

Dispute Between 2 Women Officers: हाई कोर्ट ने 2002 बैच की IPS अधिकारी रूपा मौदगिल की पदोन्नति को लेकर दिया आदेश, IAS अधिकारी की याचिका खारिज!
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने भारतीय पुलिस सेवा में 2002 बैच की वरिष्ठ IPS अधिकारी डी रूपा मौदगिल की पदोन्नति का रास्ता साफ कर दिया है। उन्होंने उन्हें अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (ADGP) के पद पर पदोन्नति के लिए नया आवेदन प्रस्तुत करने को कहा है। इतना ही नहीं, न्यायालय ने राज्य सरकार से कानून के अनुपालन में दो महीने के भीतर उनके आवेदन की समीक्षा करने को भी कहा है। इस संबंध में हाई कोर्ट ने वरिष्ठ IAS अधिकारी रोहिणी सिंधुरी द्वारा दायर याचिका खारिज कर दी।
रूपा वस्तुतः IAS अधिकारी रोहिणी सिंधुरी द्वारा उनके खिलाफ दायर आपराधिक मानहानि के मुकदमे का सामना कर रही हैं। सिंधुरी इस आधार पर रूपा की पदोन्नति को रोकना चाहती थीं कि वह आपराधिक मानहानि का विषय थीं, जिसमें जांच अभी भी जारी है, लेकिन पीठ ने इस बात पर जोर दिया कि पदोन्नति प्रक्रिया कार्मिक विभाग के नियमों के तहत गोपनीय है।
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न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना की एकल सदस्यीय पीठ ने रूपा के खिलाफ मानहानि के मामले को निजी मामला करार दिया। रूपा ने राज्य सरकार के कार्मिक विभाग से उनकी पदोन्नति का निष्पक्ष मूल्यांकन करने की मांग की थी, जो बाहरी प्रभाव से मुक्त हो।
पीठ ने IAS अधिकारी को इस मामले में अंतरिम आवेदन दायर करने की अनुमति नहीं दी और रूपा को मूल्यांकन के लिए कार्मिक विभाग में एक नया आवेदन प्रस्तुत करने की सलाह दी।
यहां तक कि राज्य सरकार के महाधिवक्ता और विधि विभाग ने भी स्पष्ट कर दिया कि दोनों महिला नौकरशाहों के बीच विवाद व्यक्तिगत मामला है और इससे सेवा शर्तें प्रभावित नहीं होती।u
पीठ ने अंततः फैसला सुनाया कि पदोन्नति का मामला विशेष रूप से कार्मिक और रूपा से संबंधित है तथा रोहिणी को इसमें हस्तक्षेप करने का कोई अधिकार नहीं है, इसलिए रोहिणी की याचिका खारिज कर दी गई।