56 के चक्कर में लटक न जाए डिप्टी कलेक्टरी, इंतजार से बढ़ा राप्रसे में आक्रोश
भोपाल: राज्य प्रशासनिक सेवा के कैडर का डिप्टी कलेक्टर का पद पाने का इंतजार कर रहे प्रदेश के करीब ढाई सौ तहसीलदारों की इच्छा पर उन्हीं के कैडर के 56 अधिकारियों की अनिच्छा भारी पड़ती दिख रही है। ये ऐसे अधिकारी हैं जो किसी न किसी रूप में जांच के दायरे में हैं और इसी कारण ये चाहते हैं कि जब तक कोर्ट का फैसला नहीं हो तब तक किसी को पदोन्नति नहीं दी जाए। इन अफसरों ने इसको लेकर अपने स्तर पर कुछ कवायद भी की है और इसी के चलते अगस्त में कार्यवाहक पदोन्नति पाने की उम्मीद लगाए तहसीलदारों को अब तक इंतजार ही करना पड़ रहा है। ऐसे में पात्र अफसरों में व्यवस्था को लेकर आक्रोश बढ़ रहा है।
तहसीलदारों को पुलिस और जेल विभाग के अफसरों की तर्ज पर कार्यवाहक पदोन्नति नहीं दिए जाने के चलते उपजे असंतोष को देखते हुए जीएडी और राजस्व विभाग ने तहसीलदारों की सीनियरिटी लिस्ट जिलों से मंगाई थी। इसके बाद यह माना जा रहा था कि अगस्त में तहसीलदार कार्यवाहक डिप्टी कलेक्टर बन जाएंगे। पहले कलेक्टरों ने देर से सूची भेजी और अब प्रमुख राजस्व आयुक्त ने जानकारी सौंप दी तो जीएडी इस मामले में देर कर रहा है। बताया जाता है कि इस देरी के पीछे तहसीलदार कैडर के कुछ अधिकारी ही शामिल हैं जिनकी संख्या 56 है। चूंकि ये फिलहाल प्रमोट हो पाने की स्थिति में नहीं हैं, इसलिए चाहते हैं कि अब जब प्रमोशन में रिजर्वेशन का सुप्रीम कोर्ट का फैसला आए तो उसके आधार पर ही पदोन्नति दी जाए।
*एक दिक्कत यह भी बता रहे अफसर*
इसी मामले में एक अन्य दिक्कत IAS से लेकर तहसीलदार कैडर तक के अफसरो को नवीन पदस्थापना को लेकर भी बताई जा रही है। वरिष्ठ अधिकारियों ने दलील दी है कि चूंकि आईएएस कैडर के कई पदों पर राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी सीईओ जिला पंचायत या अन्य पदों पर तैनात रहते हैं। चूंकि दो माह से तबादले भी प्रस्तावित हैं। इसलिए भी जीएडी इसे टाल रहा हैै ताकि जब संयुक्त अधिकार वाले पदों पर आईएएस की तैनाती साफ हो जाए तो वहां एसएएस तैनात किए जाएं। इसके बाद रिक्त होने वाले पदों को वरीयता क्रम में सीईओ जिला पंचायत, अपर कलेक्टर, संयुक्त कलेक्टर और डिप्टी कलेक्टर के पद पर तैनात किया जाए।