सपना हुआ साकार: वृद्धाश्रम में सेवा देने वाली गायत्री बाई की 35 साल में पहली बार मनी शादी की सालगिरह

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*रतलाम से रमेश सोनी की रिपोर्ट*

पिछले कई वर्षो से वृद्धाश्रम में अपनी सेवाए दे रही गायत्री बाई के उस समय खुशी से आंसू छलक पड़े जब शादी के 35 वर्ष पूरे होने पर पहली बार उनकी शादी की सालगिरह सामाजिक कार्यकर्ता फैयाज मंसूरी और सीनियर सिटीजन सेवा संस्थान कार्य प्रभारी शबाना खान द्वारा मनाई गई।यह गायत्री बाई और उनके पति के लिए सपना था,जिसे साकार किया फैय्याज मंसूरी ने।

गायत्री बाई ने बताया कि उनकी शादी को 35 वर्ष पूर्ण हो गए।घर और रोजी रोटी की चिंता में कभी उन्हें सालगिरह मनाने का मौका ही नहीं मिला।उन्होंने बताया कि मेरे पति सुबह 8 बजे मजदूरी के लिए चले जाते हैं,और रात में देर से घर लोटते है।मेरे भी जीवन के 35 वर्ष मजदूरी और परिवार सहित बच्चों को संभालने में गुजर गए।गायत्री बाई बताती है कि वृद्धाश्रम में अपनी सेवाए देती हूं और जब से मैं यहां आई हुं यह वृद्धाश्रम ही मेरा परिवार बन गया।अब इन्हे भी मेरी जरुरत है।घर परिवार को यहां आकार भूल जाती हूं,कुछ भी याद नहीं रहता।

बस एक सपना था की जिस तरह बड़े बड़े लोग अपना जन्म दिन यहां आकार मनाते हैं,कभी मैं भी ऐसे ही सालगिरह एक दिन मनाऊंगी ।                                                                  IMG 20220311 WA0071

जब सीनियर सिटीजन प्रभारी शबाना खान और फयाज मंसूरी वृद्धाश्रम आए उस समय बस मेरी यह इच्छा उनके सामने आ गई फिर क्या था मालूम नहीं कब शबाना जी और फैयाज मंसूरी जी ने मेरी शादी की सालगिरह को मेरे लिए यादगार बना दिया।

अपनी जिंदगी में पहली बार हम दोनों पति पत्नी ने एक साथ केक काटा और सभी आश्रम के सदस्यों ने भी आशीर्वाद दिया। फैयाज जी मंसूरी और शबानाजी की और से हमें उपहार भी दिए गए। मेरी इस खुशी के लिए धन्यवाद देने के लिए शब्द नही।