दृढ़ता के प्रतीक जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat)

General Bipin Rawat

दृढ़ता के प्रतीक जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat)

भारतीय इतिहास में पहली बार देश के सेना प्रमुख एवं उनकी पत्नी समेत कुल चौदह उच्च स्तरीय दक्ष और सक्षम सेना अधिकारी बुधवार दोपहर हेलीकॉप्टर क्रैश होने से शहीद होगये । आधिकारिक रूप से सांय 6 बजे भारतीय वायु सेना द्वारा ट्विट कर यह दुःखद सूचना जारी की ।

समूचा देश छह घंटों तक बेचैन रहा और प्रार्थना करता रहा कि अनहोनी नहीं हो ।
अब यह तथ्य उच्च स्तरीय जांच में ही सामने आएगा कि मात्र 55 किलोमीटर की कोई 20 – 25 मिनिट की उड़ान में रूस से लिये गये डबल इंजन वाले गुणवत्तापूर्ण हेलीकॉप्टर एम आई 17 क्यों – कैसे और किन कारणों से क्षतिग्रस्त होकर ध्वस्त होगया ? यह तकनीकी कारणों से या कतिपय साजिश की शंका की वजह से शिकार हुआ ?

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चिंता देश भर में व्यक्त की जारही है कि देश की थल सेना , वायु सेना और नोसेना की पहली बार संयुक्त कमान संभाल रहे जनरल बिपिन रावत की एवं सहयोगी टीम की सुरक्षा में चूक तो नहीं हुई ? कई स्तरों पर जांच – परीक्षण उपरांत ही संयुक्त सेना प्रमुख का काफिला क्रियाशील होता है ।

यहां जनरल रावत (General Bipin Rawat) की टिप्पणी महत्वपूर्ण है जब संयुक्त सेना प्रमुख पद ग्रहण किया तब आपने दृढ़तापूर्वक शब्दों में भारत और भारतीय सेना की नीति को सामने रखा । जनरल रावत के शब्दों में ” पहली गोली हमारी नहीं होगी , पर उसके बाद हम गोलियों की गिनती भी नहीं करेंगे ”
यह दर्शाता है कि उन्हें अपनी सेना और अपने देश पर कितना भरोसा है ।
यही देश की रक्षा नीति , सामरिक सुरक्षा नीति , विदेश नीति रही है ।
इसके चलते ही देश ने चीन , पाकिस्तान के युद्धों में नियंत्रण पाया ।

दृढ़ता के प्रतीक जनरल बिपिन रावत (General Bipin Rawat)

बुधवार का हादसा देशवासियों को झकझोर गया है । क्योंकि वैश्विक परिदृश्य में भारत की बढ़ती सैन्य और आर्थिक ताक़त को अन्यान्य देश बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं । कई मोर्चों पर कूटनीतिक , रणनीतिक , राजनीतिक गतिविधियों का क्रम जारी है । फिर थल सेना अध्यक्ष रहे जनरल बिपिन रावत विषमताओं में भी पहाड़ी क्षेत्रों और ऊंचाई पर युद्ध रणनीति में अत्यंत दक्ष और नेतृत्व कर्ता माने जाते ह । क्या यह भी रास्ते से हटाने का षड्यंत्र होसकता है ?

(General Bipin Rawat

देश के प्रधानमंत्री , गृहमंत्री , रक्षामंत्री , तीनों सेना प्रमुखों और सम्पूर्ण देश को जनरल रावत की काबिलियत पर बहुत विश्वास रहा तभी वे देश की सेना की संयुक्त कमान के प्रमुख बनाये गए ।
मंगलवार को ही जनरल रावत ने देश और विश्व का ध्यान खींचा , बहुराष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अभ्यास ( पैनेक्स ) के सत्र को संबोधित करते हुए आगाह किया कि जैविक युद्ध
( बॉयोवार ) की स्थिति बन रही है , जिसकी तैयारी हमें और पड़ोसी देशों को करना होगी ।
विश्व की महाशक्तियों समेत 17 देशों द्वारा जैविक युद्ध की तैयारियों को मजबूत किया जारहा है ।

जनरल बिपिन रावत का मध्यप्रदेश से भी गहरा और पारिवारिक रिश्ता रहा । विंध्याचल क्षेत्र के शहडोल संभाग की सोहागपुर रियासत के आप दामाद हैं । क्षेत्र के विधायक रहे कुंवर मृगेंद्र सिंह की सुपुत्री मधुलिका सिंह से आपका विवाह हुआ । यह दुःखद है कि बुधवार हादसे में जनरल के साथ पत्नी मधुलिका सिंह और अन्य वरिष्ठ सैन्य अधिकारी भी नहीं रहे ।General Bipin Rawat

देश गमगीन है पर जनरल रावत की दृढ़ता को स्वीकार कर एकजुटता भी जता रहा है । सेना का लीडर और शहीद कभी नहीं मरते । वे मिसाल बन कर राष्ट्रीयता की मशाल बन देशवासियों की प्रेरणा बन जाते हैं ।

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इस मौके पर जनरल रावत , पत्नी श्रीमती मधुलिका सिंह रावत एवं सैन्य अधिकारियों को भावपूर्ण विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए विश्वास करते हैं कि आकस्मिक और स्तब्ध कर देने वाला वियोग प्रेरणा बनकर शक्ति देगा ।

vipin rawat

निश्चित ही सारा देश शहीदों के परिवार के साथ खड़ा है ।
हमारी आन – बान और शान सेना पर अभिमान है ।

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Ghanshyam Batwal
डॉ . घनश्याम बटवाल