Disorder in MY Hospital : MY अस्पताल में अव्यवस्था का अंबार, मरीजों के परिजन परेशान! 

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Disorder in MY Hospital : MY अस्पताल में अव्यवस्था का अंबार, मरीजों के परिजन परेशान! 

Indore : देश में स्वच्छता का सिरमौर और स्मार्ट सिटी बनने की और अग्रसर इस शहर में प्रदेश के सबसे बड़े एमवाय अस्पताल की अव्यवस्थाएं सबसे बड़ा रोड़ा है। इस अस्पताल सिर्फ नाम का ही बड़ा है। क्योंकि, यहां आज भी पुराना ढर्रा कायम है। यहां के कर्मचारी पहले भी लापरवाह थे और आज भी लापरवाह हैं। यहां आने वाले मरीजों के परिजन को ही गंभीर मरीज का स्ट्रेचर धकेलकर डॉक्टर के रूम तक लेकर जाना पड़ता है और वहां से पुन: स्ट्रेचर धकेलकर एक्स-रे आदि के रूम तक ले जाना पड़ता है।

एमवाय अस्पताल में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में मरीज आते हैं। सुविधाएं अधिक होने के कारण यहां न सिर्फ इंदौर बल्कि आस-पास के जिलों से भी बड़ी संख्या में मरीज आते हैं। यह आशा लेकर कि उन्हें यहां अच्छी सुविधाएं मिलेंगी, लेकिन यहां आकर कई बार उन्हें निराशा ही हासिल होती है। गंभीर मरीज जिन्हें डॉक्टर के रूम तक लेकर जाने के लिए स्ट्रेचर की जरूरत होती है, मरीज के परिजन को उसे स्वयं ही अस्पताल परिसर से लेकर आना होता है।

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उस पर वाहन से मरीज को भी स्वयं ही उठाकर लेटाना पड़ता है और उसे स्वयं ही धक्का देकर संबंधित डॉक्टर के रूम तक लेकर जाना होता है। उनकी मदद अस्पताल का कोई भी कर्मचारी नहीं करता है, जबकि स्ट्रेचर को चलाने की जिम्मेदारी अस्पताल के ही कर्मचारियों की होती है मरीज के परिजन की नहीं।

बाहर से आने वाले मरीजों के साथ प्राय: एक या दो ही अटेंडर आते हैं। उसमें महिलाएं भी होती हैं, जो स्ट्रेचर को चलाना नहीं जानती हैं। ऐसे में उन्हें अपने परिजन को स्ट्रेचर के माध्यम से डॉक्टर के रूम तक ले जाने के लिए वहां मौजूद अन्य लोगों से मदद मांगना पड़ती है। कुछ लोग सहायता कर देते हैं, कभी जल्दबाजी के कई लोग मदद नहीं भी करते हैं। ऐसे में मरीज और उनके परिजन को निराशा हाथ लगती है।

सुचारू व्यवस्था ही नहीं

एमवाय अस्पताल में ऐसी कोई सुचारू व्यवस्था नहीं है कि जहां स्ट्रेचर रखे जाएंगे वहां से उन्हें लाने के लिए कर्मचारियों को रखा जाए। वे ही उन स्ट्रेचरों को चलाएंगे, लेकिन ऐसा कुछ भी यहां तय नहीं है। इस ओर ध्यान देने की जरूरत है, जबकि लाखों रुपए का फंड कर्मचारियों पर खर्च किया जा रहा है।