

Doctors’ Strike : प्रदेश के सरकारी डॉक्टर व्यवस्था से नाराज, 25 से हड़ताल करेंगे!
चिकित्सा महासंघ का सरकार को अल्टीमेटम, मांगों को लेकर चरणबद्ध प्रदर्शन शुरू!
नेता प्रतिपक्ष ने भी सरकार को चेताया, देखिए ‘एक्स’ पोस्ट!
Bhopal : प्रदेश के करीब 17 हजार सरकारी अस्पताल और मेडिकल कालेजों के डॉक्टरों ने अपनी मांगों को लेकर चरणबद्ध आंदोलन शुरू कर दिया है। वे सरकार के विरोध में उतर आए। गुरुवार को प्रदेशभर के सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कालेजों में कार्यरत डॉक्टरों ने काली पट्टी बांधकर मरीजों का इलाज किया। डॉक्टरों ने दोपहर 1 से डेढ़ बजे के बीच अपने कार्यस्थल पर लंबित मांगे पूरी नहीं होने पर प्रदर्शन किया। चिकित्सक महासंघ मध्य प्रदेश के बैनर तले यह आंदोलन हो रहा है।
डॉक्टर्स आंदोलन में स्वास्थ्य संस्थानों में उच्च स्तरीय समिति का गठन, डीएसीपी, एनपीए का सही क्रियान्वयन, 7वें वेतनमान का लाभ देना, हाई कोर्ट द्वारा गठित नेशनल टास्क फोर्स के सुरक्षा निर्देशों का क्रियान्वयन और चिकित्सा क्षेत्र में प्रशासनिक दखलंदाजी को रोकने जैसी कई मांगे शामिल की गई हैं। प्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता उमंग सिंघार ने भी ‘एक्स’ पर डॉक्टर्स की प्रस्तावित हड़ताल पर सरकार को गंभीरता से विचार करने को कहा है।
डॉक्टरों की हड़ताल सरकार के लिए चेतावनी !!!#MP के सभी जिलों के 15 हजार सरकारी डॉक्टर ने 24 और 25 फरवरी को अपनी मांगों को लेकर हड़ताल की चेतावनी दी है!#MP_सरकार को चाहिए कि डॉक्टर्स की मांगों पर गंभीरता से विचार करके सही निर्णय ले।
क्योंकि, डॉक्टर्स की हड़ताल से जन जीवन… pic.twitter.com/SIuu5kqEBY
— Umang Singhar (@UmangSinghar) February 21, 2025
प्रदेशभर के 17 हजार डॉक्टर हड़ताल पर हैं। सरकार द्वारा समस्याओं का समाधान नहीं करने पर चरणबद्ध आंदोलन किया जा रहा है। डाक्टरों का दावा है कि हम जनता की सेवा का ध्यान रखेंगे और अपने अधिकारों के प्रति संघर्ष भी करेंगे।
महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ राकेश मालवीय के मुताबिक, प्रदेश के सभी 52 जिला अस्पताल, कम्युनिटी अस्पताल, सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के मेडिकल ऑफिसर्स, 18 चिकित्सा महाविद्यालय के चिकित्सा शिक्षक एवं मेडीकल ऑफिसर, ईएसआई के सभी अस्पताल के मेडिकल ऑफिसर्स, मेडिको लीगल संस्थान के मेडिकल अधिकारी, संविदा चिकित्सक, जूनियर डॉक्टर्स इसमें शामिल रहेंगे। सभी जिला चिकित्सालयों के अलावा 350 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों पर डाक्टरों ने आंदोलन के पहले दिन काली पट्टी बांधकर काम किया।
अमानक दवाओं की होली जलाएंगे
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ कुलदीप गुप्ता ने बताया कि 20 फरवरी को प्रदेश के सभी डॉक्टर्स कार्यस्थल (सभी जिला अस्पताल, ईएसआई अस्पताल, मेडिकल कॉलेज) पर काली पट्टी लगाकर काम किया। 21 फरवरी को अमानक दवाओं की होली जलाई 22 फरवरी को प्रदेश के सभी डॉक्टर मास्क पहनकर भोजन अवकाश में दोपहर आधा घंटे एक से डेढ़ बजे तक अपने कार्यस्थल के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे। 24 फरवरी सोमवार को प्रदेश के सभी डॉक्टर्स सामूहिक उपवास एवं चिन्हित अस्पतालों में जनता के स्वास्थ्य से खिलवाड़ के विरोध में अमानक दवाइयों की सांकेतिक होली जलाएंगे और 25 फरवरी मंगलवार से प्रदेशव्यापी उग्र आंदोलन प्रारंभ किया जाएगा।
डॉक्टरों की मुख्य मांगे
लंबे समय से लंबित डीएसीपी, सातवें वेतन का लाभ और डॉक्टरों के कार्य में बढ़ती प्रशासनिक दखलंदाजी को रोकने समेत अन्य मुद्दों को लेकर चिकित्सक महासंघ ने स्वास्थ्य मंत्री और राज्य शासन को ज्ञापन भी दिया। लेकिन, इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। शासकीय, स्वशासी चिकित्सक महासंघ के संयोजक डॉ राकेश मालवीय ने बताया कि न अब तक हाईपॉवर कमेटी का गठन हुआ और न कैबिनेट से पारित निर्णय जैसे डीएसीपी, सातवें वेतनमान का लाभ 1 जनवरी 2016 से देना, एनएपीए की सही गणना व अन्य के संबंध में आदेश निकाले गए हैं।