Drone Fair in Gwalior : ग्वालियर में ड्रोन एक्सीलेंस सेंटर खुलेगा, प्रदेश में 5 ड्रोन स्कूल

पहले ड्रोन मेले में करीब 20 कंपनियों ने भाग लिया, एक साथ 40 ड्रोन उड़ाए गए

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Gwalior : मध्य प्रदेश ने आज तकनीक के मामले में नई करवट ली। आज यहाँ हुए ड्रोन मेले का शुभारंभ मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किया। यह मेला माधव इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (MITS) में लगाया गया है। इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने प्रदेश में 5 ड्रोन स्कूल खोलने की घोषणा की। उन्होंने MITS में ड्रोन एक्सीलेंसी सेंटर (Drone Excellence Center) स्थापित करने की का भी ऐलान किया। एक ड्रोन कंपनी से इसके लिए एमओयू भी साइन किया गया। ग्वालियर, इंदौर, जबलपुर, भोपाल और सतना में ड्रोन तकनीक और उसके इस्तेमाल की पढाई और प्रशिक्षण के लिए स्कूल खोले जाएंगे।

CM शिवराज सिंह ने MITS में प्रदेश के पहले ड्रोन मेले का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि ड्रोन टेक्नोलॉजी आधुनिक युग के लिए वरदान (Drone Technology a Boon for the Modern Era) है। भविष्य में इसका उपयोग क्रांतिकारी होगा। विकास के साथ आपदा प्रबंधन (Disaster Management) में भी ड्रोन तकनीक उपयोगी साबित होगी। ड्रोन का उपयोग खेतों में उर्वरक और दवाओं का छिड़काव के अलावा दवाइयां पहुंचाने से लेकर कई काम में होता है। प्रदेश के पहले ड्रोन मेले में करीब 20 कंपनियों ने भाग लिया। एक साथ 40 ड्रोन भी उड़ाए गए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह एक बहु उपयोगी तकनीक है, जिसका उपयोग कई काम में हो रहा है। प्रदेश के हरदा जिले में स्वामित्व योजना के क्रियान्वयन में ड्रोन के सहयोग से पूरे देश में सबसे पहले इस कार्य को करने का सौभाग्य मध्यप्रदेश को मिला। नागरिकों को संपत्ति के अधिकार के सर्वे कार्य में भी ड्रोन का उपयोग किया गया। सुरक्षा क्षेत्र में और समाज जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में ड्रोन उपयोगी (Drones Useful in Different Areas of Society Life) है।

CM ने कहा कि प्रदेश सरकार इस तकनीक का उपयोग कर रोजगार वृद्धि, विकास और जनकल्याण के कार्यों में तेजी से काम करके आने का प्रयास करेगी। उन्होंने बताया कि कुछ माह पहले शिवपुरी, गुना जिलों में बाढ़ के समय नाव से जो काम नहीं हो सके, वो ड्रोन के उपयोग से संभव हुए। ड्रोन के इस्तेमाल से पेड़ों पर जान बचाने के लिए सहारा लिए लोगों को खोज लिया गया। विदिशा जिले में गंजबासौदा में कुआं धंसक जाने की घटना के समय भी बचाव कार्य में ड्रोन का उपयोग हुआ। कार्यक्रम में CM और ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के साथ ही केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) और ग्वालियर के प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट भी मौजूद रहे।

ड्रोन स्टार्टअप बढ़ाएंगे

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने उम्मीद जताई कि उनके मंत्रालय का पीएलआई योजना (PLI Plan) भारत में ड्रोन क्रांति का सूत्रपात करेगा। सिंधिया ने वीडियो ऐप यूट्यूब पर नौजवानों से चैट भी की। उन्होंने कहा कि हमें विश्व-स्तर पर फॉलोअर्स नहीं लीडर बनना है। इसमें ड्रोन स्टार्टअप्स बड़ा जरिया बन सकता है। हम PIL से अगले तीन साल तक 120 करोड़ रुपए का प्रोत्साहन उद्यमियों को देंगे।

सिंधिया ने कहा कि जब कोई तकनीक नई होती है, तब उसकी कीमत ज्यादा होती है। बाद में ये बहुत तेजी से कम होती हैं। मोबाइल तकनीक आज उपकरण और डेटा वैल्यू के लिहाज से बेहद किफायती हो चुकी है। उसी तरह से जब बड़े पैमाने पर इस्तेमाल होगा तो ड्रोन की कीमत भी घटेंगी। ड्रोन सेक्टर के फलने-फूलने से कस्बा-देहात तक ट्रेंड ड्रोन-पायलटों की आवश्यकता होगी। युवाओं के लिए यह रोजगार का नया क्षेत्र होगा।