
Dispute Over Boards Without Permission : चंदन नगर की गलियों के नाम बिना अनुमति बदलने पर हंगामा, पार्षद पर FIR, बोर्ड हटाए गए!
Indore : शहर के पश्चिमी इलाके चंदन नगर में लगे धर्म विशेष के साइन बोर्ड को लेकर फिर बवाल मच गया। नगर निगम की अनुमति के बिना लगे इन बोर्ड को लेकर महापौर ने नाराजगी जताई और इन्हें हटाने के साथ दोषियों के खिलाफ एफआईआर के निर्देश दिए। साइन बोर्ड के खिलाफ विरोध बढ़ता देख निगम ने यह कार्रवाई की।

यहां स्थानीय पार्षद ने गलियों और सड़कों के नाम बदलकर वहां नए बोर्ड लगवाए थे। इनकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल होते ही मामले ने राजनीतिक रंग ले लिया। चंदन नगर क्षेत्र की सड़कें दशकों से चंदू वाला रोड, लोहा गेट रोड, मिश्रा रोड, आम वाला रोड नाम से पहचानी जा रही हैं। हाल ही में इन सड़कों के नाम बदलकर नए बोर्ड लगा दिए गए। इसमें चंदू वाला रोड को गौसिया रोड, लोहा गेट को रजा गेट, मिश्रा रोड को ख्वाजा रोड और आम वाला रोड को हुसैन रोड बताया गया।
पार्षद फातिमा रफीक ख़ान द्वारा नगर निगम की अनुमति लिए बिना ही गोसिया रोड, सकीना मंजिल, रजा गेट और ख्वाजा गेट नाम से बोर्ड लगाए थे। यह कार्रवाई निगम की अनुमति और एमआईसी के प्रस्ताव के बिना की गई, जबकि ऐसी किसी भी कार्रवाई से पहले एमआईसी की बैठक में प्रस्ताव पास किया जाता है। मामला सामने आने के बाद पूर्व विधायक और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के पुत्र आकाश विजयवर्गीय ने निगम आयुक्त को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई तो वे आंदोलन करेंगे। आकाश विजयवर्गीय ने इसे संवेदनशील मुद्दा बताते हुए कहा कि बिना अनुमति के ऐसे नामकरण और बोर्ड लगाना कानून के खिलाफ है।

महापौर ने एफआईआर के निर्देश दिए
सोशल मीडिया पर तस्वीरें वायरल होने के बाद महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने तुरंत एक्शन लिया। उन्होंने निगम अधिकारियों को सभी अवैध बोर्ड हटाने के निर्देश दिए। महापौर ने यह भी कहा कि शहर में सड़कों का नामकरण, मूर्तियों की स्थापना और बोर्ड लगाने का अधिकार केवल एमआईसी के पास है। बिना प्रस्ताव पारित किए ऐसे कदम उठाना असंवैधानिक है।
मामले पर पार्षद पति ने सफाई दी
बढ़ते विवाद के बीच पार्षद फातिमा रफीक खान के पति ने वीडियो जारी कर सफाई दी। उन्होंने कहा कि जिन बोर्डों को लेकर विवाद हो रहा है, वे नाम नए नहीं हैं। बल्कि, वर्षों से क्षेत्र इन्हीं नामों से पहचाना जाता रहा है। उन्होंने कहा कि बोर्ड निगम द्वारा लगाए गए थे। फिलहाल, निगम की टीम ने सभी विवादित बोर्ड हटाना शुरू कर दिए हैं और पार्षद के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।





