मनावर से स्वप्निल शर्मा की रिपोर्ट
Manawar : नजदीक के गणपुर के सिरसी गांव में आज एक मृत कुत्ते का पूरे विधि-विधान से अंतिम संस्कार होना चर्चा में रहा। कुत्ते के मालिक सीताराम जाट के परिवार ने 17 साल तक उनके घर की सेवा करने वाले अपने इस चौकीदार को नम आँखों से विदाई दी। उन्होंने अपने पालतू मृत कुत्ते के अंतिम संस्कार में वो सारे विधि-विधान किए जो किसी इंसान के लिए किए जाते हैं।
ग्राम सिरसी के पूर्व उप सरपंच सीताराम जाट ने बताया कि उनके कुत्ते का नाम लालू था। वह अपने जन्म से मृत्यु तक उनके घर परिवार के साथ रहा और समय-समय पर उनकी रक्षा भी की। वो वास्तव में परिवार का रखवाला था। पर, अब वो इस दुनिया में नहीं रहा। हम उसे परिवार का सदस्य ही मानते थे, इसलिए उसकी मृत देह को भी उसी तरह दफनाया गया।
वे अपने कुत्ते लालू के मृत शरीर को प्लास्टिक के टब में लेटाकर उसे अपने खेत में ले गए और जेसीबी से खेत में पांच फिट का गड्ढा खोदकर उसे दफन किया। ऐसा करके उन्होंने अपने पालतू कुत्ते के प्रति अपनी जिम्मेदारी का भी अहसास करवाया। उन्होंने कहा कि हमने लालू को इसलिए खेत में दफनाया कि उसके हमेशा साथ होने का अहसास होता रहे।
सीताराम जाट जब सिरसी के उप सरपंच बने थे, तब उन्होंने गांव में घोषणा की थी, कि सिरसी में किसी भी गरीब परिवार के सदस्य की मृत्यु होगी, तो उसके अंतिम संस्कार का सारा खर्च वे स्वयं वहन करेंगे। उन्होंने 5 साल तक लगातार अपनी इस घोषणा पर अमल भी किया और गरीब परिवारों को अंतिम संस्कार का सामान उपलब्ध कराया। समाजसेवी सीताराम जाट ने विवाह नहीं किया, पर पूरा सारा जीवन गांव की सेवा में लगा दिया।