White Butter: साग के साथ जरूर खाएं सफेद मक्खन , डाइटिशियन से जानें इसके फायदे

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 White Butter: साग के साथ जरूर खाएं सफेद मक्खन  डाइटिशियन से जानें इसके फायदे

सर्दी आते ही बाजार में साग और हरी सब्जियां आने लगती है। साग सेहत के लिए फायदेमंद होता है, साथ ही स्वाद में भरपूर होता है। बथुआ, सरसों और पालक के साग से व्यक्ति की इम्यून सिस्टम बूस्ट होती है।

साथ ही, आयरन की कमी दूर करने के लिए आप डाइट में साग का सेवन कर सकते हैं। साग में कई तरह के पोषक तत्व होते हैं, जैसे आयरन, विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के, मैंग्नीज, पोटैशियम आदि पाए जाते हैं। साग से रोग प्रतिरोधक क्षमता बूस्ट होती है, जिससे सर्दी खांसी, जुकाम, गले में दर्द और बुखार होने की संभावना आदि समस्याओं को दूर किया जाता है। साग में मौजूद फाइबर पाचन क्रिया के लिए फायदेमंद होता है, जो आपके वजन को कंट्रोल रखने में फायदेमंद होता है। एक्सपर्ट की मानें तो साग के साथ वाइट बटर का सेवन करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। न्यूट्रिशनिस्ट नवनीत बत्रा ने इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट को शेयर करते हुए इसके फायदों के बारे में बताया है। जिन्हें आगे बताया गया है।

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सर्दियों में साग के साथ सफेद मक्खन खाने के फायदे – Benefits Of Eating White Butter With Saag During Winter In Hindi

एक्सपर्ट के अनुसार बाजार में मिलने वाले मखन की तुलना में घर पर बनाया गया सफेद मखन ज्यादा पौष्टिक होता है। इससे कई तरह की समस्याओं को दूर किया जा सकता है। यही कारण है कि पंजाब में सर्दियां आते ही लोग साग के साथ सफेद मखन का सेवन सालों से करते आएं हैं।

पाचन क्रिया के लिए फायदेमंद

सफेद मक्खन में फैटी एसिड पाया जाता है, जो गट हेल्थ में सुधार करने के करता है। इससे आंतों की सूजन कम होने में मदद मिलती है। साथ ही, साग में सफेद मक्खन डालने से साग की पौष्टिकता बढ़ जाती है।

फैट सॉल्युबल विटामिन से भरपूर

साग में सफेद मखन का सेवन करने से व्यक्ति को विटामिन ए, विटामिन डी, विटामिन ई और विटामिन के से युक्त होता है। वहीं, फैट सॉल्युबल विटामिन शरीर के लिए महत्वपूर्ण होते हैं। सफेद मक्खन आंखों और स्किन के लिए फायदेमंद होता है। इसमें मौजूद गुड कोलेस्ट्रॉल होता है, जो हार्ट हेल्थ के लिए बेहतर माना जाता है।

आयरन के अवशोषण में सहायक

साग बनाने के लिए पालक का उपयोग किया जाता है। पालक में आयरन की मात्रा अधिक होती है। सफेद मक्खन में मौजूद फैट, आयरन के आवशोषण में मददगार होता है। एनीमिया की समस्या से परेशान महिलाएं डाइट में साग को शामिल कर सकती है।

साग के कड़वाहट को करें बैलेंस

साग स्वाद में कड़वाहट होता है। साग में शामिल किए जाने वाले बथुए का स्वाद कसैला होता है। इसमें जब सफेद मक्खन का इस्तेमाल किया जाता है, तो इसका कसैलापन कम हो जाता है।