मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह शनिवार को ग्वालियर कोर्ट में पेश हुए। उन्होंने अपने बयान में कहा था- आरएसएस पाकिस्तान की एजेंसी आईएसआई से पैसे लेकर भारत की जासूसी कराता है। इसी स्टेटमेंट पर मानहानि के मामले में उनकी पेशी थी। कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी। कोर्ट से बाहर आकर दिग्विजय सिंह ने कहा- जो संस्था रजिस्टर्ड ही नहीं है, जिसकी कोई मेंबरशिप ही नहीं है और अकाउंट भी नहीं है, उसकी मानहानि कैसी। ऐसे केस मुझ पर पहले भी लगाए जाते रहे हैं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह शनिवार सुबह श्रीराम एक्सप्रेस से जबलपुर से ग्वालियर पहुंचे थे। सेशन कोर्ट में अपने ही एक बयान पर मानहानि के केस में हाजिर हुए। 31 अगस्त 2019 को भिंड प्रवास के दौरान दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बातचीत करते हुए आरएसएस, बजरंग दल और भाजपा के कार्यकर्ताओं पर पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से पैसे लेकर जासूसी करने का आरोप लगाया था।अधिवक्ता अवधेश सिंह भदौरिया ने स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) व भाजपा के खिलाफ गलत बयान देने को लेकर दिग्विजय सिंह पर मानहानि का केस दायर कियाथा । उनकी ओर से तर्क दिया गया कि 31 अगस्त 2019 को दिग्विजय सिंह ने भिंड के एक राजनीतिक कार्यक्रम में कहा था कि एक बात मत भूलिए, जितने भी पाकिस्तान के लिए जासूसी करते पाए गए हैं, वह भाजपा, आरएसएस व बजरंग दल से पैसे ले रहे हैं। एक बात और बताता हूं कि पाकिस्तान की जासूसी संस्था आइएसआइ के लिए जासूसी मुसलमान कम कर रहे हैं, उससे ज्यादा गैर मुसलमान ज्यादा कर रहे हैं। इसी बयान को आधार मानते हुए दिग्विजय सिंह पर मानहानि का दावा पेश किया गया है। कोर्ट ने दिग्विजय सिंह को तलब किया था
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