Simhasth-2004: धोखाधड़ी करने वाले 3 आरोपियों को 4-4 वर्ष सश्रम कारावास के साथ अर्थदंड की सजा

उज्जैन नगर निगम में फर्जी बिल लगाकर प्राप्त किया था लाखों का भुगतान

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सिंहस्थ-2004

Simhasth-2004: धोखाधड़ी करने वाले 3 आरोपियों को 4-4 वर्ष सश्रम कारावास के साथ अर्थदंड की सजा

उज्जैन से सुदर्शन सोनी की रिपोर्ट

उज्जैन। न्यायालय अष्टम अपर सत्र न्यायाधीश संतोष प्रसाद शुक्ल न्यायाधीश जिला उज्जैन के न्यायालय द्वारा आरोपी 1. मुकंदीलाल पटेल, आरोपी 2.रूपेन्द्र केथवास, आरोपी 3. राधेश्याम निवासी जिला उज्जैन को धारा 467, 468, 471, 120बी भा.द.वि. में 4-4 वर्ष सश्रम कारावास की सजा एवं 1,50,000 – 1,50,000/- रूपये के अर्थदण्ड से दण्डित किया गया।

सिंहस्थ-2004

उप-संचालक (अभियोजन) डॉ. साकेत व्यास ने अभियोजन की घटना अनुसार बताया कि नगर पालिका निगम उज्जैन में सिंहस्थ-2004 मद से क्रय की गई सामग्री से संबंधित प्रकरण पत्रिकाओं के भौतिक सत्यापन के दौरान प्रकट हुआ कि फ्लाईक्लीन एवं सोल्फेक्स पावडर के क्रय करने की नस्ती स्टोर में उपलब्ध नहीं हो पा रही है।

जाँच करने पर पाया गया कि उक्त साम्रगी के बिलों पर अंकित जानकारी असत्य है, क्योंकि स्टाक रजिस्ट्रर में वर्णन अनुसार पेज क्रमांक 311 नहीं है तथा पेज क्रमांक 210 पर किसी प्रकार का इंद्राज नहीं है।

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जाॅच में यह भी पाया गया की सामग्री प्राप्त किये बिना ही अंकित इंटरप्रायजेस फर्म को 8,22,269/- रूपये राशि का भुगतान कर दिया गया जो उक्त फर्म की ओर से अभियुक्त रूपेन्द्र कैथवास ने जिला सहकारी बैंक टावर चौक के माध्यम से प्राप्त किया ।

उपरोक्त स्थिति प्रकरण पत्रिका के गायब हो जाने से, बिल पर गलत जानकारी अंकित कर भुगतान प्रस्तावित करने तथा बिना सामग्री प्राप्त किये भुगतान करने के आधार पर नगर निगम के साथ धोखाधड़ी, कुटरचना एंव बोगस भुगतान किये जाने का प्रकरण प्रकट हुआ। जिसकी लिखित रिपोर्ट थाना कोतवाली उज्जैन में की गई। संपूर्ण अन्वेषण उपरांत अभियोग पत्र न्यायालय में प्रस्तुत किया गया। न्यायालय द्वारा अभियोजन के तर्कों से सहमत होकर आरोपी को दंडित किया गया।

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नोटः-संदेह का लाभ देकर आरोपी आन्नद तिवारी को न्यायालय ने दोषमुक्त किया है।

प्रकरण में पैरवी रूपसिंह राठौर, अपर लोक अभियोजक, जिला उज्जैन द्वारा की गई। उक्त जानकारी अभियोजन मीडिया सेल प्रभारी उज्जैन कुलदीप सिंह भदौरिया द्वारा दी गई।