला भी रहा।

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मंत्री विजयवर्गीय के भाषण के बाद दिग्विजय सिंह ने भी उन्हें सोशल मीडिया पर कहा है बहुत बहुत धन्यवाद “कलाकार” जी। आज के राजनैतिक प्रतिशोध के वातावरण में आपने जो मेरे बारे में कहा है वह आम राजनेता कभी भी नहीं कह सकता। उसके लिये साहस चाहिए और केवल खुले विचारों वाला व्यक्ति ही कह सकता है। काश आपकी और हमारी पार्टी में कुछ और लोग भी ऐसे होते।

🔹बिगड़ी सड़क पर हाईकोर्ट की नाराजी
इंदौर-मुंबई नेशनल हाईवे के गणेश घाट पर दुर्घटनाओं को रोकने के लिए 106 करोड़ में बना 8.8 किलोमीटर लंबा वैकल्पिक मार्ग 6 महीने में ही कैसे बदहाल हो गया? इस सवाल का जवाब मप्र हाईकोर्ट की इंदौर बेंच ने एनएचएआई से मांगा था लेकिन समय पर जवाब नहीं देने पर कोर्ट ने नाराजगी जताई है और फटकार लगाते हुए 15 जनवरी 2026 तक सड़क की वस्तुस्थिति की रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा है। अभिभाषक अभिषेक तुगनावत के मुताबिक हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान एनएचएआई के वकील ने कोर्ट को बताया, पैरवी के लिए मुंबई से वरिष्ठ अधिवक्ता कोर्ट नहीं पहुंच सके हैं, उन्हें समय दिया जाए। इस पर कोर्ट ने कहा, कहने के बाद भी सड़क सुधार की रिपोर्ट पेश नहीं की। अब आप सीनियर एडवोकेट के पेश होने के लिए समय मांग रहे हैं। वहीं याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया कि एक माह पहले रिपोर्ट जमा करने कहा था तब वकीलों ने सड़क सुधारने का भरोसा दिया था। लेकिन इसके बाद भी न काम किया और न रिपोर्ट पेश की। इसका खामियाजा गुजरने वाले हजारों वाहन चालक भुगत रहे हैं।

🔹राज्यमंत्री ने खुद पोल खोली घटिया निर्माण की
मोहन सरकार की ही राज्यमंत्री ने खोल दी घटिया सड़क निर्माण की पोल। जब पैर मारते ही उखड़ने लगी 20 लाख रुपए लागत की नई सड़क।

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पोड़ी मनकहरी मार्ग पर राजेश कैला कम्पनी द्वारा सडक निर्माण कार्य किया जा रहा था। राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी मौके पर पहुंची और निर्मित की गई डामर सड़क को दो-तीन जगह ठोकर मारी तो सड़क उखड़ती चली गई।उन्होंने ठेकेदार से मिलीभगत पर लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को भी जमकर लताड़ा।

🔹हाथी कॉरिडोर वाली जगह दे दी कोल माइंस को
भोपाल तक जानकारी पहुंची है कि वन विभाग के अफसरों ने सिंगरौली की धिरौली कोयला खदान को मंजूरी देने के लिए फॉरेस्ट एरिया का नक्शा ही बदल दिया है। खदान संरक्षित( रिजर्व) फॉरेस्ट एरिया में है। वन विभाग के ही रिकॉर्ड के मुताबिक यहां हाथी, बाघ समेत 18 दुर्लभ वन्य प्राणी रहते हैं, जो वाइल्ड लाइफ एक्ट 1972 के शेड्यूल वन में शामिल है। रिकॉर्ड के मुताबिक जिस जगह पर कोल माइन्स को मंजूरी दी है, वो हाथी कॉरिडोर है, यानी यहां से हाथी गुजरते हैं। इतना सब होने के बाद भी जिस दिन कोल ब्लॉक का टेंडर हुआ उसके बाद अफसरों ने कागजों में हेरफेर कर प्रस्तावित हाथी कॉरिडोर को कोल ब्लॉक से 5 किमी दूर बता दिया। तत्कालीन सीसीएफ ने 2023 में अपनी रिपोर्ट में इसे हाथी कॉरिडोर का हिस्सा बताया था। ये कोल ब्लॉक अहमदाबाद की मेसर्स स्ट्राटाटेक मिनरल रिसोर्सेज कंपनी को अलॉट किया है। धिरौली कोल ब्लॉक का कुल एरिया 2672 हेक्टेयर है। इसमें से 1275 हेक्टेयर राजस्व और 1397 हेक्टेयर वन क्षेत्र है। सभी जगह से ‘क्लीनचिट’ मिलने के बाद कोल ब्लॉक के करीब 1400 हेक्टेयर वन क्षेत्र के पेड़ों को काटने का काम शुरू हो गया है।

🔹अटल जी की मूर्ति नहीं पेंटिंग रहेगी
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री डॉ यादव 24 की दोपहर ग्वालियर आएंगे, 25 को मंच पर सिर्फ दो घंटे रहेंगे। अटल जयंती शताब्दी समारोह के समापन पर होने वाले कार्यक्रम के मंच पर अब अटल जी की प्रतिमा की जगह उनकी आदमकर पेंटिंग रखी जाएगी। शिंदे की छावनी पर पुष्पांजलि की तैयारी भी रहेगी। इस कार्यक्रम में लगभग 50 हजार लोग जुटाने का लक्ष्य है। इनके लिए 935 बसें लगेंगी। बसों पर जिलों के हिसाब अलग-अलग रंग के कूपन चस्पा होंगे। 17 पार्किंग वीआईपी, सरकारी व भाजपा नेताओं के वाहनों के लिए रहेंगी। अनुमान है कि इनके 2500 वाहन पार्क होंगे। इसकी तैयारियों को लेकर ही एडीएम सीबी प्रसाद, एडिशनल एसपी अनु बेनीवाल सहित अन्य अधिकारियों ने बैठक की।

🔹विदिशा के गांव में सेब फल की फसल
विदिशा का सुनपुरा गांव अब उदयगिरि की गुफाओं के साथ नवाचारी खेती के लिए भी पहचाना जाएगा। कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन और जैविक खाद उत्पादन के क्षेत्र में वर्षों से सतत और उत्कृष्ट कार्य कर रहे थान सिंह यादव ने अब जिले में सेब फल की खेती की दिशा में एक नई शुरुआत की है। सामान्यतः ठंडे पहाड़ी क्षेत्रों में उगाए जाने वाले सेब फल को उन्होंने विदिशा जैसी गर्म जलवायु में सफलतापूर्वक विकसित कर यह साबित कर दिया है कि नवाचार और वैज्ञानिक दृष्टिकोण से खेती की सीमाएं बदली जा सकती हैं।थान सिंह यादव ने सेब फल की उन्नत किस्में हरिमन-99 और अन्ना डोरसेट के कुल 30 पौधे राजस्थान के अलवर जिले की जयहिंद नर्सरी से कोरियर के माध्यम से मंगवाए, लगभग साढ़े तीन फीट ऊंचाई वाले इन पौधों को उन्होंने पूरी तरह वैज्ञानिक विधि से अपने खेत में रोपित किया. अब इन पौधों में सफलतापूर्वक फूल आना शुरू हो गया है, जो इस प्रयोग की सफलता की पहली और मजबूत निशानी है।

🔹कृषि मंत्री की सुन लीजिये
किसानों की पिटाई और दुर्व्यवहार के वायरल वीडियो पर कृषि मंत्री एदल सिंह कंसाना ने बड़ा दावा किया है। उन्होंने कहा कि सौ किसानों की खाद की लाइन में चंद 4-5 लोगों को जानबूझकर घुसाया जाता है, जो हंगामा करते हैं, थप्पड़ तक मारते हैं और फिर वीडियो वायरल किए जाते हैं। यह सब प्री-प्लान साजिश है।मंत्री ने दो टूक कहा कि प्रदेश में खाद की कोई कमी नहीं है और किसानों को गुमराह किया जा रहा है। वे एमपी की मोहन सरकार के दो साल पूरे होने पर भोपाल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे थे। उन्होंने खाद संकट के आरोपों को खारिज किया।

🔹चल रही है बाघिन पी-224 की खोजबीन
प्रदेश के पेंच टाइगर रिजर्व क्षेत्र से आई बाघिन पी-224 की तलाश राजस्थान में जारी है।सर्च ऑपरेशन में जुटी टीम ने रामगढ़ विषधारी टाइगर रिजर्व में तलाश शुरू कर दी है। बाघिन की लोकेशन ट्रैक करने के लिए इंटर-स्टेट टाइगर ट्रांस लोकेशन प्रक्रिया जारी है।

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कोटा सीसीएफ वाइल्ड लाइफ सुगनाराम जाट और डॉ. तेजेंद्र सिंह रियार दोबारा पेंच टाइगर रिजर्व पहुंचे हैं। लगातार कोशिशों के बावजूद भी अभी रेस्क्यू अभियान को सफलता नहीं मिल पाई है।अधिकारियों के अनुसार बाघिन की सटीक लोकेशन जानने के लिए रुखड़ और कुरई जंगल क्षेत्र में 40 से अधिक कैमरे लगाए गए हैं. जबकि 13 ऑनलाइन कैमरों से भी निगरानी की जा रही है।

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